We News 24 Hindi »बिहार/राज्य
सीतामढ़ी/ब्यूरो संवाददाता संजू गुप्ता के साथ रोहित ठकुर की रिपोर्ट
सीतामढ़ी :धाम में जगत जननी जानकी का जन्मोत्सव घर-घर मनाया गया । क्योंकि आज जानकी नवमी है। वैशाख महीने के शुक्लपक्ष के नौवें दिन यानी नवमी तिथि को सीता जयंती मनाई जाती है। इस पर्व को जानकी नवमी भी कहा जाता है। इस दिन माता सीता और श्रीराम की पूजा की जाती है। धर्म ग्रंथों के अनुसार इसी दिन सीता का प्राकट्य हुआ था। ऐसा मान्यता है की श्रीराम और सीता जी का जन्म एक ही नक्षत्र में हुआ।
ग्रंथों के अनुसार वैशाख महीने के शुक्ल पक्ष की नवमी को पुष्य नक्षत्र में महाराजा जनक को धरती से संतान प्राप्त हुई थी। ग्रंथों में इस दिन का महत्व बताते हुए कहा गया है कि इस दिन माता सीता और श्रीराम की पूजा के साथ ही व्रत भी रखना चाहिए। इससे पृथ्वी दान सहित, सोलह तरह के महत्वपूर्ण दान का फल भी मिलता है।
सीता जन्म कथा
वाल्मीकि रामायण के अनुसार राज जनक की कोई संतान नहीं थी। इसलिए उन्होंने यज्ञ करने का संकल्प लिया। जिसके लिए उन्हें जमीन तैयार करनी थी। वैशाख महीने के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को पुष्य नक्षत्र में जब राजा जनक हल से जमीन को जोत रहे थे, उसी समय पृथ्वी में उनके हल का एक हिस्सा फंस गया। उस जगह खुदाई करने पर मिट्टी के बर्तन में उन्हें कन्या मिली। जोती हुई भूमि और हल की नोक को सीत कहा जाता है, इसलिए उसका नाम सीता रखा गया।
हर साल इस त्यौहार को लोग बड़े उत्साह के साथ मानते है खासकर मिथला नगरी में इस पर्व का खास महत्तव है पर इस बार कोरोना वायरस के वजह से लगे लोक डाउन के वजह से लोग अपने-अपने घरो में ही मनाने को वाध्य थे | और इस बार बड़ी सादगी से लोगो ने विधि विधान से अपने घरो में ही मनाया लोगो ने इस अवसर पर बधाई मिथला के प्रारम्पिक गीत सोहर भी गाये लॉगो ने शंखनाद थाली घंटी बजाकर माता सीता का जन्म दिन का इस तरह स्वागत किया |
आज ही जनक दुलारी जानकी सीतामढ़ी धाम में प्रकट हुईं थी। लेकिन इस बार कोरोना इफेक्ट के कारण सीता माता का जन्मोत्सव बिल्कुल सादगी से श्रद्धालु घर पर ही मना रहे हैं। इस बार पूरी सादगी एवं विधि-विधान के साथ सीतमाढ़ी के घर-घर में मां जानकी का जन्मोत्सव मनाया जा रहा है।
सीतामढ़ी नगरी में पहले से ही महंत कौशल किशोर दास और जानकी स्थान के पुजारी त्रिभुवन दास ने लोगो से घरों पर ही घंटी, शंख एवं थाली बजाकर जन्मोत्सव मनाने की अपील किया था । सीतामढ़ी के सांसद सुनील कुमार पिंटू भी थाली बजाकर जानकी नवमी मनाते नजर आए।
हर साल इस अवसर पर पडोसी देश नेपाल के जनकपुर से लेकर पुरे मिथला क्षेत्र में भव्य समारोह होता रहा है। पुनौराधाम व जानकी स्थान की भव्य सजावट की जाती थी। इसमें अयोध्या सहित नेपाल के जनकपुरधाम व मिथिलांचल के विभिन्न जगहों से साधु-संत शामिल होते थे। लेकिन, इस बार जन्मोत्सव पर कोरोना महामारी का प्रभाव रहा। लॉकडाउन के वजह से देश के और मदिरो के साथ-साथ जानकी स्थान और पुनौराधाम के भी पट बंद हैं।
जानकी जन्मोत्सव आयोजन समिति एवं भाजपा के विधान सभा सह प्रभारी विशाल कुमार ने कहा कि जानकी नवमी पर मां जानकी के जन्म से जुड़ी झांकी गाजे-बाजे के साथ निकलती थी। साथ साधु-संतों की टोली चलती थी, जगह-जगह श्रद्धालुओं की ओर से स्वागत कर आरती उतारी जाती थी। नगर भ्रमण कर दोपहर 12 बजे झांकी वापस मंदिर परिसर में पहुंचती थी। पर इस बार सोशल डिस्टेंस का घ्यान रखते हुए हुए सीतामढ़ी वासी अपने अपने घरो में ही मां जानकी का जन्मदिन की ख़ुशी जाहिर की और शाम को लोगो ने अपने-अपने घरो में दीपोत्सव भी मनाया |
वहीं इस अवसर पर सीतामढ़ी की जिलाधिकारी अभिलाषा कुमारी ने लोगों को जानकी नवमी की बधाई देते हुए कहा है कि सीता माता की धरती से माता सीता के प्राकट्य दिवस जानकी नवमी की समस्त जिलावासियों को हार्दिक बधाई एवम शुभकामनाये।इस कोरोना महामारी के संकटकाल में माता जानकी की कृपा एवम समस्त जिलावासियों के दृढ़ संकल्प एवम सहयोग से हम कोरोना को परास्त करने में निश्चित रूप से सफल होगें। सजग रहे,सतर्क रहें एवम सरकार के दिशा निर्देशों का पालन करते रहे।