मंत्रिमंडल विस्तार में आधे-आधे के फार्मूले पर अड़ी जदयू ,बढ़ सकती हैं बीजेपी की मुश्किलें
We News 24 Hindi » पटना
ललित भगत की रिपोर्ट
पटना : बिहार चुनाव में जेडीयू को कम सीटें मिलने के बावजूद नीतीश कुमार पार्टी और दोनों सदनों में खुद को मजबूत रखने के साथ-साथ गठबंधन में भी अपना वर्चस्व कायम करना चाहते हैं। ऐसे में वह एनडीए पर लगातार दबाव बना रहे हैं, जिसकी वजह से बिहार मंत्रिमंडल विस्तार पर ग्रहण लग गया है। यह ग्रहण सिर्फ मंत्रिमंडल विस्तार पर नहीं लगा है, बल्कि राज्यपाल कोटे के विधान परिषद में मनोनयन पर भी लगा है।
दरअसल, बिहार में मंत्रिमंडल विस्तार में नीतीश कुमार चाहते है कि जिस तरह लोकसभा चुनाव के दौरान मंत्रिमंडल के विस्तार में आधी सीट पर भाजपा और आधी पर जदयू ने चुनाव लड़ा था। उसी तरह बिहार का मंत्रिमंडल विस्तार किया जाए, लेकिन भाजपा इसके लिए तैयार नहीं है। ऐसे में माना जा रहा है कि ये दोनों काम अब इस साल नहीं होंगे। इसके लिए एक महीने से ज्यादा इंतजार करना पड़ेगा।
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क्या कहता है गणित?
सीटों के गणित के मुताबिक, भाजपा का 20-22 और जदयू का 12-14 का कोटा बनता है। इसमें एक-एक मंत्री वीआईपी और जीतन राम मांझी की पार्टी हम के कोटे में जाएगा। वहीं, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार चाहते हैं कि मंत्रिमंडल में भाजपा 17, जदयू 17 और हम-वीआईपी के एक-एक सदस्य को जगह मिले। वहीं, भाजपा नए जनादेश के मुताबिक मंत्रिमंडल का विस्तार करना चाहती है। पार्टी के सूत्रों का कहना है कि नीतीश कुमार को मुख्यमंत्री की कुर्सी दी जा चुकी है। अब इसके बाद मंत्रिमंडल में जो कोटा है, उसमें संख्या के हिसाब मंत्रिमंडल तय किया जाए।
लोजपा को दोष दे रही जदयू
जानकारी के मुताबिक, जदयू मंत्रिमंडल में आधी-आधी सीट की जिद पर अड़ा है। पार्टी के बड़े नेताओं का कहना है कि बिहार चुनाव में जदयू की यह हालत लोजपा को वजह से हुई है। लोजपा भाजपा की ही साथी है। ऐसे में भाजपा को ही इसका भुगतान करना होगा। यहां पर मंत्रिमंडल और राज्यपाल मनोनयन बराबर-बराबर पर होना चाहिए, तभी कुछ बात बनेगी। नहीं तो भाजपा को खमियाजा उठाना पड़ सकता है।
फूंक-फूंककर कदम रख रही भाजपा
वहीं, भाजपा की तरफ से यह सुनने में आ रहा है कि नेताओं ने ये सभी बातें आलाकमान तक पहुंचा दी हैं। अब निर्णय केंद्रीय स्तर के नेता लेंगे। माना जा रहा है कि भाजपा बीच का रास्ता निकालना चाहती है। दरअसल, दोनों पार्टियां विपक्ष को हमला करने का मौका नहीं देना चाहती हैं।
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