नई दिल्ली: प्रेट्र। एशिया में भारत कोरोना महामारी से बुरी तरह प्रभावित हुआ है। इंडियन पब्लिक हेल्थ एसोसिएशन (आइपीएचए) के विशेषज्ञों के मुताबिक दुनियाभर में प्रतिदिन मिल रहे नए मामलों में 30 फीसद और मौतों में 20 फीसद अकेले भारत में ही हो रही हैं। हालांकि, इनका यह भी कहना है कि देश में अभी कोरोना का चरम आना बाकी है। भारत में कोरोना महामारी पर तीसरे संयुक्त बयान में जाने-माने स्वास्थ्य विशेषज्ञों के टास्क फोर्स ने कहा है कि भारत में कोरोना मरीजों के ठीक होने की दर प्रभावशाली है और मृत्युदर में भी लगातार गिरावट आ रही है।
दो महीनों में प्रतिदिन मिलने वाले नए मामलों में अप्रत्याशित वृद्धि आइपीएचए और इंडियन एसोसिएशन ऑफ प्रिवेंटिव एंड सोशल मेडिसिन (आइएपीएसएम) ने इस साल अप्रैल में सार्वजनिक स्वास्थ्य के विशेषज्ञों को मिलाकर इस टास्क फोर्स का गठन किया था। टास्क फोर्स का काम देश में कोरोना महामारी के प्रसार को रोकने के लिए केंद्र सरकार को उपाय सुझाना है। अनलॉक के बाद के दो महीनों में देश में प्रतिदिन मिलने वाले नए मामलों में अप्रत्याशित वृद्धि हुई है।
पांच जून को एक दिन में 9,472 नए केस मिले थे, इसकी तुलना में 23 अगस्त को 61,749 मामले सामने आए। कोरोना महामारी के चलते दूसरी बीमारियों की भी अनदेखी हो रही है। पूरा स्वास्थ्य महकमा कोरोना संक्रमितों के उपचार में भी लगा है। इसके चलते अन्य राष्ट्रीय स्वास्थ्य कार्यक्रमों पर बहुत कम ध्यान दिया जा रहा है।
टेस्टिंग बढ़ाकर कोरोना से होने वाली मौतों को नहीं रोका जा सकता टास्क फोर्स ने अपने बयान में कहा है कि दूसरे देशों के मामलों को देखने से यह स्पष्ट होता है कि टेस्टिंग बढ़ाकर कोरोना से होने वाली मौतों को नहीं रोका जा सकता। जापान और श्रीलंका जैसे देशों में कम जांच के साथ ही मृत्युदर भी बहुत कम है। आइपीएचए के अध्यक्ष डॉ. संजय राय का कहना है कि अभी रोजाना प्रति 10 लाख आबादी पर 140 जांच और संक्रमण दर पांच फीसद से कम को मानक माना गया है। इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए बेतरतीब ढंग से जांच की जा रही है। इससे देश पर आर्थिक बोझ तो बढ़ रहा है, लेकिन फायदा कुछ नहीं मिल रहा। इसलिए जांच इस तरीके से होनी चाहिए, जिससे कि उससे कोरोना के प्रसार को रोकने में मदद मिले।
ज्ञात हो कि केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय से मिले आंकड़ों के मुताबिक, मंगलवार को पिछले 24 घंटे के दौरान 69,921 नए मामले रिपोर्ट हुए और 819 मरीजों की मौत हो गई। अब तक देश में कुल 36,91,167 केस सामने आ चुके हैं। इनमें से सात लाख 85 हजार 996 सक्रिय केस हैं। इनमें से 28 लाख 39 हजार 883 लोग ठीक हो चुके हैं। देश में कोरोना से अब तक 65,288 लोगों की मौत हो चुकी है। वहीं, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक, पिछले आठ दिनों में पांच लाख मरीज ठीक हुए हैं। मरीजों के स्वस्थ होने की दर बढ़कर लगभग 77 फीसद हो गई है, जबकि मृत्युदर 1.77 फीसद पर आ गई है।
वहीं, भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषषद (आइसीएमआर) के मुताबिक, कोरोना संक्रमण का पता लगाने के लिए सोमवार को कुल 10 लाख 16 हजार 920 नमूनों की जांच की गई। अब तक चार करोड़ 33 लाख 24 हजार 834 नमूनों की जांच की जा चुकी है।
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