• Breaking News

    JDU 15 विधायक RJD में जाने को तैयार,CM नितीश ने विधायकों की टूट के सवाल पर कहीं ये बाते



    We News 24 Hindi » पटना/बिहार
    अमिताभ मिश्रा की रिपोर्ट

    पटना :अरुणाचल प्रदेश में जदयू विधायकों के भाजपा में शामिल होने के बाद बिहार में NDA के घटकों के संबंधों में आई खटास का RJD लाभ उठाने का प्रयास कर रहा है. इस पर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने जदयू के 17 विधायकों की टूट के सवाल के जवाब में कहा ये जो भी दावा कर रहा है . इसमें कोई दम नहीं है.



    सीएम नीतीश कुमार ने बुधवार को पटना में राजधानी जलाशय का परिभ्रमण किया. इस दौरान उन्होंने जदयू के विधायकों के टूटने दावे को सिरे से खारिज कर दिया है. उन्होंने कहा कि इस तरह का जो भी दावा कर रहा है वो सब बेबुनियाद है. गौरतलब है कि विधानसभा चुनाव में सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरने के बावजूद राजद को विपक्ष में बैठना पड़ रहा है. विधानसभा चुनावों से ठीक पहले राजद में शामिल हुए जदयू के पूर्व राष्ट्रीय महासचिव श्याम रजक ने बुधवार को NDA में तनाव का फायदा उठाने का प्रयास करते हुए दावा किया कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पार्टी के  उनका साथ छोड़ कर राजद में आने को तैयार हैं. 


    ये भी पढ़े-नए साल का मौसम: उत्तर भारत में ठंड का कहर, पहाड़ों पर बर्फबारी, जाने नए साल पर कैसा रहेगा मौसम


    पिछले विधानसभा में जदयू के उपनेता रजक ने कहा कि मौजूदा गठबंधन में सभी को घुटन महसूस हो रही है जहां मुख्यमंत्री प्रभावशाली भाजपा के समक्ष बेबस नजर आ रहे हैं. उन्होंने दावा किया कि जदयू विधायकों के पार्टी छोड़कर उनके पाले में आने की प्रक्रिया फिलहाल स्थगित कर दी गई है क्योंकि राजद को आशा है कि अन्य विधायक भी उनके नक्शे कदम पर चलना चाहेंगे और संख्या पार्टी के विभाजन के लिए पर्याप्त हो जाएगी, जोकि दल-बदल कानून के तहत गलत नहीं होगा. जदयू के पास फिलहाल 43 विधायक हैं.

    ये भी पढ़े-दिल्ली में पाए गए UK COVID -19 के नये स्ट्रेन के 4 पॉजिटिव मरीज में , लोक नायक अस्पताल में किया गया आइसोलेट


    अरुणाचल प्रदेश में जदयू के सात में छह विधायकों के भाजपा में शामिल होने के बाद राजद नेताओं के ताजा बयानों में रजक ने यह दावा किया है. उधर, जदयू की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की रविवार को हुई बैठक में पार्टी ने पूर्वोत्तर राज्य में गठबंधन की राजनीति की आत्मा का हनन करने को लेकर निंदा प्रस्ताव पारित किया गया. पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव और मुखर प्रवक्ता केसी त्यागी ने हालांकि कहा कि अरुणाचल प्रदेश में जो हुआ उसका असर बिहार पर नहीं होगा लेकिन जदयू इससे ‘‘आहत’’ जरूर हुआ है. 


    ये भी पढ़े-सारण: जिले के अलग-अलग थाना क्षेत्रों में हुए सड़क हादसे में दो लोगों की मौत



    वहीं भाजपा नेता बार-बार यह दावा कर रहे हैं कि अरुणाचल प्रदेश में पार्टी ने जदयू नेताओं को ‘‘खरीदा’’ नहीं है. हालांकि, राजद के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष शिवानंद तिवारी का कहना है कि अरुणाचल प्रदेश में दल-बदल और बिहार में चिराग पासवान के लोजपा के विद्रोह में संबंध है. पहले जदयू का हिस्सा रहे तिवारी ने कहा कि भाजपा के साथ रणनीतिक समझौते के बगैर विधानसभा चुनाव में लोजपा वह कभी नहीं कर पाती जो उसने किया. जदयू को तकलीफ झेलनी पड़ी और उसकी संख्या भाजपा से भी कम हो गई. अनुभवी समाजवादी नेता का विचार है कि भाजपा 2013 में राजग का साथ छोड़ने और प्रधानमंत्री पद के लिए नरेंद्र मोदी का विरोध करने के लिए नीतीश कुमार से हिसाब चुकता कर रही है.


    ये भी पढ़े-सारण बस ने मारी मोटरसाइकिल सवार को ठोकर, नाजुक हालत में भेजा गया पीएमसीएच


    उनका कहना है कि नरेंद्र मोदी ऐसे व्यक्ति हैं जो ‘‘कभी नहीं भूलता और कभी माफ नहीं करता.’’ तिवारी ने कहा कि मुख्यमंत्री अगर राजग से बाहर निकलने की सोचते हैं तो राजद और जदयू के बीच फिर से गठबंधन हो सकता है लेकिन ‘‘इस वक्त गेंद उनके पाले में हैं और उन्हें तय करना है कि उनके लिए क्या महत्वपूर्ण है आत्मसम्मान या सत्ता.’’ पिछले कुछ साल से राजद से जुड़े लेकिन नीतीश कुमार के पुराने विश्वासपात्र रहे उदय नारायण चौधरी का कहना है, ‘‘नीतीश कुमार को मुख्यमंत्री का पद छोड़ देना चाहिए और राजद से बाहर हो जाना चाहिए. उन्हें तेजस्वी यादव को नयी सरकार बनाने में मदद करना चाहिए. 2024 में राजद उनके एहसान का बदला चुकाते हुए प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार के रूप में उनका साथ देगा.’’ 


    ये भी पढ़े-शिवहर सात साल से फरार नक्सली एरिया कमांडर गिरफ्तार



    राजद के प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी ने कहा ‘‘पार्टी का आधिकारिक प्रवक्ता होने के नाते मैं कह सकता हूं कि यह उनके व्यक्तिगत विचार हैं. प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार के रूप में किसका समर्थन किया जाए इसका फैसला राष्ट्रीय नेतृत्व करेगा.’’ हालांकि वह चौधरी की इस बात से सहमत हैं कि कुमार को तेजस्वी यादव को मुख्यमंत्री बनने में मदद करनी चाहिए. राजद प्रवक्ता ने कहा, ‘‘राजग अस्थिर है और हमारे नेता निकट भविष्य में सरकार बनाएंगे. नीतीश कुमार के लिए यह उचित होगा कि इतिहास में सही पक्ष में रहें.’’ इस बीच, बिहार में राजग ने राजद खेमे में आए उत्साह पर आश्चर्य जताया और आरोप लगाया कि विपक्षी दल ‘‘सत्ता का भूखा है.’ 


    कोई टिप्पणी नहीं

    कोमेंट करनेके लिए धन्यवाद

    Post Top Ad

    Post Bottom Ad