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    NEW DELHI:भारत बंद का कही रहा असर तो कही बेअसर ,विपक्षी दलों में भी रहा मतभेद

    We News 24 Hindi »नई दिल्ली
     संवाददाता अंजनी राठी  

    नई दिल्ली:बुधवार को 10 ट्रेड यूनियनों ने  भारत बंद का आह्वान किया था। इसकी वजह से बैंकिंग, परिवहन समेत दूसरी सेवाओं पर कहीं काफी असर दिखा तो कहीं हालात एकदम सामान्य रहे। विभिन्न श्रमिक संगठनों की ओर से बुलाये गये भारत बंद के समर्थन को लेकर भी विपक्षी दलों में मतभेद दिख रहा है। 

    श्रमिक संगठनों के इस बंद का जहां वाम मोर्चा खुलकर समर्थन कर रहा है, वहीं उधर, कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने ट्वीट करते हुए केंद्र की मोदी सरकार पर हमला किया है। कभी भाजपा की सहयोगी रही शिवसेना ट्रेड यूनियनों के बंद का समर्थन कर रही है तो भाजपा की कट्टर विरोधी पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने इसे सीपीआई(एम) की गुंडागर्दी करार देते हुए विरोध किया है। माना जा रहा है कि तकरीबन 25 करोड़ लोग इस हड़ताल का हिस्सा हैं। 

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    उधर, कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने ट्वीट करते हुए केंद्र की मोदी सरकार पर हमला किया है। उन्होंने लिखा है कि मोदी-शाह सरकार की जन विरोधी, श्रम विरोधी नीतियों ने भयावह बेरोजगारी पैदा की है। मोदी अपने पूंजीपति दोस्तों की मदद करने के लिए सार्वजनिक उपक्रमों को लगातार कमजोर कर रहे हैं। इसके विरोध में आज 25 करोड़ लोगों ने 'भारत बंद 2020' का आह्वान किया है। मैं उन सभी को सल्यूट करता हूं। 


    भारत पेट्रोलियम में विनिवेश के केंद्र सरकार के कदम के खिलाफ मुंबई में भारत पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड (बीपीसीएल) के कर्मचारियों द्वारा विरोध प्रदर्शन किया जा रहा है। शिवसेना ने ट्रेड यूनियनों द्वारा बुलाए गए भारत बंद को समर्थन दिया है। इसके साथ ही शिवसेना ने केंद्र सरकार पर उसकी नीतियों और फैसलों को लेकर निशाना साधा।

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    उधर, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि सीपीआई(एम) की कोई विचारधारा नहीं है। रेलवे पटरियों पर बम लगाना 'गुंडागर्दी' है। आंदोलन के नाम पर यात्रियों की पिटाई की जा रही है और पथराव किया जा रहा है। यह 'दादागिरी' है, आंदोलन नहीं। मैं इसकी निंदा करती हूं।


    भारत बंद के बीच पहाड़ों की रानी कहे जाने वाले शिमला में शानदार नजारा देखने को मिला। बर्फबारी के बीच लोग विरोध प्रदर्शन में डटे रहे। सीटू के बंद में लोग बर्फबारी के बीच छाते लेकर खड़े रहे और केंद्र सरकार की नीतियों के खिलाफ अपना विरोध जताया। शिमला में कुल 10 ट्रेन यूनियंस ने बंद का आह्वान किया था, हालांकि बर्फबारी के चलते बंद ज्यादा प्रभावी नहीं रहा।


    पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) और स्टूडेंट्स फेडरेशन ऑफ इंडिया (एसएफआई) के कार्यकर्ताओं के बीच बर्धमान में भारत बंद के दौरान झड़प हो गई। इस दौरान कुछ लोग एक युवक को पीटते हुए नजर आ रहे हैं तभी दूसरी ओर से भीड़ वहां पहुंचती है और युवक का बचाव करते हुए मारपीट शुरू हो जाती है।

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    केंद्र सरकार की नीतियों के विरोध में, आंध्र प्रदेश के प्रमुख शहरों में वाम दलों और ट्रेड यूनियनों द्वारा रैलियां निकाली गईं। विजयवाड़ा में राधम सेंटर से लेनिन सेंटर तक रैली निकाली गई। मचिलिपत्नाम में कोनेरू सेंटर से रैली निकाली गई। तिरुपति से मिली खबरों के अनुसार पुलिस ने युवा संगठनों को ‘शव यात्रा’ में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पुतले ले जाने से रोका। विजयवाड़ा में आरटीसी बस अड्डे के बाहर राजमार्ग पर धरना दे रहे कांग्रेस, सीपीआई और सीपीएम नेताओं को हिरासत में ले लिया गया। सीपीआई के राज्य सचिव के रामकृष्ण ने अपने और सीपीएम तथा कांग्रेस नेताओं को गिरफ्तार किए जाने की निंदा की। उन्होंने कहा, ‘हमने महज बीजेपी नीत केंद्र सरकार की जन विरोधी नीतियों के खिलाफ बंद का आह्वान किया लेकिन पुलिस उग्रता दिखा रही है।’


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