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    इस समय की बड़ी खबर ,अयोध्या विवाद पर कल 9 सितम्बर को सुप्रीम कोर्ट सुनाएगा फैसला

    We News 24 Hindi »नई दिल्ली 

    नई दिल्ली: अयोध्या मामले  में सुप्रीम कोर्ट कल सुबह यानी 9 नवंबर को फैसला सुनाएगा. पांच जजों की पीठ यह फैसला सुनाएगी. अयोध्या मामले में सुनवाई पूरी हो चुकी है. इस मामले में 40 दिनों तक नियमित सुनवाई हुई है. चीफ जस्टिस रंजन गोगोई की पीठ यह फैसला सुनाएगी. यह भारत का सबसे पुराना मामला है. अयोध्या मामले में पक्षकार और पंच निर्वाणी अणी अखाड़े के परमाध्यक्ष श्रीमहंत धर्मदास ने कहा, 'माहौल कोई बिगाड़ ही नहीं सकता है, हम लोग अयोध्यावासी सब मिलकर राम मंदिर का निर्माण करेंगे. इस पर कोई विचार न करे कोर्ट क्या कह रहे हैं. लड़ना होगा तो हम ही लड़ेंगे. यहां पर जो हो, एक धार्मिक व्यवस्था को जो व्यापार नहीं मिल रहा है उसपर ध्यान ना दें.

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    वहीं इस मामले में मुस्लिम पक्षकार इकबाल अंसारी ने कहा, 'हमारी अपील है, लोग शांति बनाए रखें. हम लोग साथ होंगे आज हम पूरी दुनिया को संदेश दे रहे हैं. हम भारत के वासी हैं, जो फैसला कोर्ट करेगा वह हम मानेंगे. हम हिन्दुस्तान को बड़ा देखना चाहते हैं. हमारे यहां कोई विवाद नहीं है, किसी के खिलाफ कोई मुकदमा नहीं, तमाम साधू और मुस्लिम साथ दिखाई पड़ते हैं. पूरी दुनिया देख रही है हम एक हैं. यहां जात नहीं पूछी जाती है, यहां इंसानियत देखी जाती है, ये हमारे घर भी आते हैं और हम भी जाते हैं हम शान्ति चाहते हैं. सब रख रखाव सरकार के हाथ में है.

    Supreme Court to deliver verdict on Ayodhya matter tomorrow.

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    यहां आपको बताते चले  कि अयोध्या जमीन विवाद के फैसले से पहले एक अभूतपूर्व कदम उठाते हुए प्रधान न्यायाधीश न्यायमूर्ति रंजन गोगोई ने शुक्रवार को उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) के साथ अति गोपनीय बैठक की. ऐसा मना जा रहा है कि बैठक में प्रदेश में कानून-व्यवस्था का न्यायाधीश ने जायजा लिया. सूत्रों के अनुसार, इस बैठक में मुख्य सचिव राजेंद्र कुमार तिवारी, डीजीपी ओम प्रकाश सिंह और न्यायमूर्ति रंजन गोगोई के साथ अयोध्या मामले  की सुनवाई कर रही पीठ के पांच न्यायाधीशों में से अन्य दो न्यायमूर्ति एस.ए. बोबडे और न्यायमूर्ति अशोक भूषण भी मौजूद रहे.

    अयोध्या मामले पर फैसला कभी भी आ सकता है

    अयोध्या मामले पर फैसला कभी भी आ सकता है, इसलिए बैठक में राज्य में कानून व्यवस्था की स्थिति पर केंद्रित चर्चा की गई. एक सूत्र ने कहा, 'न्यायधीशों और राज्य अधिकारियों के बीच बैठक सुबह 11.30 बजे शुरू हुई और दोपहर 1 बजे खत्म हुई.सूत्रों ने कहा कि न्यायाधीशों ने राज्य के अधिकारियों से पूछा कि कानून और व्यवस्था को बनाए रखने और इसे मजबूत करने के लिए क्या उन्हें किसी भी तरह की मदद की जरूरत है?

    70 साल पुराने जमीनी विवाद की सुनवाई 40 दिनों तक चलने के बाद 17 अक्टूबर को पूरी हो गई थी और उम्मीद जताई जा रही है कि 17 नवंबर को प्रधान न्यायाधीश न्यायमूर्ति रंजन गोगोई के सेवानिवृत्त होने से पहले इस मामले में फैसला कभी भी आ सकता है.

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    अयोध्या नगरी की सुरक्षा व्यवस्था चाक-चौबंद 
    अयोध्या विवाद पर फैसले और परिक्रमा को देखते हुए अयोध्या नगरी की सुरक्षा व्यवस्था चाक चौबंद है. रेलवे और बस स्टेशनों पर यात्रियों की लगातार जांच पड़ताल की जा रही है. अयोध्या पर फैसला आने और आतंकी साजिश के चलते सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं. होटलों और धर्मशालाओं में मौजूद लोगों के पते और पहचान की जांच की जा रही है. साथ ही नए सीसीटीवी कैमरें लगाने का आदेश भी दिया गया है. अयोध्या विवाद पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले से पहले अयोध्या में आतंकी साजिश का खुलासा हुआ है. खुफिया एजेंसियों ने अयोध्या में आतंकी हमले की आशंका जताई है जिसे देखते हुए यूपी एटीएस को हाईअलर्ट पर रखा गया है. साथ ही भारत-नेपाल सीमा पर भी पेट्रोलिंग बढ़ा दी गई है. 

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    गृह मंत्रालय ने सभी राज्यों को अलर्ट जारी किया
    अयोध्या मामले में आने वाले फैसले को लेकर गुरुवार को सीएम योगी आदित्यनाथ ने बैठक की. सीएम योगी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के ज़रिये कानून व्यवस्था पर जिला अधिकारियों से बातचीत की. अयोध्या विवाद पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने से पहले गृह मंत्रालय ने सभी राज्यों को अलर्ट जारी किया है. गृह मंत्रालय ने राज्यों को सुरक्षा व्यवस्था पर नजर रखने की अपील की है। साथ ही अयोध्या में कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए 40  हज़ार अतिरिक्त जवानों को रवाना किया गया है. अयोध्या विवाद पर अगले हफ्ते फैसला आ सकता है.उससे पहले किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए  अयोध्या में 10 अस्थायी जेल बनाई गई हैं. अस्थाई जेल बनाने के लिए अलग-अलग इलाकों में आठ विद्यालयों को चुना गया है.

    अरविन्द कुमार द्वारा किया गया पोस्ट 

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