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    सीतामढी नेशनल इंटीग्रेटेड मेडिकल एसोसिएशन की आपात बैठक


    We News 24 Hindi »सीतामढ़ी.बिहार
    कैमरामैन पवन साह के साथ ब्यूरो संवाददाता अवध बिहारी उपाध्याय की रिपोर्ट

    सीतामढ़ी :बैरगनिया(ए.स.)। नेशनल इंटीग्रेटेड मेडिकल एसोसिएशन सीतामढी की आपात बैठक बैरगनिया में डॉ आर. के. श्रीवास्तव की अध्यक्षता में हुई है।बैठक में आयुष चिकित्सको ने 24 सितम्बर 19 को डॉ. एल. पी. गुप्ता को नार्मल डिलीवरी कराने के जुर्म दोषारोपित कर वर्तमान अनुमंड अस्पताल डेहरी के उपाधीक्षक के द्वारा नजदीकी प्रशासन की मदद से जेल भेज दिया गया तथा बचाव में आई पत्नी को भी तथाकथित डॉ. बताकर जेल भेज दिया गया जिसकी तीब्र भर्त्सना की गई। 

    विदित हो कि उस समय उसी क्षेत्र की एक गर्भवती महिला अनिता देवी पति राजेश कुमार डेहरी बारापत्थर की रहने वाली वहां डिलीवरी के लिए भर्ती थी और बुरी तरह दर्द से तड़प रही थी उसका बच्चा कुछ क्षण बाद होने ही वाला था कि डॉ. गुप्ता को पुलिस द्वारा गिरफ्तार कर उस गर्भवती महिला को और उसके होनेवाले बच्चे को भगवान के भरोसे छोड़ दिया।गर्भवती महिला मदद के लिए चिल्लाते रही कि मेरा दर्द से जान निकला जा रहा है मेरा डिलीवरी हो जाने दीजिए पर उपाधीक्षक और प्रशासनिक अधिकारी ने उनकी एक न सुनी। 

     डॉ. गुप्ता मान्यता प्राप्त कॉलेज से बीएएमएस की डिग्री प्राप्त किए हुए हैं।उपाधीक्षक डॉ. संजीव कुमार सिंह ने इलेक्ट्रॉनिक मीडिया और प्रिंट मीडिया को दिए साक्षात्कार में सभी आयुष चिकित्सकों को क्वेक और झोलाछाप चिकित्सक कहकर संबोधित किया जिसका सभी आयुष चिकित्सक संघ और एनआईएमए के द्वारा पुरजोर विरोध करती है और उनसे लिखित मांग करती है कि आयुष चिकित्सकों के अधिकार एवं कर्तव्यों का विवरण या दस्तावेज प्रस्तुत करें अन्यथा अपने कुकृत्यों पर आयुष चिकित्सकों से माफी मांगे।आयुष चिकित्सक संघ का कहना है कि ऐसा नहीं करने पर बिहार के सभी आयुष चिकित्सक सरकारी और अपने निजी क्लीनिक में सेवा देना अनिश्चित काल के लिए बंद कर देंगे।

    इससे सरकार और समाज को होनेवाले क्षति का जिम्मेदार उपाधीक्षक डॉ. सिंह होंगे। आयुष चिकित्सकों का आरोप है कि स्वास्थ्य विभाग से क्वेक या झोलाछाप चिकित्सकों को चिन्हित कर कार्यवाही करने का आदेश आता है तो ये उनके विरुद्ध कार्यवाही न करके पैसा लेकर उनके निजी क्लिनिक को चलवातें हैं और आयुष चिकित्सकों के यहां छापेमारी कर उन पर दोष आरोपित कर पैसा वसुलतें हैं और न देने पर विभिन्न तरीके का धारा लगाकर जेल भेज देतें हैं। 

    आयुष चिकित्सकों का यह भी कहना है कि आयुष चिकित्सकों के जांच के लिए आयुष का डीआईएमो सभी जिले में पदस्थापित हैं ये उनके भी अधिकार का हनन करते हुए निजी स्वार्थ के लिए घृणित कार्य करतें हैं। जब विभिन्न जिलों से आये आयुष चिकित्सक उपाधीक्षक डॉ. सिंह से मिलने अनुमंडल अस्पताल पहुंचे तो डॉ. सिंह ने पुनः आयुष चिकित्सकों को क्वेक और झोलाछाप डॉक्टर कहते हुए गंदी गाली के साथ अपने संतरियों के द्वारा धक्का मारते हुए बाहर निकलवा दिया। स्थिति को देखते हुए उपाधीक ने बीडीओ अरुण कुमार तथा थानाध्यक्ष सुबोध कुमार को बुला लिया और उनलोगों के सामने ही चिकित्सकों को गाली देते हुए जान से मारने की भी धमकी दे डाली । 


    डॉ. सिंह ने कहा कि जो मेरे विरुद्ध कार्य करेगा उसे हम बर्बाद कर देंगे और सभी चिकित्सकों पर केस भी करने और जेल भेजने का भी धमकी दिया।बीडीओ व थानाध्यक्ष ने मामले को शांत कराया और सभी चिकित्सक वहां से चले गए।आयुष चिकित्सकों का कहना है कि जकशिबिगघा मुहल्ले में गुप्ता क्लीनिक में क्षापामारी कर डॉ0 एवं उनकी पत्नी की गिरफ्तारी सरासर गलत है जिसका हम सभी आयुष चिकित्सक विरोध करतें हैं ।विदित हो कि वह उपाधीक्षक कुछ दिन पहले ही डॉ गुप्ता पर केस किए थे जिसके बेल वे सासाराम जिला सत्र न्यायालय से लेकर आये थे पुनः दुबारा इनको अपना बेल न दिखाने का अवसर देते हुए इन पर केस करने की क्या आवश्यकता पड़ गई यह जांच का विषय है।


     सभी आयुष चिकित्सकों ने जिलाधिकारी सासाराम से इस विषय पर संज्ञान लेने की बात कही है और मांग की है कि उपाधीक्षक पर आरोप तय कर उनपर उचित करवाई की जाय।
     बैठक में एसोसिएशन के कोषाध्यक्ष डॉ प्रदीप कुमार जायसवाल , संरक्षक डॉ सदानंद सिंह, प्रवक्ता डॉ खुर्शीद आलम, डॉ त्रिपुरारी मिश्रा,डॉ फहद राही, डॉ निभा वर्मा, डॉ संजय कुमार झा, डॉ जुल्फेकार अली, डॉ तरूण कुमार शर्मा, आदि चिकित्सक उपस्थित थे ।

    रोहित कुमार द्वारा किया गया पोस्ट 

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