अयोध्या में हिन्दुओं को 1859 में मिली प्रार्थना करने की अनुमति
We News 24 Hindi »नई दिल्ली
नई दिल्ली :अयोध्या का विवाद की नींव 1528 मानी जा रही है। ऐसा माना जाता है कि सम्राट बाबर ने मस्जिद बनवाई थी। ऐसा कहा जाता है कि अयोध्या में जहां मस्जिद बनवाई गयी, वहां हिंदू श्रीराम का जन्म स्थान मानते हैं। लोग बताते हैं कि बाबर के सेनापति मीर बाकी ने बाबरी मजिस्द का निर्माण करवाया था।
ये भी पढ़े :राम जन्मभूमि और बाबरी मस्जिद विवाद फैसले की घड़ी नजदीक,फैसले से पहले चीफ जस्टिस सुरक्षा को लेकर चीफ सेक्रेटरी से जानकारी ली
बाबर का जन्म फ़रगना घाटी के अन्दीझ़ान नामक शहर में हुआ था जो अब उज्बेकिस्तान में है। वो अपने पिता उमर शेख़ मिर्ज़ा, जो फरगना घाटी के शासक थे तथा माता कुतलुग निगार खानम का ज्येष्ठ पुत्र था। हालांकि बाबर का मूल मंगोलिया के बर्लास कबीले से सम्बन्धित था पर उस कबीले के लोगों पर फारसी तथा तुर्क जनजीवन का बहुत असर रहा था। बाबर 1526 में भारत आया। 1528 तक उसका साम्राज्य अवध (वर्तमान अयोध्या) तक पहुंच गया।
ये भी पढ़े :पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई भारत में आतंकी गतिविधियों को अंजाम देने के फ़िराक में
लोग बताते है कि अयोध्या विवाद में पहली बार हिसां 1853 हुई। इसके बाद से विवाद ने तूल पकड़ा। मजिस्द के स्थान पर पहले मंदिर होने का दावा किया गया। इसके बाद 1859 में ब्रिटिश शासकों ने विवादित स्थल पर बाड़ लगा दी और परिसर के भीतरी हिस्से में मुसलमानों को और बाहरी हिस्से में हिन्दुओं को प्रार्थना करने की अनुमति दे दी।
अविनाश कुमार द्वारा किया पोस्ट