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दिल्ली/ब्यूरो संवाददाता कविता चौधरी
नई दिल्ली : देश में चल रही आर्थिक सुस्ती के बीच निर्मला सीतारमण अपना दूसरा आम बजट शनिवार को सुबह 11 बजे पेश करेंगी। सरकारी खजाने में टैक्स संग्रह के जरिए आने वाली रकम में आई कमी के चलते राजकोषीय घाटा सरकार के बजट लक्ष्य से ज्यादा रहने के आसार लगाए जा रहे है। वित्तमंत्री के सामने इसी संतुलन को बनाए रखने की चुनौती है।
जानकारों के मुताबिक, मौजूदा आर्थिक माहौल में वित्तमंत्री के हाथ खुलकर खर्च करने के लिहाज से तंग रह सकते हैं। हालांकि उन्हें ये भरोसा जरूर है कि बजट में ऐसे ऐलान जरूर किए जाएंगे, जिससे न सिर्फ रोजगार में इजाफा हो बल्कि लोगों की खरीदारी करने की क्षमता भी बढ़े।
पिछले साल बजट के बाद वित्तमंत्री ने कॉरपोरेट टैक्स में कटौती की थी, लेकिन आम लोगों को टैक्स से राहत नहीं दी गई है। ऐसे में नौकरी-पेशा लोगों को उम्मीद है कि सरकार टैक्स के मोर्चे पर राहत दे सकती है। टैक्स राहत देने से ही खरीदारी बढ़ेगी और अर्थव्यवस्था में तेजी के आसार भी बनेंगे।
आर्थिक विशेषज्ञ ये भी मान कर चल रहे हैं कि सरकार आवास-ऋण, शिक्षा-ऋण में भी राहत दे सकती है। इससे लोग टैक्स बचाने के लिए निवेश की रकम बढ़ाएंगे साथ ही रियल एस्टेट सेक्टर को भी मंदी से राहत मिलनी शुरू हो जाएगी। देश को 5 ट्रिलियन की अर्थव्यवस्था बनाने के लिए सरकार किसानों पर भी दाव लगाएगी। उनकी आय बढ़ाने के लिए सरकार अहम घोषणाएं कर सकती हैं।
उम्मीद की जा रही है कि किसान सम्मान निधि एवं मनरेगा के मद में आवंटन बढ़ाकर सरकार ग्रामीण भारत को और मजबूत करने का कदम उठा सकती है। मौजूदा वित्त वर्ष में विनिवेश के लक्ष्य से सरकार बड़े अंतर से चूक रही है। वहीं उपभोक्ता मांग को बढ़ाने के लिए सरकार पर कठोर कदम उठाने का भी दबाव है। ऐसे में शनिवार को पेश होने वाला बजट निर्मला सीतारमण के लिए बड़ी चुनौती है।