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    बीजेपी की रैली के दौरान बंगाल पुलिस ने खींची सिख युवक की पगड़ी, बढ़ा बवाल ममता सरकार की हो रही आलोचना

     

    We News 24 Hindi » वेस्ट बंगाल/राज्य/कोलकाता

    सोमसोभरा रॉय की रिपोर्ट 



    कोलकाता :में गुरुवार को सचिवालय तक बीजेपी के प्रदर्शन मार्च के दौरान एक सिख युवक की पगड़ी कोलकाता पुलिस की तरफ से खींचकर नीचे गिराए जाने की घटना सामने आने और इसकी भारी आलोचा के बाद कोलकाता पुलिस ने इस घटना से इनकार किया है। कोलकाता पुलिस ने कहा कि उनकी ऐसी मंशा नहीं है कि वे किसी को ठेस पहुंचाएं।  


    इधर, पश्चिम बंगाल के हावड़ा में राज्य सचिवालय तक बीजेपी के प्रदर्शन मार्च के दौरान एक सिख व्यक्ति पर हमला और उसकी पगड़ी खींचे जाने के विरोध में करीब 50 सिख समुदाय के लोगों ने प्रदर्शन किया। रैली करने वालों ने शुक्रवार की रात बंगाल में नारे लगाकर 8 अक्टूबर की घटना को लेकर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से सफाई मांगी।


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    इस घटना में 43 वर्षीय सिख बलविंदर सिंह के पास से बीजेपी युवा मोर्चा की राज्य सचिवालय तक होने जा रही रैली के दौरान एक लोडेड पिस्टल बरामद हुई थी। एसप्लांदे क्रासिंग के नजदीक सेंट्रल एवेन्यू में रैली कर नारे लगाने वालों ने कहा- "मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को यह स्पष्ट करना चाहिए कि क्यों आपके पुलिस ने सिख की पगड़ी खींची। आपको स्पष्टीकरण देना चाहिए या कुर्सी छोड़ देना चाहिए।"



    कोलकाता पुलिस ने किया इनकार
    इधर, कोलकाता पुलिस ने इस बात से इनकार किया कि उसने हावड़ा में गुरुवार को बीजेपी के प्रदर्शन के दौरान सिख युवक की पगड़ी खींचकर गिराई और कहा कि पुलिसकर्मियों के साथ झड़प के दौरान खुद ही उसकी पगड़ी गिर गई। पुलिस ने बताया कि उसके हाथ में पिस्तौल थी। पश्चिम बंगाल पुलिस ने ट्वीट कर कहा- संबंधित व्यक्ति के पास प्रदर्शन के दौरान पिस्तौल थी। झड़प के दौरान उसकी पगड़ी अपने आप गिर गई थी। ऐसी कभी हमारी मंशा नहीं रही कि किसी भी समुदाय को ठेस पहुंचाया जाए।


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    भाजपा ने तृणमूल कांग्रेस सरकार पर सिखों की भावनाओं को आहत करने का आरोप लगाया है। गुरुवार को राज्य सचिवालय 'नबन्ना तक भाजपा द्वारा निकाले गए विरोध मार्च के दौरान पार्टी कार्यकर्ताओं की पुलिस के साथ झड़प की घटनाएं सामने आई थीं।



    पगड़ी मामले में सोशल मीडिया पर भी प्रतिक्रियाएं आईं। क्रिकेटर हरभजन सिंह ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को टैग करते हुए ट्वीट किया, ''कृपया मामले को देखिए। यह सही नहीं है। पंजाब के मुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता अमरिंदर सिंह ने भी घटना पर दुख जताया। उनके मीडिया सलाहकार रवीन ठुकराल ने शुक्रवार शाम ट्वीट कर यह जानकारी दी। सिंह ने ममता बनर्जी से घटना से संबंधित पुलिसकर्मियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है।


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    शिरोमणि अकाली दल अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल ने भी इस घटना की कड़ी निंदा करते हुए बनर्जी से कार्रवाई की मांग की। घटना की तस्वीरें प्रसारित होने के बाद बड़ा राजनीतिक विवाद खड़ा हो गया जिसके बाद पश्चिम बंगाल पुलिस ने शुक्रवार को ट्वीट किया, ''कल के प्रदर्शन के दौरान संबंधित व्यक्ति के हाथ में आग्नेयास्त्र था। पगड़ी झड़प में खुद ही गिर गयी थी और हमारे अधिकारी ने ऐसी कोई कोशिश नहीं की थी। हमारी भावना कभी किसी समुदाय को आहत करने की नहीं रही।


    तृणमूल कांग्रेस ने आरोपों को 'बेबुनियाद बताकर खारिज कर दिया। व्यक्ति की पहचान बठिंडा निवासी 43 वर्षीय बलविंदर सिंह के रूप में हुई है। भाजपा नेताओं का दावा है कि भारतीय सेना के पूर्व सैनिक सिंह इस समय एक भाजपा नेता के निजी सुरक्षा अधिकारी के रूप में काम कर रहे हैं। 


    पुलिस के अनुसार उनके पास से एक पिस्तौल जब्त की गयी है। पिस्तौल का लाइसेंस अगले साल जनवरी तक वैध है। उसने यह भी कहा कि संबंधित पुलिस अधिकारी ने उनसे गिरफ्तारी से पहले पगड़ी वापस पहनने को कहा था। घटना पर प्रतिक्रिया देते हुए भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने कहा कि तृणमूल कांग्रेस की सरकार में देश की सेवा करने वाले बहादुर जवानों को भी नहीं छोड़ा गया। उन्होंने दोषी पुलिसकर्मियों को कड़ी सजा दिये जाने की मांग की।


    उन्होंने ट्वीट किया, ''सुरक्षा अधिकारी बलविंदर सिंह को पश्चिम बंगाल पुलिस ने सड़क पर मारा-पीटा और उनकी पगड़ी का अपमान किया। वह एक सक्षम सैनिक हैं। ममता राज में ऐसे बहादुर लोगों का अपमान। ऐसे पुलिसकर्मियों को सजा मिलनी चाहिए। भाजपा के राष्ट्रीय सचिव अरविंद मेनन ने भी पश्चिम बंगाल पुलिस की निंदा की। तृणमूल कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और राज्य सरकार के मंत्री फिरहाद हाकिम ने आरोपों को 'बेबुनियाद बताते हुए कहा कि 'कानून अपना काम करेगा।



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