• Breaking News

    Himachal News:शीघ्र विवाह के लिए सावन में रखें मंगला गौरी व्रत





    We News 24 Hindi »हिमाचल प्रदेश/राज्य

    ऊना/रिपोर्टर सत्यदेव शर्मा सहोड़

    #Himachal News

    पंचाग पुराण:इस बार सावन का महीना एक साथ कई शुभ योग लेकर आया है। इस पवित्र माह में किए जाने वाले शुभ कार्यों के बारे में बता रहे हैं ज्योर्तिविद्, मदन गुप्ता सपाटू। धार्मिक एवं ज्योतिषीय मान्यताओं के अनुसार, श्रावण मास में पड़ने वाले मंगल वारों पर यदि व्रत रखें जाएं तो अविवाहित युवक-युवतियों के शीध्र विवाह की संभावनाएं प्रबल हो जाती हैं। पहला मंगलागौरी व्रत 7 जुलाई को निकल चुका है, अब 14, 21 तथा 28 तारीख को भी रखा जा सकता है।

    ये भी पढ़े-Madhya Pradesh News:इस समय की बड़ी खबर ,पकड़ा गया कानपूर पुलिस का हत्यारा दुर्दांत अपराधी विकास दुबे


    सावन में शिव परिवार की पूजा का विशेष महत्व है। सावन मास में जिस प्रकार प्रत्येक सोमवार को भगवान शिव की विशेष पूजा होती है, ठीक वैसे ही प्रत्येक मंगलवार को मंगला गौरी व्रत होता है और मां गौरी की पूजा अर्चना की जाती है। इस दिन महिलाएं अखंड सौभाग्य के आशीर्वाद के लिए मां गौरी की पूजा करती हैं।


    यह व्रत महिलाएं अपने पति की लंबी आयु के लिए रखती हैं। ऐसे में मां गौरी की पूजा करते समय सुहाग की सामग्री अर्पित करना शुभ माना जाता है। संतान के कल्याण के लिए भी यह व्रत किया जाता है। वैवाहिक जीवन की समस्याओं से बचने के लिए सोमवार के साथ मंगला गौरी व्रत करने का भी विधान है। मंगला गौरी की पूजा में मां गौरी को साड़ी, 16 श्रृंगार की वस्तुएं, 16 चूडियां और सूखे मेवे 16 जगह बनाकर अर्पित करना चाहिए।


    16 श्रृंगार के सामान और साड़ी चढ़ाएं

    व्रत वाले दिन व्रती को नित्य कर्मों से निवृत्त होकर साफ वस्त्र पहनना चाहिए। फिर मंगला गौरी व्रत एवं पूजा का संकल्प लेना चाहिए। इसके बाद पूजा स्थान पर मां गौरी की तस्वीर एक चौकी पर स्थापित कर दें। दीप जलाकर मां गौरी का षोडशोपचार पूजन करें। फिर उनको । पूजा के बाद माता रानी की आरती करें। इसके बाद दिनभर फलाहार करते हुए संध्या पूजा के बाद अन्न पारण कर व्रत पूर्ण करें।

    ये भी पढ़े-Himachal News:भारी बरसात में गिरा मकान का छज्जा, कोई हताहत नहीं


    वास्तुदोष के कारण भी आती है विवाह में रूकावट
    माता-पिता की सबसे बड़ी चिंता उनके बेटे-बेटियों का समय पर विवाह करने की होती है। कई युवक-युवतियों की उम्र बीतती जाती है लेकिन उन्हें योग्य जीवनसाथी नहीं मिल पाता । युवतियों के विवाह में विलंब होने के कारण पूरा परिवार तनाव में आ जाता है। विवाह नहीं होने या विवाह में रूकावट आने के ज्योतिष में तो कई कारण और उनके समाधान बताए गए हैं, वास्तु में भी विवाह में बाधा के कई कारण बताए गए हैं। विवाह योग्य युवक या युवती घर में जिस रूम में सोते हैं वहां से लेकर घर के अन्य जगह पर वास्तुदोष होने से भी विवाह में विलंब होता है।


    इस कोने में युवक-युवतियों का बेडरूम नहीं बनाना चाहिए

    घर का दक्षिण-पश्चिम (नैऋत्य) कोना विवाह में बाधा का सबसे बड़ा कारण बनता है। इस कोने में युवक-युवतियों का बेडरूम नहीं बनाना चाहिए। लड़कियों के बेडरूम का दरवाजा दक्षिण-पश्चिम दिशा में खुलने वाला नहीं होना चाहिए। शीघ्र विवाह के लिए जरूरी है कि युवक-युवतियों खासकर लड़कियों का कमरा सीधे पश्चिमी दिशा में हो। इससे विवाह कार्यों में बाधाएं नहीं आती। परिवार में अविवाहित युवक-युवतियां हैं तो घर की दीवारों में हल्के खुशनुमा रंग करना चाहिए, यहां तक की सीलिंग में भी सूदिंग कलर्स का इस्तेमाल करना चाहिए। 

    युवक का विवाह नहीं हो पा रहा है

    यदि युवक का विवाह नहीं हो पा रहा है, बाधा आती है तो उसे दक्षिण-पूर्व दिशा में सोना चाहिए।शीघ्र विवाह के लिए युवक-युवतियों के कमरे में श्रीकृष्ण की तस्वीर या बांसुरी अवश्य लगाना चाहिए। अविवाहित युवतियों के बेडशीट का रंग हल्का हो जैसे पिंक, बेबी पिंक, वॉयोलेट हो। घर के मुख्य द्वार के दोनों ओर कम से कम 10 फीट दूर तक कोई भी कंटीला पौधा, वृक्ष आदि नहीं होना चाहिए।

    Header%2BAidWhats App पर न्यूज़ Updates पाने के लिए हमारे नंबर 9599389900 को अपने मोबाईल में सेव  करके इस नंबर पर मिस्ड कॉल करें। फेसबुक-टिवटर पर हमसे जुड़ने के लिए https://www.facebook.com/wenews24hindi और https://twitter.com/Waors2 पर  क्लिक करें और पेज को लाइक करें


    Post Top Ad

    Post Bottom Ad