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    मास्क पहनकर दौड़ना व्यायाम करना है घातक,जाने डॉक्टर की रॉय

    तस्वीर गूगल 


    We News 24 Hindi » नई दिल्ली 

    आरती गुप्ता  की रिपोर्ट  


    वैश्विक :महामारी कोरोना के कारण मास्क जीवन का हिस्सा बन चुका है। संक्रमण की जो स्थिति है, उससे डॉक्टरों का भी मानना है कि लोगों को लंबे समय तक मास्क पहनना अपनी आदत में शामिल करना होगा। इसलिए लोगों को इसके फायदे और नुकसान के बारे में भी जागरूक होना पड़ेगा। 

    दौडऩे या व्यायाम करते समय मास्क पहनना घातक भी हो सकता है।  नियमित व्यायाम की जिनकी आदत नहीं है, उन्हें अचानक बगैर मास्क के भी न तो अधिक दौड़ना चाहिए और न ही व्यायाम करके शरीर की क्षमता से ज्यादा उस पर बोझ डालना चाहिए। संक्रमण  से बचाव के लिए मास्क व ग्लव्स का इस्तेमाल जरूरी है। खासतौर पर मास्क पहनकर ही घर से बाहर निकले। 

     फोर्टिस अस्पताल के श्वांस रोग विशेषज्ञ डॉ.विकास मौर्या ने कहा कि दफ्तर व बाजार में भी शारीरिक दूरी के नियम का पालन करें। इसे अपनी आदत में शामिल करना जरूरी है, इसलिए कहीं भी जाएं तो कम से कम एक मीटर की दूरी बनाकर रहें। हाथ की स्वच्छता सबसे जरूरी है। घर से बाहर निकलें तो थोड़े-थोड़े समय अंतराल पर हाथ सैनिटाइज करें। दफ्तर में हैं तो 20-30  मिनट पर साबुन से हाथ धोते रहें। 

    भीड़ वाले जगहों पर फ़ेस शील्ड का इस्तेमाल कर सकते हैं। डॉक्टर कहते हैं कि मास्क पहने हैं और शारीरिक दूरी का पालन करें तो फ़ेस शील्ड जरूरी नहीं हैं। जूते घर के बाहर निकालें और हाथ सैनिटाइज करें। कपड़े बदले और हाथ-पैर साबुन से धोएं या स्नान करें। कपड़े का मास्क रोज़ाना साफ करें।  कई बार खांसी व छींक आने पर लोग मास्क नीचे कर लेते हैं। ऐसा न करें। खांसी व छींक आने पर चेहरे को ढंककर रखें। 



    खांसी व छींक आने पर रूमाल, टिश्यू पेपर या बाज़ू के पकड़े से चेहरे को ढक सकते हैं ताकि ड्रॉपलेट बाहर न आने पाएँ। बच्चों को प्यार-दुलार करते समय उन्हें चूमना नहीं चाहिए क्योंकि थूक के जरिए उन्हें संक्रमण  हो सकता है। हाथ से चेहरे को न छुए क्योंकि नाक, मुंह व आंख के जरिए वायरस शरीर में प्रवेश कर सकता है। हाथ ठीक से धोने के बाद ही चेहरा छू सकते हैं। यदि घर में कोई बुजुर्ग हो तो उनके पास मास्क पहनकर ही जाएं। 

    रेलिंग या किसी भी सतह को अनावश्यक रूप से हाथ न लगाएँ क्योंकि वहां मौजूद वायरस हाथ में आ सकते हैं। कई शोधों में यह बात सामने आ चुकी हे कि धूम्रपान करना भी संक्रमण फैलने का कारण बन सकता है। इसलिए धूम्रपान का इस्तेमाल न करें। गुटखा, तंबाकू व पान मसाला खाकर लोगों को अक्सर बाहर थूकने की आदत होती है। इसे बदलना होगा क्योंकि थूक से संक्रमण  फैल सकता है। इसलिए सड़क पर इधर-उधर न थूकें। 


    दोपहिया वाहन व कार में बैठते समय तय दिशा निर्देशों का पालन करें। दोपहिया वाहन पर दो लोग सवार होने से संक्रमण  हो सकता है। हेलमेट के साथ मास्क व ग्लव्स पहने। ग्लव्स निकालने के बाद हाथ सैनिटाइज करें। वाहन का दरवाज़ा खोलने से पहले हैंडल को और बाद में हाथ सैनिटाइज करें। वाहन में भी मास्क लगाए। सार्वजनिक परिवहन साधनों को प्रतिदिन सैनिटाइज करें। टैक्सी या कैब में सफर से पहले यात्री की थर्मल स्कैनिंग जरूरी है। कैब चालक से पूछ लें कि कहीं उसे खांसी, जुकाम तो नहीं।



     सफर के बाद हाथ धोएं। एम्स के कार्डियोलॉजी विभाग के प्रोफेसर डॉ.अंबुज रॉय कहते हैं कि आम लोगों को सर्जिकल या कपड़े का मास्क ही पहनना चाहिए। एन-95 मास्क मल्टी लेयर व चेहरे से चिपका होता है जिससे सांस लेने में थोड़ी परेशानी होती है। दौडऩे या व्यायाम में सांस लेने की गति बढ़ती है और ज्यादा ऑक्सीजन की जरूरत होती है। एन-95 मास्क से फिल्टर होने पर हवा का दबाव कम हो जाता है। इससे ऑक्सीजन की कमी महसूस होने लगती है। अस्पतालों में स्वास्थ्य कर्मियों को ही इस तरह के मास्क का इस्तेमाल करने की सलाह दी जाती है।

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