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    अंतर्राष्ट्रीय : नेपाल के 36 हेक्टेयर भूमि पर चीन ने किया कब्जा ,अब क्या करेगा नेपाल





    We News 24 Hindi »नई दिल्ली 

    संवाददाता काजल कुमारी 

    काठमांडू। नेपाल के प्रधानमंत्री श्री केपी शर्मा ओली ने हाल ही में संसद में अपने ज़हरीले भाषण में भारत पर हमला करते हुए कहा है कि भारत का वायरस चीनी  और इटली की तुलना में अधिक घातक है. केपी ओली ने यह भी कहा कि कालापानी-लिपुलेख और लिंपियाधुरा त्रिपक्षीय नेपाल-भारत-चीन में हैं और किसी भी कीमत पर नेपाल के नक्शे में शामिल होंगे नेपाल में तो ये शामिल कभी होंगे नहीं क्योकि ये भारत का हिस्सा है ओली सरकार  द्वारा सफ़ेद झूठ बोला जा रहा है . जिस चीन के दम पर नेपाल कूद रहा था चीन ने नेपाल को उसकी औकाद बताए हुए नेपाल के चार जिलो में 36 हेक्टेयर भूमि पर कब्ज़ा लिया |

    या इसे यूँ कहे की जिस चीन की आस्तीन में बैठ बिल्ली से शेर बन रहा था नेपाल चीन ने नेपाल के पीठ में छुरा भोक दिया ये तो चीन का पुराना फितरत है इसी को कहते है धोबी का गधा न घर के ना घाट के हिंदुस्तान से दोस्ती खराब कर ली और चीन जमीन हडपने में लगा है | 

    जिस ओली सरकार में सीमा विवाद के कारण नेपाल में भारत-विरोधी आंदोलन उग्र हो रहा है, पर चीन के लिए क्या करेगी ओली सरकार क्योकि चीन विभिन्न स्थानों पर सीमा उल्घन कर लिया  है।

    लेकिन चीन ने नेपाल की उत्तरी सीमा लाँघ कर 36 हेक्टेयर भूमि हडप लिया है  |  और यह बात  सार्वजनिक हो चूका  है।नेपाल के आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक पड़ोसी देश चीन ने नेपाल के  36 हेक्टेयर भूमि पर अतिक्रमण कर लिया है  । नेपाल के चार उत्तरी जिलों की 36 हेक्टेयर भूमि को चीन के आंकड़ों में देखा जा सकता है।

    एक सरकारी अध्ययन रिपोर्ट के अनुसार, चीन ने नेपाल में सांखुवासभा, रसुवा, सिंधुपालचोक और हुमला के सीमावर्ती क्षेत्रों पर अतिक्रमण किया है। सीमा का अध्ययन करने वाली नेपी शाखा की एक टीम ने 20 जुलाई को सरकार को यह रिपोर्ट सौंपी थी।कृषि मंत्रालय के तहत नेपाली शाखा द्वारा किए गए एक अध्ययन के अनुसार, नेपाली भूमि पर चीन द्वारा अतिक्रमण किया गया है। उत्तरी नेपाल, जो चीन से जुड़ा हुआ है, पूर्व से पश्चिम तक 43 सीमा पार हैं।


    नेपाल की उत्तरी सीमा के एक रिपोर्ट में कहा गया है कि 36 हेक्टेयर भूमि को साफ कर दिया गया है।रिपोर्ट में कहा गया है, "अगर चीन तिब्बत में विकास की गति को तेज करता है, जो नेपाल-चीन की सीमाओं को पार करता है, तो नेपाल को हजारों हेक्टेयर जमीन खोने की संभावना है।"
    रिपोर्ट में कहा गया है कि अध्ययन दल का निष्कर्ष है कि नेपाल की ओर नदी का प्रवाह नेपाल-चीन सीमा पर बड़े मैदानों का निर्माण कर रहा है और यह कि मैदानों को नदी द्वारा चीन की ओर मोड़ दिया गया है और तदनुसार चीन ने भूमि को अपनी सीमा में स्थानांतरित कर दिया है।

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    नेपाल के कृषि मंत्रालय की नापी शाखा के अनुसार, चीन ने हुमला, रसुवा, सिंधुपालचौक और संखुवासभा में सीमा पार कर ली है।चीन में हुमला की भांगडारे नदी में 6 हेक्टेयर, करनाल में चार हेक्टेयर, रसुवा की सैंजेन नदी में दो हेक्टेयर, भूर्जुग नदी में एक हेक्टेयर, लेमडे नदी में एक हेक्टेयर, जामु नदी में 3 हेक्टेयर, सिंधुपालचौक की खारेन नदी में सात हेक्टेयर, भोट में चार हेक्टेयर और भूटा में चार हेक्टेयर में है। मंत्रालय द्वारा जारी एक बयान में कहा गया है कि सांखुवासभा जिले की अरुण नदी में 4 हेक्टेयर भूमि को जब्त कर लिया गया है।

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