सावधान दिल्ली वाले खा रहे है मिलावटी सामान ,ज्यादर सैंपल मानकों पर खड़े नहीं
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ब्यूरो संवाददाता गौरव कालरा की रिपोर्ट
ब्यूरो संवाददाता गौरव कालरा की रिपोर्ट
नई दिल्ली : पानी के बाद अब दिल्ली में खाद्य पदार्थों के भी 20 फीसदी से ज्यादा सैंपल मानकों पर खरे नहीं उतरे हैं। विभिन्न प्रकार के खाद्य पदार्थों की प्रयोगशाला में जांच के बाद यह पुष्टि की गई है। इनमें से कई उत्पाद ऐसे भी हैं, जिन्होंने नियमों के खिलाफ जाकर गलत तरीके से पैकिंग की।
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96 सैंपल ऐसे भी मिले, जिनका सेवन इंसानों के लिए जानलेवा हो सकता है। वर्ष 2018-19 के दौरान दिल्ली के विभिन्न जिलों से लिए गए इन सैंपल की रिपोर्ट को केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के अधीन भारतीय खाद्य संरक्षा एवं मानक प्राधिकरण (एफएसएसएआई) ने जारी किया है प्राधिकरण के सीईओ पवन अग्रवाल का कहना है कि बीते काफी समय से मिलावट से जुड़ी खबरें अलग-अलग राज्यों से मिल रही हैं। जनता का विश्वास पाने के लिए प्राधिकरण लगातार राज्यों के साथ मिलकर ठोस कार्रवाई कर रहा है। साथ ही, सरकार विभिन्न राज्यों में प्रयोगशालाओं और जागरूकता को बढ़ावा भी दे रही है।
485 सैंपल मानकों पर खरे नहीं उतरे
इस रिपोर्ट के अनुसार, वर्ष 2018 में दिल्ली के अलग-अलग स्थानों से 2461 खाद्य पदार्थों के सैंपल एकत्र कर प्रयोगशाला में जांच कराई गई। इनमें 485 सैंपल मानकों पर खरे नहीं उतरे। इनमें से 96 पदार्थ स्वास्थ्य के लिए घातक, 148 मानकों के अनुरूप नहीं थे। 241 उत्पादों पर गलत तरीके से लेबलिंग की गई थी। इनमें से 139 मामलों में मुकदमा दर्ज किया गया।
इनमें 29 आपराधिक केस भी शामिल हैं। रिपोर्ट के अनुसार, खाद्य पदार्थों में मिलावट करने वालों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करते हुए प्राधिकरण ने 47.16 लाख रुपये का जुर्माना भी वसूला है। रिपोर्ट में बताया गया है कि दिल्ली में 38 मिलावट खोरों को न्यायालय ने कठोर कारावास की सजा दी है।
कई तरह की बीमारियां दे सकती है मिलावट
विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के अनुसार, खाद्य उत्पादों में होने वाली मिलावट से करीब 31 बीमारियां हो सकती हैं। इनमें डायरिया, टाइफाइड के अलावा खाद्य उत्पाद जनित बीमारियां (एफबीडी) संक्रमण, एचआईवी, मलेरिया, टीबी, हेपेटाइटिस ए आदि शामिल हैं।
सफदरजंग अस्पताल के डॉ. जुगल किशोर का कहना है कि मिलावटी खाद्य उत्पादों की वजह से कई जानलेवा बीमारियां पांव पसार रही हैं। इनके अलावा, नौनिहालों के शारीरिक विकास के साथ-साथ गर्भ में पल रहे शिशु को कई तरह के दुर्लभ रोग चपेट में ले सकते हैं।
गौतम कुमार द्वारा किया गया पोस्ट
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