ट्रेक्टर रैली हिंसा: दिल्ली पुलिस के FIR बाद किसान नेताओं पर ED की कसेगा सिकंजा
We News 24 Hindi »नई दिल्ली अविनाश कुमार की रिपोर्ट
नई दिल्ली। गणतंत्र दिवस पर राजधानी दिल्ली को हाईजेक करने वाले किसान नेताओं पर मनी लोंड्रिंग का शिकंजा कसता दिख रहा है । दिल्ली पुलिस की FIR के बाद अब प्रवर्तन निदेशालय (ED) मनी लांड्रिंग कानून के तहत केस दर्ज करने पर तैयारी में है। ED के एक वरिष्ठ अधिकारी ने जानकारी दी जल्द ही दिल्ली पुलिस से FIR की कॉपी ली जाएगी। इसके पहले एनआइए दीप सिद्धू समेत कई नेताओं को प्रतिबंधित आतंकी संगठनों से फंडिंग के आरोप में नोटिस जारी कर चुका है।
ये भी पढ़े-लाल किले पर सामुदायिक झंडा लगाने वाला युवक पंजाब के इस गांव का है
देश-विदेश से बड़े पैमाने पर फंडिंग किए जाने की सूचना
ईडी के वरिष्ठ ने कहा कि लगभग दो महीने से चल रहे किसान आंदोलन के लिए देश-विदेश से बड़े पैमाने पर फंडिंग किए जाने की सूचना है। आंदोलन सिर्फ किसानों या ग्रामीणों की फं¨डग पर नहीं चल रहा था। समस्या यह थी कि बिना किसी एफआइआर के ईडी इस फं¨डग की जांच नहीं कर सकता था। मनी लां¨ड्रग के तहत एफआइआर दर्ज करने के लिए किसी दूसरी एजेंसी द्वारा एफआइआर दर्ज करना जरूरी होता है। अब जब दिल्ली पुलिस ने किसान नेताओं के खिलाफ एफआइआर दर्ज कर ली है। ईडी के लिए मनी लां¨ड्रग का केस दर्ज करने का रास्ता साफ हो गया है।
एफआइआर के विश्लेषण के बाद ही मनी लांड्रिंग का केस
वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार ईडी दिल्ली पुलिस में दर्ज एफआइआर के विश्लेषण के बाद ही मनी लांड्रिंग का केस दर्ज करने का फैसला करेगी। पहले यह देखा जाएगा कि दिल्ली पुलिस ने किन-किन धाराओं में केस दर्ज किया है और उसमें क्या-क्या आरोप लगाए गए हैं। इसके बाद कानूनी सलाह ली जाएगी। उन्होंने कहा कि पूरी प्रक्रिया जल्द-से-जल्द पूरी कर केस दर्ज करने की कोशिश की जाएगी।
ये भी पढ़े-मुजफ्फरपुर:युवा राजद ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का पुतला जलाकर विरोध प्रर्दशन किया
प्रतिबंधित आतंकी संगठनों की ओर से फंडिंग
दरअसल किसान आंदोलन से जुड़े नेताओं को प्रतिबंधित आतंकी संगठनों की ओर से फंडिंग के मामले की एनआइए पहले ही जांच कर रही है। इस सिलसिले में 15 दिसंबर को एफआइआर दर्ज करने के बाद एनआइए ने दीप सिद्धू समेत कई लोगों को पूछताछ के लिए नोटिस भेजा था। यह नोटिस सिर्फ उन्हीं लोगों को भेजा गया था, जिनके खाते में विदेश से फंड आए थे। किसान नेता इसे आंदोलन कमजोर करने की सरकार की साजिश करार दे रहे थे। लेकिन ईडी यदि मनी लांड्रिंग का केस दर्ज करती है और वह हर तरह की फंडिंग की जांच करेगी और उसके स्त्रोत और इस्तेमाल का पूरा ब्योरा खंगालेगी। जाहिर है किसान नेताओं के लिए ईडी के सवालों का जवाब देना आसान नहीं होगा।
कोई टिप्पणी नहीं
कोमेंट करनेके लिए धन्यवाद