सीतामढ़ी:रेलवे कर्मचारियों ने एकजुट होकर केंद्र सरकार के खिलाफ रेलवे के निजीकरण का विरोध किया
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पवन साह की रिपोर्ट
सीतामढ़ी:अगस्त क्रांति यानी 9 अगस्त। भारत के स्वतंत्रता आंदोलन के इतिहास में अगस्त क्रांति के नाम से मशहूर भारत छोड़ो आंदोलन देशव्यापी था जिसमें बड़े पैमाने पर भारत की जनता ने हिस्सेदारी की और अभूतपूर्व साहस और सहनशीलता का परिचय दिया।
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भारत में 15 अगस्त धूमधाम से मनाते हैं,क्योंकि उस दिन ब्रिटिश वायसराय माउंटबेटन ने भारत के प्रधानमंत्री के साथ हाथ मिलाया था और क्षतिग्रस्त आजादी हमारे भारत को सौपी थी तो वही वहीं 9 अगस्त देश की जनता की उस इच्छा की अभिव्यक्ति थी जिसमें उसने यह ठान लिया था कि हमें आजादी चाहिए और हम आजादी ले कर रहेंगे।
उसी भारत छोड़ो आंदोलन क्रांति के दिन पुरे देश में रेलवे संगठन ने रेलवे को निजी करण से आजादी दिलाने के लिए एक सुर में केंद्र सरकार के खिलाफ आवाज बुलंद किया . इसी क्रम में सीतामढ़ी रेलवे जंक्शन पर भी रेलवे के निजीकरण, पदों के सरेंडर, एनपीएस पर रेल यूनियनों ने हल्ला बोला. रेलवे यूनियन के नेताओं ने सरकार के खिलाफ जमकर विरोध जताया.
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सीतामढ़ी रेलवे जंक्शन पर रेल कर्मचारियों ने निजीकरण मुर्दाबाद, कर्मचारी यूनियन जिंदाबाद आदि का नारा लगाते हुए घंटों विरोध- प्रदर्शन किया. हाथों में यूनियन का झंडा लिए रेलवे कर्मचारियों की मांग थी कि रेलवे का निजीकरण ना किया जाए.
स्टेशन अधीक्षक मदन प्रसाद समेत तमाम इंजीनियर, कर्मी सब लोग विरोध- प्रदर्शन में शामिल रहे. इस दौरान सोशल डिस्टेंसिंग का खासा ख्याल रखा गया. विरोध प्रदर्शन में महिला कर्मी भी शामिल थी.
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