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    मोदी सरकार का एक और जन विरोधी वार,पेट्रोल और डीज़ल पर राहत देने के बजाय आम आदमी की तोड़ रही है कमर

    We News 24 Hindi »दिल्ली/एनसीआर 
    ब्यूरो संवाददाता अजित कुमार

    नई दिल्ली : भाजपा सरकार का एक और जन विरोधी वार।जब पूरे विश्व में कच्चे तेल का दाम 29 साल में सबसे ज़्यादा गिर गया है तब बजाय राहत देने के पेट्रोल और डीज़ल दोनों पर ₹3 / लीटर इक्साइज़ कर बढ़ा कर आम आदमी की कमर और तोड़ी गयी है। 

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    यह सरकार के दिमाग़ी दिवालियेपन के अलावा अनैतिकता भी है। जब कच्ची तेल का दाम बढ़ता है तब आम आदमी से पैसा ऐंठा जाता है तो क्या जब यह काम होता है तो राहत पहुँचाना सरकार का कर्तव्य नहीं है?

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    सितम्बर 2013 में कच्चे तेल का दाम था: ₹ 6926/बैरल, तब पेट्रोल का दाम था ₹74/लीटर
    मार्च 2020 में कच्चे तेल का दाम था: ₹ 2496/बैरल, अब पेट्रोल का दाम है ₹72/लीटर
    याद रखिएगा, कच्चा तेल तीन गुना कम है पर आपके लिए कोई राहत नहीं है। यह सरकार के घमंड और उदासीनता का परिचायक है।


    नहीं घटेंगे डीजल-पेट्रोल के दाम
    पेट्रोल और डीजल पर एक्साइज ड्यूटी बढ़ा दी गई है लेकिन दाम नहीं बढ़े हैं. दरअसल, खेल ये है कि कोरोना की वजह से अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल के जो दाम घटे हैं और इसका जो लाभ आप को मिलना चाहिए था वो नहीं मिलेगा. सरकार वो मुनाफा एक्साइज ड्यूटी लगाकर अपने खाते में डाल रही है

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