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    शिवहर शिक्षक संग बच्चों ने मनाया, राष्ट्रीय शिक्षा दिवस

    We News 24 Hindi »शिवहर,बिहार 

    रौशन कुमार साह की रिपोर्ट

    शिवहर:आज दिनांक-11/11/2019 राजकीय मध्य विद्यालय कुशहर के शिक्षकों संग बच्चों ने राष्ट्रीय शिक्षा दिवस मनाते हुए मौलाना अबुल कलाम आजाद के फोटो पर माल्यार्पण किया, तथा विभिन्न टोले मुहल्ले में प्रभात फेरी निकाला गया।


    उक्त अवसर पर विद्यालय के प्रधानाध्यापक ‌‌श्री उदयशंकर कुमार सिंह एवं शिक्षक न्याय मोर्चा के जिला सचिव मोहम्मद शर्फुद्दीन ने बच्चों को संबोधित करते हुए कहा कि मौलाना अबुल कलाम आजाद का असल नाम अबुल कलाम गुलाम मुहियुद्दीन है , लेकिन उन्हें मौलाना आजाद के नाम से ही जाना जाता है, स्वतंत्रता संग्राम की लड़ाई के समय मुख्य सेनानी में से एक थे, मौलाना आजाद एक महान विज्ञानिक,राज नेता और कवि थे,



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    आजादी की लड़ाई में हिस्सा लेने के लिए उन्होंने अपने पेशेवर काम को भी छोड़ दिया, देश की आजादी के लिए बाकी लोगों के साथ काम करने लगे, मौलाना आजाद गांधी जी के अनुयायी थे, उन्होंने गांधी जी के साथ अहिंसा का साथ देते हुए असहयोग आंदोलन में बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया, मौलाना आजाद लम्बे समय तक भारत की आज़ादी की लड़ाई लड़ी, साथ ही भारत पाकिस्तान के विभाजन के गवाह बने,एक सच्चे भारतीय होने के कारण उन्होंने स्वतंत्रता के बाद भारत में रहकर इसके विकास में कार्य किया और भारत के प्रथम शिक्षा मंत्री बन देश की शिक्षा पद्धति सुधारने का ज़िम्मा उठाया।

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      श्री सिंह एवं जिला सचिव ने जोर देकर कहा कि मौलाना आज़ाद ने शिक्षा मंत्री बनते ही 14 वर्ष से कम उम्र के सभी लोगों के लिए शिक्षा अनिवार्य कर दिया साथ ही माध्यमिक शिक्षा और गरीब एवं महिलाओं की शिक्षा पर बल दिया।

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    1989 में मौलाना आजाद के जन्म दिवस पर भारत सरकार द्वारा शिक्षा को देश में बढ़ावा देने के लिए मौलाना आजाद फाउंडेशन बनाया गया, साथ ही मौलाना आजाद के जन्म दिवस पर 11 नवम्बर को हर साल राष्ट्रीय शिक्षा दिवस मनाया जाता है, 22 फरवरी 1958 को स्ट्रोक के चलते अचानक दिल्ली में मृत्यु हो गई, मौलाना आजाद के मृत्यु उपरांत 1992 में भारत रत्न से भी सम्मानित किया गया।

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    मोर्चा के जिला सचिव मोहम्मद शर्फुद्दीन एवं शिवहर प्रखण्ड सचिव पवन कुमार ने जोर देकर कहा कि भारत में शिक्षा के क्षेत्र में बदलाव लाने की शुरूवात मौलाना आजाद ने ही किया था,उनको भारत देश में शिक्षा का संस्थापक कहें तो  यह गलत नहीं होगा, मौलाना आजाद के अथक प्रयास के चलते ही हमारा देश शिक्षा में इतना आगे बढ़ गया, मौलाना जानते थे,देश की उन्नति एवं विकास के लिए शिक्षा का मजबूत होना बहुत जरूरी है यही कारण है कि अपने अंतिम दिनों में भी वे इसी ओर प्रयासरत रहे।

    मौक़े पर विद्यालय के शिक्षक लक्ष्मीनारायण राय, कपिलदेव साह, ब्रज किशोर सिंह, रेखा कुमारी,कामीनी कुमारी, तबस्सुम आरा,रेणु कुमारी सहित सैकड़ों छात्र छात्राएं मौजूद थे।

    आर्यन कुमार द्वारा किया गया पोस्ट 

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