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    सुप्रीम कोर्ट के जज अरुण मिश्रा ने कहा ,आपातकाल से भी बदतर है दिल्ली की दमघोंटू हवा

    We News24 Hindi »नई दिल्ली
    ब्यूरो संवाददाता काजल कुमारी की रिपोर्ट
    नई दिल्ली : दिल्ली में वायु प्रदूषण को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को केन्द्र और दिल्ली सरकार को फटकार लगाई है। कोर्ट ने कहा है कि दिल्ली हर साल घुट रही है और हम कुछ नहीं कर पा रहे हैं। हर साल ऐसा हो रहा है और 10-15 दिनों तक जारी रहता है। सभ्य देशों में ऐसा नहीं होता है। जीवन का अधिकार सबसे महत्वपूर्ण है। जस्टिस अरुण मिश्रा ने दिल्ली की दमघोंटू हवा पर कहा कि यह (दिल्ली की स्थिति) आपातकाल से भी बदतर है। वह आपातकाल इस आपातकाल से बेहतर था। 


    सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस अरुण मिश्रा ने दिल्ली सरकार को फटकार लगाते हुए ऑड-ईवन योजना पर भी सवाल उठाया। जस्टिस अरुण मिश्रा ने दिल्ली सरकार से कहा कि ऑड-ईवन योजना को पीछे क्या लॉजिक है? डीजल कारों पर प्रतिबंध लगाना समझ में आता है, मगर इस ऑड-ईवन का क्या मतलब है। जस्टिस अरुण मिश्रा ने दिल्ली में ऑड-ईवन पर भी सवाल उठाया और कहा कि कार कम प्रदूषण पैदा करते हैं, इस ऑड-ईवन से आपको (दिल्ली) क्या मिल रहा है?

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    सुप्रीम कोर्ट ने कहा, यह वह तरीका नहीं है जिससे हम रह सकते हैं। कोर्ट ने कहा, 'केंद्र सरकार को कुछ करना चाहिए और राज्य सरकार को कुछ करना चाहिए' पर कुछ किया नहीं जा रहा। ये कुछ ज्यादा हो गया। कोई भी कमरा इस शहर में रहने के लिए सुरक्षित नहीं है, यहां तक ​​कि घरों में भी। हम इसके कारण अपने जीवन के बहुमूल्य वर्ष खो रहे हैं। 

    सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि स्थिति गंभीर है, केंद्र और दिल्ली सरकार क्या करना चाहते हैं? इस प्रदूषण को कम करने के लिए आप क्या करने का इरादा है? सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब और हरियाणा से भी कहा है कि वे पराली जलाना कम करें।

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    ऐसे लागू होगा नियम
    दिल्ली में सम-विषम योजना सुबह आठ से शाम आठ बजे तक लागू रहेगी। रविवार को यह नियम लागू नहीं होगा। वाहन के आखिरी नंबर से तय होगा कि वह सड़क पर आ सकता है या नहीं। यदि गाड़ी का आखिरी नंबर 1, 3, 5, 7, 9 है तो यह 5, 7, 9, 11, 13, 15 नवंबर को सड़क पर चल सकती है। जबकि 2, 4, 6, 8 नंबर वाले वाहन 4, 6, 8, 10, 12 और 14 नवंबर को सड़कों पर चल सकेंगे।


    इलेक्ट्रिक वाहन चलेंगे
    महिला कार चालकों के साथ उनके 12 साल तक के बच्चों और स्कूल की वर्दी पहने बच्चों वाले वाहनों को छूट दी गई है। इसके अलावा इलेक्ट्रिक वाहनों, एंबुलेंस, पुलिस की गाड़ी, राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, राज्यपाल, लोकसभा स्पीकर, केंद्रीय मंत्री, प्रतिपक्ष के नेता, उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीश, उपराज्यपाल, अन्य राज्यों के मुख्यमंत्री को योजना में शामिल नहीं किया गया है।

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    नियम तोड़ने पर सख्ती बढ़ी:यह योजना 15 नवंबर तक लागू रहेगी। सरकार ने नियम का उल्लंघन करने वालों पर इस बार सख्ती बढ़ा दी है। नियमों का पालन नहीं करने वाले वाहन चालकों पर चार हजार रुपये का जुर्माना लगाया जाएगा।

    दुपहिया वाहन दायरे में नहीं आएंगे: इस योजना से राजधानी के लगभग 70 लाख दुपहिया वाहनों को छूट रहेगी। इस बार सीएनजी कारों को छूट नहीं दी गई है। इसके चलते सार्वजनिक वाहनों में भीड़ बढ़ सकती है। सरकार ने दो हजार अतिरिक्त बसों की व्यवस्था का दावा किया है। इसके साथ ही मेट्रो के फेरों में भी बढ़ोतरी की जाएगी। दिल्ली के मुख्यमंत्री समेत उनकी कैबिनेट और सभी अधिकारी योजना के दायरे में रहेंगे।

    ओला-उबर नहीं वसूलेंगी अधिक किराया : सम-विषम योजना के दौरान ऐप आधारित ओला-उबर जैसी कंपनियां टैक्सी में सफर करने वाले यात्रियों से सर्ज प्राइसिंग (मांग बढ़ने के साथ किराये में बढ़ोतरी) नहीं करेंगी। इसे लेकर कंपनियों की तरफ से घोषणा भी की जा चुकी है।
    दो बार लागू हो चुकी है सम-विषम योजना : इससे पहले भी वर्ष 2016 में एक से 15 जनवरी और 16 से 30 अप्रैल तक दो बार सम-विषम योजना को लागू किया जा चुका है।उस दौरान भी दिल्ली-एनसीआर में वायु गुणवत्ता बेहद खराब हो गई थी।

    रौशनी कुमार द्वारा  किया गया पोस्ट 

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