• Breaking News

    CHANDRA GRAHAN 2020:साल का पहला चंद्र ग्रहण 10 जनवरी को चार घंटे 5 मिनट तक रहेगा,जानिए इसके बारे में

    We News 24 Hindi »नई दिल्ली
     संवाददाता काजल कुमारी  
    नई दिल्ली:नए साल का पहला चंद्र ग्रहण 10 जनवरी को लगेगा. यह एक उपच्छाया चंद्रग्रहण होगा. भारतीय समय के मुताबिक यह ग्रहण 10 जनवरी की रात 10 बजकर 37 मिनट पर शुरू होगा और 11 जनवरी को 2 बजकर 42 मिनट पर समाप्त हो जाएगा. उपच्छाया चंद्र ग्रहणवो ग्रहण होता है जो पूर्ण ग्रहण और आंशिक ग्रहण के मुकाबले काफी कमजोर होता है. इस ग्रहण को लोग साफतौर पर नहीं देख सकते. यह ग्रहण भारत, अफ्रीका, एशिया, यूरोप और ऑस्ट्रेलिया में देखा जा सकेगा. बता दें, इस साल कुल 4 चंद्र ग्रहण लगेंगे. दूसरा चंद्र ग्रहण 5 जून को लगेगा. वहीं तीसरा 5 जुलाई और साल का आखिरी चंद्र ग्रहण 30 नवंबर को लगेगा. 



    ये भी पढ़े -BREAKING:निर्भया के गुनहगारों को दी जाएगी 22 जनवरी को फांसी ,हुआ डेथ वारंट जारी

    यह कैसा चंद्र ग्रहण है?
    साल 2020 का यह पहला उपच्छाया चंद्र ग्रहण है. यह चंद्र ग्रहण 10 जनवरी को लगेगा. 

    क्या होता है उपच्छाया चंद्र ग्रहण?
    उपच्छाया चंद्र ग्रहण  तब होता है जब सूरज और चांद के बीच पृथ्‍वी घूमते हुए आती है, लेकिन वे तीनों एक सीधी लाइन में नहीं होते. ऐसी स्थिति में चांद की छोटी सी सतह पर अंब्र नहीं पड़ती. बता दें, पृथ्वी के बीच के हिस्से से पड़ने वाली छाया को अंब्र कहते हैं. चांद के बाकी हिस्‍से में पृथ्‍वी के बाहरी हिस्‍से की छाया पड़ती है, जिसे पिनम्‍ब्र या उपच्छाया  कहते हैं. \

    किन देशों में दिखेगा चंद्र ग्रहण?
    यह चंद्र ग्रहण पूरे भारत में दिखाई देगा. दुनिया भर में यह ग्रहण एशिया, यूरोप और ऑस्‍ट्रेलिया के अधिकतर हिस्‍सों में दिखाई देगा.

    ये भी पढ़े -MOTIHARI:जिले सुगौली में पति पत्नी की निर्मम हत्या से पुलिस महकमे में हडकंप

    किस समय दिखेगा उपच्छाया चंद्र ग्रहण?
    चंद्र ग्रहण कुल 4 घंटे 01 मिनट का होगा. भारतीय समय के अनुसार चंद्र ग्रहण 10 जनवरी की रात 10 बजकर 37 मिनट पर शुरू होगा और 11 जनवरी को 2 बजकर 42 मिनट पर समाप्‍त हो जाएगा. 

    कैसे लगता है चंद्र ग्रहण और सूर्य ग्रहण
    असल में यह एक खगोलीय घटना होती है. चंद्र ग्रहण उस खगोलिय घटना को कहा जाता है जब चंद्रमा पृथ्वी के ठीक पीछे उसकी प्रच्छाया में आ जाता है. वहीं, सूर्य ग्रहण तब माना जाता है जब चंद्रमा पृथ्वी और सूर्य के बीच से होकर गुजरता.

    क्या है ग्रहण सूतक काल ?
    ग्रणह शुरू होने के 9 घंटे पहले और ग्रहण पूरा होने के 9 घंटे के बाद तक का समय ग्रहण सूतक काल कहलाता है. 

    ये भी पढ़े -MADHYA PRADESH: में लहसुन चुराने के शक में युवक को नंगा कर बुरी तरह से पीटा

    ग्रहण के दुष्‍प्रभाव से बचने के लिए क्‍या उपाय करें?
    वैसे तो ग्रहण के पीछे वैज्ञानिक कारण हैं, लेकिन धार्मिक मान्‍यताओं में ग्रहण का विशेष महत्‍व है. ग्रहण काल को अशुभ माना गया है. सूतक की वजह से इस दौरान कोई भी धार्मिक कार्य नहीं किया जाता है. धार्मिक मान्‍यताओं में विश्‍वास रखने वाले लोग ग्रहण के वक्‍त शिव चालिसा का पाठ कर सकते हैं. साथ ही ग्रहण खत्‍म होने के बाद नहाकर गंगा जल से घर का शुद्धिकरण किया जाता है. फिर पूजा-पाठ कर दान-दक्षिणा देने का विधान है.

    इस ग्रहण को कैसे देख सकते हैं?
    चंद्र ग्रहण को देखने के लिए किसी विशेष सावधानी की जरूरत नहीं होती है. चंद्र ग्रहण पूरी तरह से सुरक्षित होता है इसलिए आप इसे नंगी आंखों से देख सकते हैं. अगर आप टेलिस्‍कोप की मदद से चंद्र ग्रहण देखेंगे तो आपको बेहद खूबसूरत नजारा दिखाई देगा.


    Post Top Ad

    Post Bottom Ad