तिन महीने पहले मरा हुआ कृष्णा मांझी ,जीवित हो कर घर लौटा
We News 24 Hindi »पटना,बिहार
ब्यूरो संवाददाता वशिष्ठ कुमार की रिपोर्ट
पटना: पुलिस की सबसे बड़ी लापरवाही सामने आई है। दरअसल पटना से सटे नौबतपुर थाना इलाके में मॉब लिंचिंग मामले को लेकर एक नया मोड़ सामने आ गया है। बताया जा रहा है कि नौबतपुर में हुए मॉब लिंचिंग की घटना में जिस व्यक्ति की मौत हुई थी, वो जिन्दा है। जबकि इस मामले के आरोपी 23 लोगो को पुलिस गिरफ्तार कर जेल भेज दिया, सभी लोग इस समय जेल में बंद हैं। वहीं कथित तौर पर मृतक कृष्णा मांझी के जीवित होने की खबर मिलने से पुलिस भी सकते में हैं। यह मामला चर्चा का विषय बना हुआ है।
ये भी पढ़े :अलविदा :-पंचतत्व मे विलीन हो अमर हो गए भारत रत्न वशिष्ठ बाबु नम आँखों से हूई भावभीनी विदाई
जानकारी के अनुसार दरअसल पटना जिले के नौबतपुर थाना क्षेत्र के महमतपुर गांव में विगत 10 अगस्त को एक मॉब लिंचिंग की घटना में एक युवक की मौत हो गई थी। मृत व्यक्ति के शव की पहचान रानी तालाब थाना के निसरपुरा गांव निवासी कृष्णा मांझी के रूप में की गई थी। इसके बाद पुलिस ने शव का पोस्टमॉर्टम कराकर कृष्णा के परिजनों को शव को सौंप दिया था। लेकिन अचानक तीन महीने बाद कृष्णा मांझी सकुशल अपने घर लौट आया है। कृष्णा मांझी के सकुशल लौटने की खबर आग की तरह पूरे इलाके मे फ़ैल गई।
ये भी पढ़े : रेत पर महान गणितज्ञ वशिष्ठ नारायण सिंह का चित्र बनाकर श्रद्धांजलि अर्पित
अब यह घटना पटना पुलिस के लिए एक बड़ी चुनौती हो गई है कि जिस शव को कृष्णा मांझी मानकर पोस्टमार्टम कराया और उसके कथित घरवालों से दाह संस्कार करा दिया, वह आखिर किसका शव था? इस पूरे मामले की सच्चाई का पता लगाने के लिए पुलिस कृष्णा मांझी को नौबतपुर लाने की कवायद में जुट गई है। अब कृष्णा मांझी का कोर्ट में 164 का बयान भी कलमबंद कराया जाएगा।
वहीं कृष्णा मांझी की पत्नी रुदी देवी का कहना है कि 12 अगस्त को दानापुर अनुमंडलीय अस्पताल में शव देखने गई तो देखा कि शव सड़ा-गला अवस्था में है। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि नौबतपुर थाना प्रभारी सम्राट दीपक कुमार ने जबरन मृत युवक को कृष्णा मांझी बताकर शव हमलोगों को सौंप दिया। उन्होंने कहा कि पुलिस के प्रेशर पर दाह संस्कार किया। कृष्णा मांझी की पत्नी ने कहा कि दाह-संस्कार के लिए हमलोगों को कर्ज भी लेना पड़ा।
इसके बाद न तो कबीर अंत्येष्टि की राशि मिली और न ही सामाजिक सुरक्षा के तहत 20 हजार की राशि ही मिली। वहीं पुलिस ने रुदी देवी के आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया है। कहा कि पुलिस क्यों ऐसा करेगी। नौबतपुर मॉब लिंचिंग का ये मामला अब पुलिस की गले की हड्डी बनती जा रही है। क्योकि कृष्णा मांझी की ह्त्या के आरोप में नौबतपुर थाना प्रभारी सम्राट दीपक ने 23 लोगों को गिरफ्तार भी किया है।
ऐसे में अब गांव में भी यह मामला चर्चा का विषय बना हुआ है कि इसी मॉब लिंचिंग मामले में 23 लोगों की गिरफ्तारी हुई और अब उनका क्या होगा। क्या पुलिस इसके जिम्मेदारी लेगी? क्या दोषी पुलिस पदाधिकारियों पर राज्य सरकार इसकी जबाबदेही तय करते हुए कड़ी करवाई करेगी।
अजित गोस्वामी द्वारा किया गया
पोस्ट