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    महाराष्ट्र के उप मुख्यमंत्री अजित पवार मुश्किलो के घेरे में

    We News 24 Hindi »मुंबई
    ब्यूरो रिपोर्ट

    मुंबई: महाराष्ट्र के बहुचर्चित सिंचाई घोटाले मामले एक बार फिर प्रदेश के  । प्रवर्तन निदेशालय ने विदर्भ सिंचाई विकास निगम द्वारा सिंचाई अनुबंधों को प्रदान करने में संदिग्ध अनियमितताओं को लेकर मनी-लॉन्ड्रिंग की जांच शुरू कर दिया है।मालूम हो कि महाराष्ट्र की भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो एसीबी ने बीते साल दिसंबर में विदर्भ सिंचाई विकास निगम के तहत 12 परियोजनाओं से जुड़ी कथित अनियमितताओं के संबंध में उपमुख्यमंत्री अजीत पवार को क्लीन चिट दे दी थी।

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    उस वक्त अजीत पवार मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की कैबिनेट में डिप्टी सीएम थे। और क्लीन चिट मिलने के बाद बड़े ही नाटकीय ढंग से फडणवीस की कैबिनेट से इस्तीफा दे दिया था।अब सूत्रों से मिल रही जानकारी के मुताबिक ईडी की नागपुर यूनिट ने भंडारा जिले में गोसीखुर्द परियोजना की जांच शुरू कर दी है। इसकी जांच एसीबी द्वारा दर्ज मामलों पर आधारित है।उपमुख्यमंत्री अजीत पवार ने 1999-2009 से कांग्रेस और एनसीपी गठबंधन के सत्ता में रहने के दौरान प्रमुख विभागों के बीच जल संसाधन विकास विभाग भी संभाला था।

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    अजीत पवार विदर्भ सिंचाई विकास निगम के अध्यक्ष के पद पर भी रह चुके हैं। जिसमें सिंचाई परियोजनाओं को मंजूरी मिली थी। बाद में अनियमितताओं का आरोप लगाया गया था।इस पूरे मामले पर भाजपा नेता किरीट सोमैया ने कहा कि महाराष्ट्र सिंचाई घोटाले पर ईडी द्वारा आज पंजीकृत 2 ईसीआईआर शिकायतों का मैं स्वागत करता हूं। मुझे यकीन है कि वे भ्रष्ट आचरण, मनी लॉन्ड्रिंग आदि पर गहराई से जाएंगे और वास्तविक लाभार्थियों को भी ढूंढेंगे।

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