बिहार बाढ़ पीड़ित को दिया गया सहायता या उड़ाया गया मजाक ,1500 लोगो को 5000 रूपये की सहायता राशि
पटना : बिहार के किशनगंज जिले के बाढ़ से पीड़ित एक गांव में BDO स्थिति का जायजा लेने पहुंचे। उन्होंने 1500 लोगों के इस गांव को सिर्फ 5000 रुपये का सहायता राशि दिया। 1500 लोग और मात्र 5000 रुपया, इतने में तो लोग भरपेट खिचड़ी भी नहीं खा पाये।
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आपको बता दें कि बिहार के 12 जिलों के 68 प्रखंडों के 444 गांव के करीब 20 लाख लोग बाढ़ से प्रभावित हैं। बाढ़ प्रभावित जिलों में सीतामढ़ी, दरभंगा, पूर्वी चंपारण, अररिया, सुपौल, मधुबनी, शिवहर, किशनगंज, मुजफ्फरपुर, सहरसा, कटिहार, मोतिहारी, पूर्णिया शामिल है। बाढ़ के कारण अबतक कुल 44 लोगों की जान जा चुकी है।
बाढ़ से निपटने के लिए बिहार सरकार का कदम
बिहार सरकार ने बाढ़ प्रभावित इलाकों में लगभग 149 राहत शिविर बना चुकी है। इन राहत शिविरों में एक लाख से लोग ठहरे हुए हैं। इन शरणार्थी को खाने-पीने की व्यवस्था के लिए 300 से ज्यादा सामुदायिक रसोई का निर्माण किया गया है। SDRF के साथ साथ NDRF की टीम भी बाढ़़ में फंसे लोगों को बचाने के लिए पहुंच चुकी है। जल संसाधन मंत्री संजय झा का कहना है कि सरकार अपना काम पूरी ईमानदारी के साथ कर रही है और हमलोग इस दुख की घड़ी में पीड़ित जनता के साथ है। बिहार सरकार द्वारा आपातकालीन केन्द्र का नंबर 0612- 2294204/10/05 जारी किया गया है।
बाढ़ से निपटने के लिए बिहार सरकार का कदम
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क्यों आती है बिहार में हर साल बाढ़
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी सहित विपक्षी कांग्रेस पार्टी बाढ़ के मुद्दे पर अपना पक्ष रखते हुए कहा कि हमारे राज्य में बाढ़ आने का मुख्य कारण नेपाल से पानी का छोड़ा जाना है। इतना ही नहीं, नीतीश कुमार ने यह भी कहा कि बाढ़ एक ऐसी प्राकृतिक आपदा है जिस पर किसी का कोई नियंत्रण नहीं है।
पोस्टेड बाय अंजलि कुमारी
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