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    सोशल मीडिया पर बिना सोचे समझे विवादित पोस्ट ना करे नहीं तो खानी पड़ेगी जेल की हवा

    We News 24 Hindi »सीतामढ़ी,बिहारब्यूरो संवाददाता रोशन कुमार साह की रिपोर्ट

    सीतामढ़ी:सोशल मीडिया पर विवादित पोस्ट जिसकी सत्यता प्रमाणित नहीं है का संप्रेषण करने अथवा इसे फॉरवार्ड करने वाले सदस्यों के विरूद्ध कड़ी कार्रवाई की जायेगी। अयोध्या राम जन्म भूमि विवाद मामले मे माननीय सर्वोच्च न्यायालय का फैसला आने के बाद जिला मेँ विधि व्य्वश्था बनाये रखने हेतु जिला पदाधिकारी, अभिलाषा कुमारी शर्मा एवं  पुलिस अधीक्षक, सीतामढ़ी अनिल कुमार द्वारा सभी सोशल मीडिया के एडमिन एवं सदस्यों के लिए संयुक्त रूप से स्टैडिंग आर्डर जारी किया गया  है। 

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       आदेश में कहा गया है कि प्रोद्योगिकी क्रांति के युग में संवाद सप्रेषण का सबसे सरल, सुगम एवं तेज माध्यमयों में सोशल मीडिया ने एक बड़ा स्थान बना लिया है। इस मीडिया का तेजी से प्रसार हो रहा है, हर उम्र वर्ग के लोग इसमें सक्रिय हो रहे हैं। सोशल मीडिया पर समाचार के नाम पर विभिन्न ग्रुप एक्टिव है। कई अन्य नामों से भी बड़ी संख्या में ग्रुप एक्टिव है। अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के नाम पर कभी-कभी विवादित तथ्यों का संप्रेषण कर दिया जाता है जिसकी सत्यता प्रमाणित नहीं होती है। कई संदेश बिना पुष्टि के धड़ल्ले से कट-पेस्ट/फॉरवार्ड किये जा रहे है। इससे किसी वर्ग के जातीय अथवा धार्मिक भावना को ठेस लगने की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता है। 


          पैगम्बर मोहम्द साहब के जन्म दिन,कार्तिक पूर्णिमा,  माननीय सर्वोच्च न्यायालय द्वारा  फैसला सुनाये जाने के बाद विधि-व्यवस्था बनाये रखने हेतु सोशल मीडिया एवं इसके सदस्यों के लिए निम्न अनुदेश जारी किया गया है :- 

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    01. ग्रुप एडमिन वही बनें जो इस ग्रुप के लिए पूर्ण जिम्मेवारी और उत्तरदायित्व का वहन करने में समर्थ हो। 
    02. ग्रुप एडमिन को अपने ग्रुप के सभी सदस्यों से पूर्णतः परिचित होने चाहिए।
    03. ग्रुप के किसी सदस्य द्वारा गलत बयानी, बिना पुष्टि के समाचार, जो अफवाह बन जाये, पोस्ट किये जाने पर या सामाजिक समरसता बिगाड़ने वाले पोस्ट पर ग्रुप एडमिन को तत्काल उसका खंडन कर उस सदस्य को ग्रुप से हटा देना चाहिए तथा इसकी सूचना पुलिस को तत्काल देनी होगी। 
    04. अफवाह/भ्रामक तथ्य/सामाजिक समरसता के विरूद्ध तथ्य पोस्ट होने पर संबंधित थाना को भी तत्काल सूचना दी जानी चाहिए। 
    05. ग्रुप एडमिन द्वारा कोई कार्रवाई नहीं होने पर तथा पुलिस को सूचना नहीं देने पर उन्हें भी इसका दोषी माना जायेगा और उनके विरूद्ध भी कार्रवाई की जायेगी। 
    06. Whatsapp/Facebook/Twitter/Instagram आदि सोशल मीडिया पर जातीय/धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुँचाने वाली टिप्पणी करना, ऐसे वीडियो/पिक्चर पोस्ट करना तथा ऐसे पोस्टों पर विवादित टिप्पणी करना दंडनीय अपराध है। 
    07. दोषी पाये जाने पर आई.टी. एक्ट, 2000 तथा भारतीय दण्ड विधान की विभिन्न सुसंगत धाराओं के तहत कार्रवाई की जायेगी।


    गोविन्द कुमार द्वारा किया गया पोस्ट 

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