पटना :नेपाल में लगातार हो रही बारिश की वजह से बाढ़ ने बिहार में तबाही मचा रखी है. बिहार के 10 जिलों के 600 से ज्यादा गांव बाढ़ की वजह से तबाही के कगार पर हैं. और ये हर साल की बात है. हर साल बिहार में बाढ़ आती है. हर साल तबाही मचाती है. हर साल लोग मारे जाते हैं और हर साल हजारों करोड़ रुपये की संपत्ति पानी में बह जाती है. लेकिन बड़ा सवाल है ये बाढ़ आती क्यों है और इसके लिए जिम्मेदार कौन है, आइये इसे आसान भाषा में समझने की कोशिश करते हैं.
इसका एक लाइन में जवाब तो ये है कि इसकी भौगोलिक परिस्थिति बिहार में सात जिले ऐसे हैं जो नेपाल से सटे हैं. ये जिले हैं – पश्चिमी चंपारण, पूर्वी चंपारण, सीतामढ़ी, मधुबनी, सुपौल, अररिया और किशनगंज. नेपाल में कई ऐसी नदियां हैं जो नेपाल के पहाड़ी इलाकों से निकलकर मैदानी इलाकों में आती हैं. फिर वहां से और नीचे बिहार में दाखिल हो जाती हैं.
उदाहरण के लिए- नेपाल से निकलने वाली बागमती नदी बिहार के सीतामढ़ी में आती है. वहां से शिवहर, मुजफ्फरपुर, दरभंगा, समस्तीपुर होते हुए बेगुसराय में आकर बूढ़ी गंडक में मिल जाती है.नेपाल से ही निकलने वाली कारछा नदी सीतामढ़ी में आती है. वहां से दरभंगा, समस्तीपुर, सहरसा, खगड़िया होते हुए मधेपुरा में कोसी में मिल जाती है.
नेपाल से निकलने वाली कोसी सुपौल में बिहार में शामिल होती है. वहां से मधेपुरा, अररिया, पूर्णिया, सहरसा, खगड़िया, मुंगेर होते हुए कटिहार में गंगा में मिल जाती है. बिहार में नदियां ऐसे बहती हैं. और रिकॉर्ड है कि सबसे ज्यादा तबाही कोसी नदी करती है. नेपाल की कोनकाई नदी किशनगंज के ज़रिये बिहार में आती है. कटिहार होते हुए पश्चिम बंगाल चली जाती है.नेपाल की कमला नदी मधुबनी आती है. दरंभगा और सहरसा होते हुए मधेपुरा में कोसी में आकर मिल जाती है. नेपाल से ही निकलने वाली गंडक वाल्मिकीनगर आती है. हाजीपुर-सोनपुर की सीमा बनाते हुए गंगा में मिल जाती है.
क्या सिर्फ नेपाल की ही नदियों से बाढ़ आती है? जवाब है नहीं. बिहार की उत्तरी सीमा नेपाल से, पूर्वी सीमा बंगाल से, पश्चिमी सीमा यूपी से और दक्षिणी सीमा झारखंड से लगती है.
बिहार में गंगा यूपी से आती है. गंगा बक्सर, आरा, छपरा, हाजीपुर, पटना, बेगुसराय, मुंगेर, लखीसराय, भागलपुर होते हुए कटिहार जाती है और वहां से बंगाल चली जाती है.
घाघरा गोपालगंज की सीमा से लगते हुए सीवान और छपरा आती है. गंगा में मिल जाती है.
सोन, पुनपुर और फल्गु नदी झारखंड से आती है.
सोन नदी सासाराम, अरवल, आरा होते हुए पटना जाती है और गंगा में मिल जाती है.
पुनपुन औरंगाबाद और जहानाबाद होते हुए पटना के पास फल्गु में मिलती है.
फल्गु नदी गया, जहानाबाद होते हुए पटना में गंगा में मिल जाती है.
महानंदा पश्चिम बंगाल से आती है. किशनगंज और कटिहार होते हुए फिर बंगाल चली जाती है.
इसके अलावा बिहार के कैमूर से दो नदियां निकलती हैं कर्मनाशा और दुर्गावती.
इसके अलावा और भी कुछ वजहें हैं, जो सीधे तौर पर नेपाल से जुड़ी हैं.
बिहार में बाढ़ का सबसे ज्यादा पानी नेपाल से आता है. नेपाल में पानी इसलिए नहीं टिकता क्योंकि वो पहाड़ी इलाका है. नेपाल में पिछले कई सालों में खेती की ज़मीन के लिए जंगल काट दिए गए हैं. जंगल मिट्टी को अपनी जड़ों से पकड़कर रखते हैं और बाढ़ के तेज बहाव में भी कटाव कम होता है. लेकिन जंगल के कटने से मिट्टी का कटाव बढ़ गया है.
नेपाल में कोसी नदी पर बांध बना है. ये बांध भारत और नेपाल की सीमा पर है, जिसे 1956 में बनाया गया था. इस बांध को लेकर भारत और नेपाल के बीच संधि है. संधि के तहत अगर नेपाल में कोसी नदी में पानी ज्यादा हो जाता है तो नेपाल बांध के गेट खोल देता है और इतना पानी भारत की ओर बहा देता है, जिससे बांध को नुकसान न हो.
अभी बिहार में क्या हालात हैं? बिहार में सीतामढ़ी, शिवहर, मुजफ्फरपुर, पूर्वी चंपारण, मधुबनी, अररिया, दरभंगा, सुपौल और किशनगंज में बाढ़ की स्थिति गंभीर बनी हुई है.
We News 24 to launch an Hindi news Media, the channel established itself as a news channel with a difference is the online arm of We News 24, We Are One Reiyukai Sukarya (WAORS)Along with a plethora of mobile-& multimedia-enabled content, We News 24 is a multi-platform offering that, for the first time, provides viewers/users an opportunity to contribute to the news process and interact with editors and reporters. We News 24 are powered not just by journalists but also by news professionals.