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    सॉफ्टवेयर के जरिए बनाई जा रही महिलाओं की न्यूड तस्वीरें, हाईकोर्ट ने मांगी मंत्रालय से जानकारी

      



    We News 24 Hindi »मुंबई 

    अनील पाटिल की रिपोर्ट 


    मुंबई: आए दिन सोशल मीडिया पर महिलाएं  सेक्सुअल अब्यूज का शिकार होती रहती हैं। इस बीच, अज्ञात साइबर अपराधों ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) सॉफ्टवेयर की शुरुआत की है, जोकि महिलाओं की तस्वीरों को न्यूड फोटोज में बदलने का काम करता है। इस बाबत एक साइबर रिसर्च एजेंसी ने मंगलवार को रिपोर्ट जारी की है। रिपोर्ट में बताया गया है कि इससे अब तक एक लाख महिलाओं को टारगेट किया जा चुका है। इस खबर को 'हिन्दुस्तान टाइम्स ने अपने अखबार में प्रकाशित किया था उस खबर  को संज्ञान में लेते हुए   बॉम्बे हाई कोर्ट ने सरकार से जानकारी मांगी है।


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    बॉम्बे हाई कोर्ट ने बुधवार को सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय से महिलाओं की तस्वीर न्यूज में बदलने वाली रिपोर्ट्स पर अधिक जानकारी की मांग की है। कोर्ट ने एचटी की रिपोर्ट का हवाला देते हुए जानकारी मांगी और कहा, ''नए ऑनलाइन अब्यूज के खतरे में, एआई सॉफ्टवेयर महिलाओं की तस्वीरों को न्यूड में बदल रहे हैं।''



    कोर्ट ने बॉलीवुड के दिवंगत एक्टर सुशांत सिंह राजपूत मौत मामले में इलेक्ट्रॉनिक मीडिया द्वारा कथित मीडिया ट्रायल से संबंधित विभिन्न जनहित याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए रिपोर्ट में बताए गए खतरे के बारे में चिंता जताई और एडिशनल सॉलिसिटर जनरल (एएसजी) अनिल सिंह को मंत्रालय से निर्देश लेने को कहा। बेंच ने सुनवाई के दौरान कहा, ''क्या आप मंत्रालय से जान सकते हैं कि प्रिंट मीडिया में क्या रिपोर्ट किया गया है... हम चाहते हैं कि आप रिपोर्ट के बारे में जांच करें। कृपया मंत्रालय से जानकारी लें।'' 




    एसजी ने कहा कि उन्होंने रिपोर्ट पढ़ी है और संबंधित अधिकारियों से बात की है। सिंह ने कहा कि इन्फोर्मेशन टेक्नॉलोजी एक्ट की धारा 69ए और 79 (3) (बी) में प्रावधान हैं, जिनके तहत कार्रवाई की जा सकती है। इसके जवाब में चीफ जस्टिस ने कहा, ''यह मामला बहुत गंभीर है और आपको (मंत्रालय) कदम उठाना होगा।''


    एसजी ने बेंच को आश्वासन दिया कि मंत्रालय मामले पर जल्द कदम उठाएगा। वहीं, एचटी से बात करते हुए, एएसजी ने कहा कि अखबार की प्रशंसा करनी चाहिए क्योंकि वह उन मुद्दों पर रिपोर्टिंग करके अपना काम ईमानदारी से कर रहा है, जो आम आदमी को प्रभावित करते हैं।


    रिपोर्ट में क्या आया है सामने?
    रिपोर्ट में कहा गया है कि हमारी जांच में कई अहम तथ्य सामने आए हैं। लगभग 103852 महिलाएं जुलाई 2020 तक इसका शिकार हो चुकी हैं, जिसमें उनकी न्यूड फोटोज को सार्वजनिक तौर पर शेयर किया गया था। पिछले तीन महीने में इनकी संख्या 198 फीसदी की रफ्तार से बढ़ी हैं। वर्तमान समय में लगभग 104000 यूजर्स में से ज्यादातर महिलाएं रूस से हैं। रिपोर्ट के मुताबिक, यह सॉफ्टवेयर पहले शख्स को महिला की तस्वीर अपलोड करने की इजाजत देता है और फिर उसके कपड़ों को हटा देता है। यह सॉफ्टवेयर यूं तो फ्री उपलब्ध है, लेकिन तब इसमें वॉटरमार्क दिखाई देगा, लेकिन अगर यूजर लगभग 100 रुपये में सॉफ्टवेयर खरीदता है तो वॉटरमार्क को गायब किया जा सकता है।



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