• Breaking News

    जानिए कैसे रघुवंश प्रसाद सिंह ने प्रोफेसर से लेकर केंद्रीय मंत्री तक का सफर तय किये


    We News 24 Hindi »पटना

    अमिताभ मिश्रा की रिपोर्ट

     पटना :गणित के प्रोफेसर की नौकरी से जीवन की शुरुआत करने वाले रघुवंश प्रसाद सिंह ने केन्द्रीय मंत्री तक की यात्रा की। वह राज्यसभा को छोड़कर शेष सभी तीन सदनों के सदस्य रहे। विधान परिषद के सभापति और विधान सभा में डिप्टी स्पीकर रहने का भी उन्हें सौभाग्य मिला। 

    केन्द्रीय ग्रामीण विकास मंत्री के रूप में नरेगा (आज का मनरेगा) योजना ने उन्हें देश में एक अलग पहचान दी। इस कारण वह सभी राजनीतिक दलों के शीर्ष नेताओं के चहेते रहे। यूपीए टू में जब राजद केन्द्र की सरकार में शामिल नहीं था तब भी प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह उन्हें मंत्रिमंडल में लेना चाहते थे। लेकिन अपने नेता लालू प्रसाद को छोड़कर उन्होंने मंत्रिपरिषद में जाने से उन्होंने इनकार कर दिया। 


    ये भी पढ़े-शी जिनपिंग का खेल खत्म,मिलेगी जिनपिंग को कोरोना पर दुनिया से धोखे देने की सजा ?


    रघुवंश प्रसाद सिंह का जन्म 6 जून 1946 को वैशाली जिले के महनार में हुआ था। उन्होंने गणित से पीजी करने के साथ पीएचडी की भी उपाधि हासिल की थी। पढ़ाई पूरी करने के बाद उन्होंने सीतामढ़ी के गोयनका कॉलेज में गणित के प्रोफेसर के रूप में काम करना शुरू किया। लेकिन रघुवंश प्रसाद बहुत दिनों तक वहां नहीं रह सके। 1974 के आंदोलन में वह नौकरी छोड कर कूद पड़े। उसके बाद से ही उनका सियासी सफर शुरू हुआ। हालांकि 1973 में ही उन्होंने संसोपा ज्वायन कर लिया था और 1977 तक उस पार्टी में रहे।

    ये भी पढ़े-मुजफ्फरपुर सीतामढ़ी सीमा पर चलती गाड़ी को ओवरटेक कर बदमाशो ने मारी गोली


    रघुवंश बाबू पांच बार सांसद रहे। दस वर्षों तक विधायक और लगभग पांच साल तक विधान परिषद के सदस्य रहे। पहली बार 1977 में वह बेलसंड से विधायक बने, तब से 1990 तक वह विधान सभा के लिए चुने जाते रहे। इस बीच कर्पूरी ठाकुर मंत्रिमंडल में उन्हें 1977 में ही ऊर्जा राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) बनाया गया। मंत्रिपरिषद से हटने के बाद 1985 से 90 तक वह लोक लेखा समिति के सदस्य रहे। 

    1990 में उन्हें विधान सभा का डिप्टी स्पीकर बनाया गया। उसी साल लालू प्रसाद की सरकार बनी तो वर्ष 1991 में ही पहली बार उन्हें विधान परिषद के सदस्य के रूप में नामित किया गया। इस अवधि में 1994 से एक वर्ष के लिए विधान परिषद के सभापति भी रहे। फिर लालू प्रसाद ने उन्हें 1995 में ऊर्जा मंत्री बना दिया। 

    ये भी पढ़े-सीतामढ़ी SP ने पहली बार एक साथ किये पुलिस अफसर के तबादले ,जानिए कौन गया किस थाने में


    1996 में उन्हें लालू प्रसाद ने वैशाली से लोकसभा का टिकट दिया और रघुवंश प्रसाद सिंह पहली बार सांसद बन गये। उसके बाद से लगातार पांच बार उन्होंने वैशाली लोकसभा का प्रतिनिधित्व किया। इस बीच 1996 से 97 तक केन्द्रीय पशुपालन राज्य मंत्री और 1997 से 98 तक केन्द्रीय खाद्य राज्य मंत्री रहे। 2004 में जब वह चौथी बार सांसद बने तो यूपीए वन की सरकार में उन्हें केन्द्रीय ग्रामीण विकास मंत्री बनाया गया। 


    Header%2BAidWhats App पर न्यूज़ Updates पाने के लिए हमारे नंबर 9599389900 को अपने मोबाईल में सेव  करके इस नंबर पर मिस्ड कॉल करें। फेसबुक-टिवटर पर हमसे जुड़ने के लिए https://www.facebook.com/wenews24hindi और https://twitter.com/Waors2 पर  क्लिक करें और पेज को लाइक करें


    %25E0%25A4%2595%25E0%25A4%25BE%25E0%25A4%2581%25E0%25A4%259F%25E0%25A5%2580%2B%25E0%25A4%25B5%25E0%25A4%25BF%25E0%25A4%25A7%25E0%25A4%25BE%25E0%25A4%25A8%2B%25E0%25A4%25B8%25E0%25A4%25AD%25E0%25A4%25BE%2B

    WhatsApp%2BImage%2B2020-09-10%2Bat%2B12.31.47%2BPM

    Post Top Ad

    Post Bottom Ad