• Breaking News

    किसी भी समय विश्व युद्ध का बज सकता है खतरे घंटी ,ये चार देश आपस में मिसाइल, तोप, टैंक से कर रहे है युद्ध

     




    We News 24 Hindi »नई दिल्ली 

    अमित मेहलावत  की रिपोर्ट

    नई दिल्ली: कोरोना संकट के बीच किसी भी समय विश्व युद्ध  का अलार्म बज सकता है, क्योंकि दुनिया में चार जगहों पर पड़ोसी देशों के बीच आपस में संघर्ष चल रहा है. सबसे बड़ा जंग का मैदान तो रूस (Russia) के करीब बना हुआ है, जहां अर्मेनिया और अजरबैजान (Armenia-Azerbaijan) जमीन के लिए एकदूसरे के खून के प्यासे हो चुके हैं. दोनों देशों के बीच मिसाइल, तोप, टैंक से युद्ध हो रहा है. मुस्लिम बहुल देश अजरबैजान ने तो अर्मेनिया पर ड्रोन अटैक भी शुरू कर दिया है. 

    इन देशों में भी बढ़ी तनातनी
    अर्मेनिया और अजरबैजान में जहां सीधी जंग हो रही है, वहीं दुनिया के कुछ अन्य देशों के बीच तनाव लगातार बढ़ता जा रहा है. भारत-चीन (India China Standoff) सीमा विवाद पर आमने-सामने हैं. सऊदी अरब और ईरान (Saudi Arabia- Iran) के बीच तनाव बढ़ गया है. वहीं, पाकिस्तान (Pakistan) और तुर्की (Turkey ) की साजिश के खिलाफ रूस (Russia) भी बड़ी कार्रवाई कर सकता है. इसके अलावा चीन और ताइवान (China Taiwan) में भी तनातनी बढ़ी है.   

    ये भी पढ़े-आज से बिहार विधान सभा चुनाव का पहला दौर का बिगुल बज गया , 71 सीटों पर पर्चा भरने का दौर आज से जारी



    चीन के रुख से बढ़ेगी टेंशन
    सऊदी अरब ने ईरान के 10 आतंकियों को गिरफ्तार किया है, जिसके बाद आशंका जताई जा रही है कि सऊदी अरब और ईरान एक-दूसरे के खिलाफ युद्ध का ऐलान कर सकते हैं. वहीं, भारत और चीन के बीच लद्दाख में सीमा पर तनाव कम होता नजर नहीं आ रहा है. उल्टा चीन ने तनाव को और भड़काने के लिए लद्दाख पर विवादित बयान दे दिया है, जिसके बाद भारत-चीन के बीच LAC पर टेंशन बढ़ने की आशंका गहरा गई है.

    ये भी पढ़े-Unlock 5.0: अब खुल रहा है पूरा देश ,सिनेमा हॉल के साथ दी गयी सार्वजनिक समोरोह में छुट 100 जगह अब भाग ले सकेंगे 200 लोग


    हमले के लिए ड्रोन का इस्तेमाल कर रहा अजरबैजान    
    उधर, अर्मेनिया और अजरबैजान के युद्ध में रूस और तुर्की के भी शामिल होने का खतरा है. तुर्की ने अजरबैजान का साथ देने का ऐलान कर दिया है, तो रूस अर्मेनिया के समर्थन में किसी भी वक्त अजरबैजान पर हमला कर सकता है. नागोर्नो-काराबाख (Nagorno-Karabakh) के पहाड़ी इलाके को लेकर रविवार से अर्मेनिया और अजरबैजान के बीच युद्ध चल रहा है. अर्मेनिया के मिसाइल हमले में अजरबैजान के कई टैंक तबाह हुए हैं, तो अजरबैजान ने भी जवाबी हमले में बड़ा नुकसान पहुंचाने का दावा किया है. इतना ही नही, अजरबैजान की ओर से अर्मेनिया के विरुद्ध ड्रोन युद्ध छेड़ दिया गया है. ड्रोन के जरिए अजरबैजान अर्मेनिया के टैंकों को तबाह करने पर तुला है.




    समर्थन में उतरे कई देश
    खबर है कि अजरबैजान तुर्की से खरीदे गए ड्रोन का इस्तेमाल हमले के लिए कर रहा है. मालूम हो कि अजरबैजान ने तुर्की से बायरक्तार TB2 ड्रोन खरीदा था. ये मध्यम ऊंचाई पर उड़ते हुए लंबी दूरी तक हमला करने में सक्षम है. वैसे, दोनों देशों के बीच जंग में सिर्फ ड्रोन ही नहीं बल्कि तोप, टैंक, रॉकेट और फाइटर जेट का भी इस्तेमाल हो रहा है. अर्मेनिया और अजरबैजान का यह युद्ध अब धीरे-धीरे महायुद्ध में बदलता जा रहा है. दोनों देशों के समर्थन में दुनिया के अलग-अलग देश खड़े हो गए हैं, जिससे इस युद्ध के विश्वयुद्ध में तब्दील होने का खतरा है.



    परमाणु हथियारों से लैस मिसाइल अटैक की धमकी
    अर्मेनिया ने अजरबैजान को धमकी दी है कि वो परमाणु हथियारों से लैस रूस की सबसे घातक मिसाइल से हमला कर सकता है. ISKANDAR MISSILE नाम की इस बैलिस्टिक मिसाइल का निशाना अचूक है. मिसाइल के घरेलू संस्करण की रेंज 400 किलोमीटर है और यह अपने साथ 700 किलोग्राम भारी युद्धक सामग्री ले जा सकती है. यह राडार को चकमा देने में सक्षम है, साथ ही दुश्मन के मिसाइल अटैक से खुद को बचाते हुए टारगेट को हर हाल में ध्वस्त कर सकती है. कहा तो यहां तक जाता है कि इस मिसाइल से अमेरिका भी कांपता है.  



    हवाई क्षेत्र का उल्लंघन
    अर्मेनिया का आरोप है कि तुर्की के लड़ाकू विमान उसके हवाई क्षेत्र का उल्लंघन कर रहे हैं. उसका कहना है कि तुर्की के F-16 फाइटर जेट ने उसके सुखोई-25 लड़ाकू विमान को निशाना बनाया है. हालांकि, तुर्की और अजरबैजान ने इन आरोपों का खंडन किया है. यह भी दावा किया जा रहा है कि तुर्की और पाकिस्तान अपने आतंकी अजरबैजान की तरफ से लड़ने के लिए नागोर्नो-काराबाख भेज रहे हैं. ये आतंकवादी गृहयुद्ध से प्रभावित सीरिया और लीबिया से नागोर्नो-काराबाख भेजे जा रहे हैं. कुछ आतंकवादी 22 सितंबर और उसके बाद तुर्की के रास्ते अजरबैजान की राजधानी बाकू पहुंचे थे. 

    आतंकियों को सैलरी दे रहा तुर्की
    भारी हथियारों से लैस इन आतंकवादियों की तादाद करीब एक हजार है. सभी अल हमजा ब्रिगेड के आतंकवादी बताए जा रहे हैं. तुर्की के साथ पाकिस्तान की ISI भी इस साजिश में शामिल है. खबरों के मुताबिक, तुर्की इन आतंकवादियों को 1500 से 2000 डॉलर बतौर सैलरी भुगतान भी कर रहा है. तुर्की और पाकिस्तान को इस साजिश की बड़ी कीमत चुकानी पड़ सकती है, क्योंकि अर्मेनिया के साथ रूस की सैन्य संधि है. ऐसे में अर्मेनिया की धरती पर यदि कोई हमला होता है, तो रूस उसे अपने ऊपर किया गया हमला मानेगा और तुर्की-पाकिस्तान को करारा जवाब दे सकता है.


    Header%2BAidWhats App पर न्यूज़ Updates पाने के लिए हमारे नंबर 9599389900 को अपने मोबाईल में सेव  करके इस नंबर पर मिस्ड कॉल करें। फेसबुक-टिवटर पर हमसे जुड़ने के लिए https://www.facebook.com/wenews24hindi और https://twitter.com/Waors2 पर  क्लिक करें और पेज को लाइक करें

    कोई टिप्पणी नहीं

    कोमेंट करनेके लिए धन्यवाद

    Post Top Ad

    Post Bottom Ad