जम्मू कश्मीर से पाबन्दी हटते आतंकी हमले करवा सकता है पाकिस्तान
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वाशिंगटन: केंद्रीय विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने जम्मू-कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा देने वाले अनुच्छेद-370 को हटाने के केंद्र के फैसला को सही ठहराते हुए कहा कि लोग इसका लंबे समय से इंतजार कर रहे थे. साथ ही कहा कि फैसले के बाद पाकिस्तान से इसी तरह की प्रतिक्रिया की उम्मीद की जा रही थी, क्योंकि उसने कश्मीर घाटी में आतंकवादको बढ़ावा देने के लिए लंबे समय तक बड़ा निवेश किया है. बता दें कि मोदी सरकारके इस फैसले के बाद प्रधानमंत्री इमरान खान समेत पाकिस्तान के तमाम छोट-बड़े नेता लगातार भारत के खिलाफ बोल रहे हैं. वहीं, पाकिस्तान ने कश्मीर मसले को लेकर अंतरराष्ट्रीय समुदाय का समर्थन हासिल करने की भरसक कोशिश की, लेकिन किसी देश ने उसका साथ नहीं दिया.
क्या पाकिस्तान कश्मीर में शांति और खुशहाली चाहेगा?
जयशंकर ने वाशिंगटन में अमेरिका के शीर्ष थिंक टैंक 'द हेरिटेज फाउंडेशन' के कार्यक्रम में भाषण देने के बाद कश्मीर को लेकर पूछे गए एक सवाल के जवाब में कहा, 'अनुच्छेद-370 हटाने के फैसले के साथ ही 5 अगस्त से जम्मू-कश्मीर में पाबंदियां लागू कर दी गई थीं. दरअसल, हमें आशंका थी कि इस फैसले के बाद पाकिस्तान कश्मीर में वही करेगा जो वह पिछले कई दशक से करता आ रहा है. अगर मौजूदा पाबंदियों को हटा दिया जाए तो आप पाकिस्तान से क्या उम्मीद करते हैं? क्या पाकिस्तान चाहेगा कि वादी में शांति और खुशहाली लौटे?'
'कश्मीर में कानून-व्यवस्था तहस-नहस करना चाहेगा पाक'
विदेश मंत्री ने कहा, पाकिस्तान कभी नहीं चाहेगा कि कश्मीर घाटी में शांति और खुशहाली लौटे. वे चाहेंगे कि कश्मीर में मौजूदा शांति और कानून व्यवस्थातहस-नहस हो जाए. अगर पाबंदियां हटाई गईं तो पाकिस्तान कश्मीर घाटी में आतंकवाद के जरिये डर का माहौल बनाने की कोशिशें शुरू कर देगा. दरअसल, उनसे पाकिस्तानी नेतृत्व की ओर से लगाए गए आरोपों पर सवाल पूछा गया था, जिसमें पाक ने कहा था कि भारत कश्मीर में सुरक्षा व संचार पाबंदियां हटने के बाद होने वाले किसी भी आतंकी हमले के लिए इस्लामाबाद पर झूठे आरोप लगाएगा.
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'पाकिस्तान की पिछली हरकतों को ध्यान में रखना जरूरी'
जयशंकर ने कहा कि पाकिस्तान की इस टिप्पणी की सच्चाई जानने के लिए उनकी पिछली हरकतों को ध्यान में रखना जरूरी है. ऐसा नहीं है कि पाकिस्तान 5 अगस्त के बाद पहली बार ऐसी भाषा बोल रहा है. ये उनकी हमेशा की नीति रही है. ये कश्मीर के भारत में विलय के दिन से ही शुरू हो गया था. उनके बयानों को परखने के लिए कश्मीर का इतिहास खंगालना पड़ेगा. भारत कश्मीर के हालात को सामान्य बनाने के लिए जो भी संभव होगा करेगा. हमें न सिर्फ पाकिस्तान के झूठे बयानों, बल्कि उनकी ओर से भेजे जाने वाले आतंकियों से भी निपटना है. हमें यह भी ध्यान रखना होगा कि पाकिस्तान परमाणु हथियारों की धमकी भी दे रहा है |
70 साल पुराने नक्शे के आधार पर कर रहे पीओके पर दावा
जब विदेश मंत्री से पाक अधिकृत कश्मीरको वापस हासिल करने की कार्ययोजना के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि पाकिस्तान अवैध रूप से पीओके पर कब्जा किए बैठा है. हमारी दलील एकदम स्पष्ट और सीधी है कि मेरी संप्रभुता व अधिकार क्षेत्र हमारे नक्शे में दर्ज है, जो 70 साल पहले बनाया गया था. इसी नक्शे के आधार पर हम पीओके पर दावा कर रहे हैं. अगर हमारे पास अपने दावा का आधार मौजूद है तो एक दिन हमारा वहां अधिकार भी होगा और हम उस क्षेत्र को वापस हासिल कर लेंगे. इस दौरान उन्होंने अनुच्छेद-370 हटाने को सही ठहराते हुए कहा कि ये फैसला बहुत साल पहले ही ले लिया जाना चाहिए था. पाकिस्तान ने कश्मीर में न सिर्फ आतंकवाद, बल्कि अलगाववाद को बढ़ाने के लिए भी निवेश किया है. इसीलिए वह चिल्ला रहा है.
अयूब खान द्वारा किया गया पोस्ट