• Breaking News

    बिहार विधानसभा चुनाव के अंतिम चरण के चुनाव राज्य में अगली सरकार बनाने में निर्णायक होंगे।




    We News 24 Hindi »नई दिल्ली 

    काजल कुमारी   की रिपोर्ट


    नई दिल्ली:बिहार विधानसभा चुनाव के तीसरे और अंतिम चरण में राज्य के 15 जिलों के 78 विधानसभा सीटों के लिए शनिवार को वोट डाले जाएंगे. माना जा रहा है कि इस चरण में जिस गठबंधन को बढ़त मिलेगी, राज्य में अगली सरकार बनाने में उसकी राह आसान होगी. यही कारण है कि सभी राजनीतिक दल इस चरण की अधिक से अधिक सीटें हासिल करने के लिए जी-तोड़ मेहनत की है.


    ये भी पढ़े-सीतामढ़ी:बिहार चुनाव के अंतिम चरण के दौर में कहीं पंखा,तो कहीं झोपाड़ी तो कहीं लालटेन का दिखा बोल-बाला।देखे वीडियो

     

    इस चरण में सत्ताधरी राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन की ओर से जनता दल (युनाइटेड) ने 37, भाजपा ने 35, विकासशील इंसान पार्टी (वीआईपी) ने पांच और हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा ने एक प्रत्याशी चुनावी मैदान में उतारे हैं वहीं विरोधी दलों के महागठबंधन में राष्ट्रीय जनता दल (राजद) ने सबसे अधिक 46, कांग्रेस ने 25, तथा सीपीआई एम एल ने 5, सीपीआई ने 2 प्रत्याशी चुनाव मैदान में उतारे हैं. इसके अलावा लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा) ने भी 42 प्रत्याशी उतारे हैं.



    राष्ट्रीय लोक समता पार्टी (रालोसपा) ने एआईएमआईएम और कई अन्य दलों से गठबंधन कर सभी सीटों पर प्रत्याशी उतारे हैं. पप्पू यादव की पार्टी जन अधिकार पार्टी का गठबंधन भी इस चरण में चुनावी मैदान में ताल ठोंक रहा है. राजनीति के जानकार और वरिष्ठ पत्रकार गिरिन्द्र नाथ झा कहते हैं कि, इस चुनाव में वोटों का बिखराव माना जा रहा है. उन्होंने कहा कि सीमांचल के क्षेत्र में एआईएमआईएम के उतर जाने और कई दलों द्वारा मुस्लिम उम्मीदवारों के उतारे जाने के बाद मुस्लिम मतदाताओं में भी बिखराव तय है.


    ये भी पढ़े-जानलेवा बना कोरोना और प्रदूषण का कॉकटेल


    झा के अनुसार, मधेपुरा के पूर्व सांसद पप्पू यादव और ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) कुछ क्षेत्रों में दोनों गठबंधनों को प्रभावित करते नजर आ रहे हैं, लेकिन ऐसा नहीं कि कोई भी पार्टी किसी खास जाति के मतदाता पर अपना दावा कर सके. झा का मानना है कि मुख्य मुकाबला दोनों गठबंधनों में ही है परंतु मधेपुरा समेत यादव बहुल क्षेत्रों में जन अधिकार पार्टी तो कुछ इलाकों में लोजपा और रालोसपा मुकाबले को त्रिकोणात्मक या बहुकोणीय बना रहा है.


    पिछले विधानसभा चुनाव में इस क्षेत्र से सबसे अधिक 24 सीटें जदयू के खाते में गई थीं. पिछले चुनाव में जदयू, राजद के साथ थी. इस बार जदयू, भाजपा के साथ है. पिछले चुनाव में भाजपा 19 और राजद को 20 सीट तथा कांग्रेस के 10 प्रत्याशी विजयी पताका फहराया था. इसके अलावा सीपीआईएमएल को एक और चार अन्य के हिस्से आई थीं. राजनीति के जानकार रामेश्वर प्रसाद की राय अलग है. उन्होंने दावा किया है कि जिन 78 सीटों पर मतदान होना है वहां मतदाताओं के ध्रुवीकरण का भी प्रयास किया गया है. उन्होंने कहा कि भाजपा और जदयू के साथ रहने के बावजूद भी जदयू को मुस्लिम मतदाताओं का वोट मिलता रहा है.


    ये भी पढ़ें-कोंग्रेस वाली उद्धव सरकार बुरा फंसयाअर्नब गोस्वामी को, अर्नब गोस्वामी को मिलेगी बेल या होगी जेल आज होगा फैसला


    प्रसाद कहते हैं, इस चरण में मिथिलांचल का इलाका है तो कोसी और सीमांचल का भी इलाका है. मिथिलांचल में भाजपा मजबूत रही है, तो सीमांचल में मुस्लिम मतदाता चुनाव परिणाम तय करते हैं. एआईएमआईएम के मैदान में आने के बाद तथा मुस्लिम लीग और कई राजनीतिक दलों द्वारा मुस्लिम प्रत्याशी उतारे जाने से महागठबंधन को नुकसान हो सकता है, जबकि जदयू प्रत्याशी के सामने लोजपा के प्रत्याशी उतारे जाने से राजग को नुकसान उठाना पड़ सकता है. 


    उल्लेखनीय है कि इस चरण के मतदान के लिए कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के अलावा कई केन्द्रीय मंत्री मतदाताओं को आकर्षित करने के लिए चुनावी सभा कर चुके हैं जबकि राजद के लिए तेजस्वी यादव ने कड़ी मेहनत की है. एआईएमआईएम के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी भी कई सभा कर चुके हैं.




    Header%2BAidWhats App पर न्यूज़ Updates पाने के लिए हमारे नंबर 9599389900 को अपने मोबाईल में सेव  करके इस नंबर पर मिस्ड कॉल करें। फेसबुक-टिवटर पर हमसे जुड़ने के लिए https://www.facebook.com/wenews24hindi और https://twitter.com/Waors2 पर  क्लिक करें और पेज को लाइक करें



     

    कोई टिप्पणी नहीं

    कोमेंट करनेके लिए धन्यवाद

    Post Top Ad

    Post Bottom Ad