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    एक साल में BJP से छिनी पांच राज्य की बागडोर ,भाजपा को ज्यदा वोट मिलने के वावजूद झारखंड में करारी शिकस्त

    We News 24 Hindi »रांची,झारखण्ड 

    एडिटर एंड चीफ दीपक कुमार व्याहुत

    झारखंड :महाराष्ट्र में सत्ता से बाहर होने के बाद अब झारखंड भी भाजपा के हाथ से फिसल गया। एक साल में राममंदिर और नागरिकता संशोधन कानून जैसे बड़े फैसले आने के बाद भाजपा ने पांच राज्यों (राजस्थान, मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र और अब झारखंड) में सत्ता गंवा दी। झारखंड विधानसभा चुनाव पूर्व किए गए झामुमो, कांग्रेस और राजद के महागठबंधन ने चुनावी नतीजों में बड़ी जीत हासिल की है।

    81 सदस्यीय विधानसभा में जहां महागठबंधन ने बहुमत से ज्यादा 47 सीटें जीतीं तो वहीं सत्तारूढ़ भाजपा को सिर्फ 25 सीटों से ही संतोष करना पड़ा। विधानसभा चुनाव के नतीजों का ऐलान हो गया और हेमंत सरकार के गठन की नींव भी रख दी गई है। झारखंड विधानसभा चुनाव के नतीजों से सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी को बड़ा झटका लगा है। सत्ता कायम रखने की कोशिशों में जुटी भारतीय जनता पार्टी की करारी हार हुई है और हेमंत सोरने की अगुआई में जेएमएम-कांग्रेस-राजद गठबंधन ने जीत का परचम लहरा दिया है। सोमवार को आए नतीजों में जेएमएम-कांग्रेस-आरजेडी गठबंधन को 47 सीटों के साथ ही बहुमत मिल गया है। इस तरह से झारखंड मुक्ति मोर्चा यानी जेएमएम के नेता हेमंत सोरेन राज्य के अगले मुख्यमंत्री होंगे।  अगर वोट फीसदी की बात की जाए तो करीब 15 फीसदी अधिक वोट पाने वाली बीजेपी सत्ता नहीं बचा पाई। जबकि जेएमएम को बीजेपी की तुलना में 15 फीसदी वोट कम जरूर पड़े, मगर उसने भाजपा से 5 सीटें अधिक जीत लीं।



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    सीटों की संख्या में भले ही जेएमएम ने भारतीय जनता पार्टी को मात दे दी हो, मगर वोट शेयर के मामले में बीजेपी को फायदा ही हुआ है, जबकि जेएमएम का वोट शेयर घटा है। 2014 के चुनाव में जहां बीजेपी के करीब 31 फीसदी वोट शेयर थे, वहीं इस चुनाव में 34 फीसदी हो गया है। हालांकि, लोकसभा चुनाव 2019 के वोट शेयर से बीजेपी की तुलना की जाए तो उसे घाटा ही हुआ है। इसी साल लोकसभा में राज्य में 51 फीसदी वोट पाने वाली भाजपा को विधानसभा चुनाव में 33.4 फीसदी मत मिले हैं। तो चलिए जानते हैं किस पार्टी को वोट शेयर में हुआ है फायदा और किसे कितना नुकसान


    2019 के चुनाव में वोट शेयर
    • भाजपा- 33.37 फीसदी
    • कांग्रेस- 13.88 फीसदी
    • जेएमएम- 18.72 फीसदी
    • जेवीएम-5.45 फीसदी
    • राजद- 2.75 फीसदी
    • जदयू- 0.73 फीसदी
    • बसपा- 1.53 फीसदी
    • सीपीआईएम- 0.32 फीसदी
    • आजसू- 8.10 फीसदी
    • सीपीआई- 0.46 फीसदी
    • एआईएमआईएम- 1.16 फीसदी
    • जेडीएस- 0.01 फीसदी
    • 2014 के चुनाव में वोट शेयर
    • भाजपा- 31.26 फीसदी
    • कांग्रेस- 10.46 फीसदी
    • जेएमएम- 20.43 फीसदी
    • जेवीएम- 9.99 फीसदी
    • राजद- 3.13 फीसदी
    • जदयू- 0.73 फीसदी
    • बसपा- 1.82 फीसदी
    • सीपीआईएम- 0.50 फीसदी
    • आजसू- 3.68 फीसदी
    • सीपीआई- 0.89 फीसदी
    • 2019 के चुनाव परिणाम:
    • भाजपा- 25
    • जेएमएम-30
    • कांग्रेस-16
    • राजद-1
    • जेवीएम-3
    • आजसू-2
    • अन्य-4
    • 2014 के चुनाव परिणाम
    • बीजेपी-37
    • जेएमएम-19
    • जेवीएम-8
    • कांग्रेस-6
    • आजसू-5
    • अन्य-6

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    रघुवर दास चुनाव हारे
    झारखंड विधानसभा चुनावों में न सिर्फ भाजपा को करारी शिकस्त मिली, बल्कि उसके मुख्यमंत्री पद का चेहरा रहे रघुवर दास स्वयं जमशेदपुर पूर्वी सीट से अपने मंत्रिमंडल सहयोगी रहे भाजपा के विद्रोही सरयू राय से 16 हजार से अधिक मतों से पराजित हो गये। झारखंड के मुख्यमंत्री रघुवर दास ने विधानसभा चुनाव में मिली हार के बाद अपने पद से त्यागपत्र दे दिया। उन्होंने राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू को सोमवार (23 दिसंबर) शाम राजभवन में अपना इस्तीफा सौंपा।
    भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष लक्षमण गिलुवा भी अपनी चक्रधरपुर सीट पर हार गये जबकि भावी मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन समेत अन्य सभी बड़े दलों के नेता विधानसभा चुनाव में जीतने में सफल रहे। झारखंड के मुख्यमंत्री दास अपने मंत्रिमंडलीय सहयोगी रहे भाजपा के विद्रोही उम्मीदवार से जमशेदपुर पूर्वी सीट से 15,833 मतों से पराजित हो गये, जबकि इससे पहले वह इसी सीट से लगातार पांच बाज विजयी रहे थे और 2014 के विधानसभा चुनावों में वह 70,157 मतों से विजयी हुए थे।

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    हेमंत सोरेन दोनों सीटों पर जीते
    भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष लक्ष्मण गिलुवा भी चक्रधरपुर की सीट से झामुमो प्रत्याशी सुखराम उरांव से 12,234 मतों से पराजित हो गये। इसके विपरीत झामुमो के कार्यकारी अध्यक्ष और विजयी गठबंधन के नेता हेमंत सोरेन ने बरहेट और दुमका दोनों सीटों से जीत दर्ज की। हेमंत ने जहां बरहेट सीट पर भाजपा के साइमन माल्टो को 25,740 मतों से पराजित किया वहीं दुमका में उन्होंने भाजपा की मंत्री लुईस मरांडी को 13,188 मतों से पराजित कर दिया। 2014 में वह 4914 मतों से लुईस से ही चुनाव हार गये थे।
       
    इसके अलावा सिल्ली से आज्सू के अध्यक्ष सुदेश महतो ने 20,195 मतों के भारी अंतर से झामुमो की उम्मीदवार सीमा महतो को हराकर उपचुनाव में हार का बदला चुकता किया जब वह उन्हीं से पराजित हो गये थे। इससे पूर्व 2014 में सीमा के पति झामुमो के उम्मीदवार अमित महतो ने सुदेश को 29,740 मतों से पराजित किया था।
       
    झारखंड विकास मोर्चा के अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने धनवार सीट से भाजपा के लक्ष्मण प्रसाद सिंह को 17,550 मतों से पराजित कर यहां से जीत हासिल की वह पिछली बार यहां से चुनाव हार गये थे। इसी प्रकार कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष रामेश्वर उरांव ने कांग्रेस के ही पूर्व अध्यक्ष और भाजपा के उम्मीदवार सुखदेव भगत को 30,150 मतों से पराजित कर चुनाव जीता।

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    भाजपा को करारी शिकस्त
    इस चुनाव में भाजपा को करारी हार का सामना करना पड़ा है। पिछले विधानसभा चुनावों में जहां भाजपा ने 37 सीटें जीती थीं, वहीं वह इस बार पार्टी सिर्फ 25 पर सिमट गई। भाजपा की सहयोगी रही आजसू पिछली विधानसभा में सिर्फ आठ सीटें लड़कर पांच सीटों पर जीती थी, जबकि इस बार उसने 53 सीटें लड़कर महज दो सीटों पर जीत हासिल की। वहीं दूसरी ओर, झारखंड मुक्ति मोर्चा (मोर्चा) 30 सीटें हासिल कर प्रदेश में सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है। सहयोगी पार्टी कांग्रेस ने 16 और राष्ट्रीय जनता दल (राजद) ने 1 सीट पर कब्जा जमाया। निर्दलीय के खाते में दो सीटें गई हैं। 3 सीटों पर झारखंड विकास मोर्चा (प्रजातांत्रिक) (जेवीएम-पी), 1 पर सीपीआई-माले और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) ने एक सीट पर जीत हासिल की है।

    अनुज कुमार सिंह द्वारा किया गया पोस्ट 

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