NEW DELHI:JNU में हुई हिंसा के मामले में दिल्ली पुलिस जल्द कर सकती है खुलासा,तीन संदिग्धों के बारे में मिली सूचना
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दिल्ली
संवाददाता काजल कुमारी
नई दिल्ली : देश क सर्वश्रेष्ठ शिक्षा संस्थानों में शामिल जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी (JNU) में हुई हिंसा के मामले में दिल्ली पुलिस जल्द ही खुलासा कर सकती है जानकारी के अनुसार क्राइम ब्रांच को तीन संदिग्धों के बारे में सूचना मिली है, जिनमें एक महिला भी शामिल है। इन तीनों पर अपने चेहरे ढककर छात्रों पर डंडों से हमला करने का आरोप है।
हालांकि पुलिस ने अब तक पूरे मामले को लेकर अपनी चुप्पी नहीं तोड़ी है, लेकिन सूत्रों का कहना है कि मोबाइल लोकेशन के जरिए इनकी पहचान की गई है। पुलिस सूत्रों के मुताबिक घटना के वक्त इलाके में सक्रिय रहे मोबाइल फोन्स और कॉल डिटेल्स रिकॉर्ड एनालिसिस की मदद से संदिग्धों की जानकारी जुटाई गई है।
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यही नहीं दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच की टीम जेएनयू के उन भीतरी तत्वों को लेकर भी जानकारी जुटा रही है, जिन्होंने हमलावरों को साथ दिया और उन्हें गाइड किया। यह बात छात्रों के इंटरव्यू में सामने आई है। स्टूडेंट्स के मुताबिक हमलावरों ने हर कमरे के दरवाजे को नहीं खटखटाया और कुछ निश्चित कमरों पर ही हमले किए।
शायद उन्हें अपने टारगेट्स के बारे में पहले से ही जानकारी थी। यूनिवर्सिटी में तैनात एक पुलिसकर्मी ने कहा कि हमें कई लोगों की बातों से पता चला कि जैसे संदिग्धों को अपने निश्चित टारगेट्स के बारे में पहले से ही पता था।मास्क पहने संदिग्धों की ड्रेस और उनकी बॉडी लैंग्वेज से पता चलता है कि वे शायद कॉलेज स्टूडेंट्स ही हैं और उनकी उम्र भी 30 से कम है।
पुलिस फिलहाल सीसीटीवी फुटेज, तस्वीरें और मोबाइल वीडियोज हासिल करने में जुटी है।
पुलिस ऐसे लोगों की पड़ताल कर रही है, जिन्होंने हमलावर जैसे ही कपड़े पहने हों और उनके चेहरे ढके न हों। इसके अलावा पुलिस ने अपनी तैयारी को पुख्ता करते हुए वीडियोज को फॉरेंसिक लैब्स को भेजने की भी बात कही है।
मंगलवार को पुलिस ने लोगों से हिंसा की तस्वीरें और वीडियो साझा करने की अपील की थी। सूत्रों का कहना है कि चूंकि मामला छात्रों से संबंधित है। ऐसे में कोशिश यही की जाएगी कि किसी एक पक्ष की गिरफ्तारी ना की जाए।
जांच को दोनों ओर से बैलेंस बनाते हुए आगे बढ़ाया जाएगा। ताकि कोई भी एक पक्ष पुलिस पर पक्षपात का आरोप ना लगा सके। यह भी बताया गया है कि फिलहाल क्राइम ब्रांच जेएनयू स्टूडेंट्स की गिरफ्तारी से बचेगी। भले ही उनके नाम एफआईआर में दर्ज क्यों ना हों। नकाबपोश को पकड़ने की जरूर कोशिश की जा रही है।
आर्यन कुमार द्वारा किया गया पोस्ट