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    BREAKING:सीतामढ़ी नीतीश के राज में ऐसी है क्वारंटाइन सेंटरों की स्थिति,लोग सडको पर निकल कर कर रहे है हंगामा,देखे वीडियो

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     News 24 Hindi »बिहार/सीतामढ़ी 

    संवाददाता असफाक खान की रिपोर्ट 

    सीतामढ़ी :खाना भगवान भरोसे... पानी अपने भरोसे। कहने को क्वारंटाइन सेंटर है, लेकिन यहां सही तरीके का बंदोबस्त नहीं  है। दरअसल, ये क्वारंटाइन सिर्फ नाम का है बस यूं समझ लीजिए की एक स्कूल या बनाए गए क्वारंटाइन सेंटर के कमरे में दर्जनभर लोगों को सुलाया जा रहा है। खुदा ना खास किसी को कुछ हो भी जाए तो बचना मुश्किल हो जाएगा।

    दरअसल ये स्तिथि कहीं और की नहीं बल्कि 'सुशान बाबू' यानी नीतीश कुमार के राज्य के सीतामढ़ी शहर में स्तिथ क्वारंटाइन सेंटरों की है। यंहा की जिला अधिकारी अभिलाषा कुमारी शर्मा है जिनके द्वारा आये दिन क्वारंटाइन सेंटर को लेकर बड़े-बड़े दावे भी किये जाते है | पर हकीकत दावो से अलग दिख रहा है |

    सीतामढ़ी शहर स्थित श्री राधे कृष्ण गोयनका कॉलेज एवं श्री लक्ष्मी कॉलेज, दोनों क्वॉरेंटाइन सेंटर में शुक्रवार की सुबह रह रहे लोगों ने  किया. लोगों ने क्वॉरेंटाइन सेंटर में कु-व्यवस्था का आरोप लगाते हुए क्वारंटाइन सेंटर सें  बाहर निकल कर सड़क पर हंगामा किया.

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    मिली जानकारी के मुताबिक सीतामढ़ी शहर के मेन रोड किनारे दोनों कॉलेजों में क्वॉरेंटाइन सेंटर बनाया गया है. इनमें सैकड़ों लोग रह रहे हैं. लोगों का आरोप है कि उन्हें 4 दिन से केवल नाश्ता दिया जा रहा है. लोगों ने बताया कि खाना अगर मिल भी जाए तो बासी खाना मिलता है. रात में उन्हें मच्छर काटता है लेकिन मच्छरदानी की कोई व्यवस्था नहीं है. 

    लाख शिकायत करने पर अधिकारी नहीं सुन रहे हैं. आखिर में तंग आकर लोग सड़क पर उतर गए और सुबह मिले नाश्ते में लिट्टी को सड़क पर ही दिया. हैरानी की बात तो ये है कि इस स्थिति के बारे में 'ऊपर' तक सब जानते , लेकिन मदद करने की बजय इन शिकायतकर्ताओं पर ही मुकदमा करने के आदेश दे दिए जाते  हैं। और एक पत्रकार पर मुकदमा किया भी जा चूका है क्या ये कानून का दुरूपयोग नहीं है |

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    घटना के बाद सड़क पर अफरा-तफरी का माहौल हो गया. सड़क के दोनों किनारे वाहनों की लाइन भी लग गई. बाद में किसी ने इसकी सूचना सीतामढ़ी नगर थाना को दी. सीतामढ़ी नगर थाना के कुछ पुलिस कर्मी आए लेकिन लोगों की भीड़ के आगे बेबस नजर आए. खबर लिखे जाने तक मौके पर कोई भी प्रशासन के अधिकारी नहीं पहुंचे थे. 

    जिले के क्वॉरेंटाइन सेंटर में हंगामा पहला नहीं है 

    आपको बता दें कि सीतामढ़ी जिले के क्वॉरेंटाइन सेंटर में हंगामा का यह पहला मामला नहीं है. इससे पहले रीगा के बुलाकीपुर उच्च विद्यालय में बने क्वॉरेंटाइन सेंटर एवं बैरगनिया के क्वॉरेंटाइन सेंटर में भी हंगामा हो चुका है. डीएम ने क्वॉरेंटाइन सेंटर पर पूरी व्यवस्था करने का निर्देश अंचलाधिकारियों को दिया हुआ है बावजूद इसके इस तरह की व्यवस्था सामने आ रही है.


    आपदा प्रबंधन की ओर से फंड की स्वीकृति के बावजूद 

    यही हालात राज्य के सभी क्वारंटाइन सेंटरों में हैं।जब शहर में ये हालत है तो  गांवों की क्या  हालत होगीं । बिहार सरकार ने पंचायत स्तर तक स्कूलों में क्वारंटाइन की व्यवस्था की है और जिलाधिकारियों को उनके जिले की जिम्मेदारी दी गई है। आपदा प्रबंधन की ओर से फंड की स्वीकृति के बावजूद ये हालात है 

    क्या DGP का ये निर्देश जायज है ?

    राज्य के डीजीपी गुप्तेश्वर पांडेय ने सभी थानाध्यक्षों को स्पष्ट निर्देश दे दिया है कि जहां भी कोई हंगामा करे उसपर राष्ट्रीय आपदा अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज करें। यानी, दो साल की जेल और जुर्माना भी। मुकदमा का अधिकार पुलिस को देते समय डीजीपी ने अपने स्तर से इस बात की समीक्षा तक नहीं की कि आखिर जो लोग क्वारंटाइन किए गए हैं, उनकी दैनिक और मजबूरी की जरूरतें क्या हैं और वो कैसे पूरी होगी। क्या DGP का ये निर्देश जायज है ?


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