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    Kathmandu:आखिरकार, चीनी राजदूत ने ओली की कुर्सी बचा ली, पीछे हटते नजर आ रहे है प्रचंड




    We News 24 Hindi » काठमांडू/नई दिल्ली 

    रोहित ठाकुर  रिपोर्ट


    #International News China Nepal


    काठमांडू: चीन की राजदूत हाओ यांकी के प्रयासों के बाद  नेपाल में गहराया राजनीतिक संकट फ़िलहाल खत्‍म होते नजर आ  रहा है। सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी के कार्यकारी अध्यक्ष पुष्प कमल दहल प्रचंड पीछे हटते नजर आ रहे है .


    आपको बताते चले की  प्रचंड ओली को हटाने की मांग पर अड़े हुए थे , और प्रचंड को  मनाने के लिए चीन की राजदूत बुधवार को उनके घर पहुंचीं। और नतीजा आपके सामने है नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली की कुर्सी फिलहाल सुरक्षित  नज़र आ रही है.

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    नेपाल की मीडिया के मुताबिक नेपाल कम्युनिस्ट पार्टी (एनसीपी) में टूट का खतरा फ़िलहाल टल गया है, साथ ही चीन के दखल के बाद अब पार्टी के सह-अध्यक्ष पुष्प कमल दहल प्रचंड ने प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली के इस्तीफे की मांग को फिलहाल छोड़ने का फैसला किया है. ओली और प्रचंड रविवार को आपसी समझौते के लिए राजी हो गए हैं. माना जा रहा है कि समझौते में राष्ट्रपति बिद्या देवी भंडारी की भूमिका अहम रही, साथ ही चीन के बाहरी दबाव ने भी काम किया है.


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    इससे पहले नेपाल की सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी ने अपनी स्थायी समिति की अहम बैठक रविवार को सातवीं बार टाल दी थी. अब इसका कार्यक्रम मंगलवार के लिये निर्धारित किया गया है. इस बीच, पार्टी के शीर्ष नेताओं ने प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली और पूर्व प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल ‘प्रचंड’ के बीच सत्ता साझीदारी पर बातचीत के प्रयास तेज कर दिए हैं. स्थायी समिति के सदस्य गणेश शाह ने बताया कि रविवार सुबह हुई एक अनौपचारिक बैठक के दौरान पार्टी के शीर्ष नेताओं ने मतभेदों को दूर करने के लिये और दो दिनों के लिए बैठक टालने का फैसला किया. 

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    काठमांडू पोस्ट के मुताबिक, ओली और प्रचंड इस साल के अंत में पार्टी का आम सम्मेलन बुनाने की शर्त पर राजी हुए हैं. समझौते का मतलब साफ है कि प्रचंड अब प्रधानमंत्री ओली के इस्तीफे की अपनी मांग को छोड़ देंगे. प्रचंड की मांग की वजह से एनसीपी में आंतरिक गतिरोध के चलते टूट का खतरा मंडरा रहा था.

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