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    आत्मनिर्भर भारत अभियान गरीब व ज़रूरतमंद के लिए बना आर्थिक सहयोगी अभियान: सुमीत

    We News 24 Hindi »हिमाचल प्रदेश/राज्य

    ऊना/रिपोर्टर सत्यदेव शर्मा सहोड़

    ऊना।वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा एमएसएमई के लिए घोषित तीन लाख करोड़ का पैकेज छोटे उद्योगों के लिए राहत का काम करेगा। यह बात आज यहां जारी सँयुक्त बयान में भाजपा के प्रदेश उपाध्यक्ष प्रवीण शर्मा, विधायक बलबीर चौधरी और मीडिया सह प्रभारी सुमीत शर्मा ने कहे। 

    उन्होंने बताया कि कोरोना जैसी वैश्विक महामारी के दौर में प्रधानमंत्री मोदी द्वारा 20 लाख करोड़ का पैकेज देश के जरूरतमंदों की आर्थिकी को बल देने जैसा है।उन्होंने बताया कि "आत्मनिर्भर भारत अभियान" के तहत ही वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण व राज्यमंत्री अनुराग ठाकुर ने इसी पैकेज में देश की लगभग 45 लाख एमएसएमई उद्योगों को तीन लाख करोड़ की आर्थिक मदद की घोषणा करने से नई जान डालने का काम किया है। 

    उन्होंने कहा कि इस आर्थिक मदद से एमएसएमई जगत से जुड़े देश के 12 करोड लोगों का रोज़गार पुनस्थापित होने की संभावना बनी है। साथ ही असंगठित क्षेत्र के कामगारों को भी रोजगार प्राप्त करने के नए अवसर बनेगें। वहीं ईपीएफ की दरों में केंद्र सरकार नियोक्ता और कर्मचारी दोनो का कुल 24 फीसदी का योगदान कर 2500 करोड़ का खर्च वहन करेगी। इससे देश 3.70 लाख कंपनियों व 72.22 लाख कर्मचारियों को लाभ होगा।वहीं पर ईपीएफओ में व्यवसायी व कर्मचारी के योगदान को कम करने से 5 करोड़ कर्मचारियों को लाभ प्राप्त होने से 6750 करोड़ की नकदी सर्कुलेशन में आएगी। 

    उन्होंने बताया कि देश की विद्युत वितरण कंपनियों को आर्थिक रूप से बूस्ट करने के लिए 90000 करोड की राशि स्वीकृत कर उपभोक्ताओं को अप्रत्यक्ष रूप से इस पैकेज के माध्यम से लाभ देने की योजना को अमलीजामा देने का प्रयास किया है। उन्होंने बताया कि गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियों, हाउसिंग फाइनान्स कंपनियों और लघु वित्तीय संस्थाओं के लिए 75000 करोड की नकदी का प्रवाह करने से उपभोक्ताओं को इन बैंकों से सस्ती दरों पर ऋण लेने में सुविधा होगी जिससे उपभोक्तादारी के स्वरोजगार को बढ़ावा मिलेगा। 

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    उन्होंने बताया कि कोरोना महामारी के कारण देश आर्थिक स्तर पर विश्व के अन्य देशों की भांति संघर्ष कर रहा है लेकिन प्रधानमंत्री मोदी जी के नेतृत्व में इस संकट के काल में भारत के 130 करोड़ लोग संगठित होकर इस महामारी का मुकाबला कर रहे हैं और बीमारी से बचने के नियामकों की अनुपालना करते हुए भारत को पुनः विकास के पथ की ओर ले जाने में मददगार साबित होंगे। उन्होंने बताया कि टीडीएस की दरों में 25 फ़ीसदी कटौती की गयी है जिस कारण 50000 वरवर नकदी का प्रवाह मार्किट में बढ़ेगा। 

    उन्होंने बताया कि कोरोना वायरस के कारण उत्पन्न परिस्थिति के मद्देनजर वर्ष 2019-20 के लिए आयकर रिटर्न्स की अंतिम तिथि 31 जुलाई से बढ़ाकर 30 नवम्बर 2020 तक कर दिया गया है साथ ही टैक्स ऑडिट की  का समय 31 अक्टूबर 2020 तक बढ़ाने से करदाता को लाभ मिलेगा। वहीं "विवाद से विश्वास स्कीम" के तहत की आयकर सीमा को बढ़ाकर 31 दिसंबर 2020 करने से देश के करदाता में एक विश्वास प्रकट किया है कि वह इमानदारी से देश के निर्माण में अपना सहयोग करेंगे।

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