बिहार के इस जिला में अलग-अलग इलाकों में मिले 7 शवों ने पुलिस विभाग में दहशत पैदा कर दी
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अनिल कुमार की रिपोर्ट
बक्सर :जिले में अपराध का यह नया तरीका है या हत्या के बाद सबूत मिटाने का नया तरीका, दस दिनों में जिले के अलग-अलग थाना क्षेत्रों से सात शव लावारिस अवस्था में मिलने के बाद पुलिस महकमे की नींद उड़ चुकी है। हालांकि, तफ्तीश में पुलिस ने पांच शवों की पहचान कर ली है , लेकिन बक्सर तथा डुमरांव अनुमंडल के एक-एक शवों की अभी तक पहचान नहीं की जा सकी है।
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हाल के दिनों पर गौर करें तो अगस्त माह के अंतिम दस दिनों में ही सात लोगों की हत्या कर फेंका शव बरामद किया गया है। इनमें तीन महिला तथा चार पुरुष के शव पाए गए हैं। हत्या की यह तमाम वारदातें 22 अगस्त से 31 अगस्त के बीच अंजाम दी गई हैं। सबसे पहले 22 अगस्त की सुबह 4 बजे के करीब मुफ्फसिल थाना के दानी कुटिया से एक अधेड़ का शव बरामद किया गया, जिसमें घरवालों ने हत्या किए जाने की आशंका जताई थी। 24 अगस्त को मुफ्फसिल थाना क्षेत्र के मिल्की गांव स्थित सड़क किनारे से विगत पांच दिनों से लापता मिल्की गांव में ही एक किसान के यहां चरवाहा के रूप में काम कर रहे युवक का शव बरामद किया गया।
इसके बाद 29 अगस्त की सुबह 11 नम्बर लख से आगे रेलवे ट्रैक के बगल में चाकू से गोदकर हत्या किए गए कैमूर के युवक का शव पाया गया। जबकि 30 अगस्त को एक साथ दो विवाहिता के शव पाए गए। एक इटाढ़ी के खतीबा के समीप ठोरा नदी के तट से बरामद किया गया, जबकि दूसरा शव राजपुर के रोहिनीभान गांव में बरामद किया गया।
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वहीं 31 अगस्त को भी सिमरी थाना के केशोपुर गंगा घाट से एक युवक का शव पाया गया जबकि दूसरा शव इसी दिन देर रात रघुनाथपुर गुमटी से पश्चिम नहर किनारे झाड़ियों में हत्या कर फेंके गए महिला का अर्धनग्न शव बरामद किया गया। हत्या किए गए इन सात शवों में से पांच की पहचान कर ली गई थी, जबकि केशोपुर घाट से बरामद युवक तथा रघुनाथपुर नहर से बरामद महिला के शवों की अब तक पहचान नहीं हो सकी है।
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