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    कश्मीर में विपक्षी नेताओं की हिरासत को लेकर पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने मोदी के कथन पर पर सवाल उठाया

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    संवाददाता अंजुम खान की रिपोर्ट 

    श्रीनगर: कश्मीर में विपक्षी नेताओं की हिरासत और प्रतिबंधों के मद्देनजर पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने बहस और असहमति को लोकतंत्र के लिए जरूरी बताने वाले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कथन पर सोमवार को सवाल उठाया।

     प्रधानमंत्री द्वारा किए गए एक पोस्ट के जवाब में महबूबा मुफ्ती के ट्विटर हैंडल से किये गए ट्वीट में कहा गया, ‘‘अगर लोकतंत्र के लिए बहस और चर्चा जरूरी है तो इस अधिकार से जम्मू-कश्मीर के लोगों को क्यों वंचित किया गया है? हम कश्मीरियों के लिए सिर्फ विभाजन, कड़े कानून और हिरासत ही हैं।’’

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    महबूबा मुफ्ती के ट्विटर हैंडल का संचालन उनकी बेटी इल्तिजा मुफ्ती कर रही हैं। महबूबा मुफ्ती, फारूक अब्दुल्ला और उमर अब्दुल्ला सहित मुख्यधारा के कई शीर्ष नेताओं को 5 अगस्त से एहतियातन हिरासत में रखा गया गया है, जब केंद्र सरकार ने अनुच्छेद 370 के प्रावधानों को रद्द करने की घोषणा की थी। 

    मोदी ने दिन में इससे पहले ट्वीट किया था, ‘‘नागरिकता संशोधन अधिनियम को लेकर हिंसक विरोध प्रदर्शन दुर्भाग्यपूर्ण और बेहद परेशान करने वाला है। बहस और चर्चा लोकतंत्र का जरूरी हिस्सा है, लेकिन कभी भी सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान नहीं पहुंचाना और सामान्य जनजीवन को बाधित न करना हमारे लोकाचार का हिस्सा रहा है।

    नरेंद्र यादव द्वारा किया गया पोस्ट 

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