VIDEO:कृषि कानून वापस होने के बाद होगी असली 'जंग'खालिस्तान की धमकी
हाइलाइट्स:
- ग्रेटा थनबर्ग की 'टूलकिट' बनाने का शक पोयटिक जस्टिस फाउंडेशन पर
- खालिस्तानी आंदोलन को बढ़ावा देना चाहता है
- भारत विरोधी सेंटिमेंट्स को भड़काने का पूरा प्लान तैयार
We News 24 Hindi » नई दिल्ली
आरती गुप्ता की रिपोर्ट
नई दिल्ली : किसान आंदोलन भारत में हो रहा है और इसकी चर्चा विश्वस्तर पर हो रही है. साथ ही किसानों द्वारा गणतंत्र दिवस दिन निकाली गई ट्रैकर परेड में दिल्ली में हुई हिंसा साजिश की बात सामने आ रही है. दरअसल, स्वीडिश ऐक्टिविस्ट ग्रेटा थनबर्ग की 'टूलकिट' बनाने का शक पोयटिक जस्टिस फाउंडेशन (PJF) पर है. जांच एजेंसियों के अनुसार, वह किसान आंदोलन के बहाने भारत में अलगाववादी खालिस्तानी आंदोलन को बढ़ावा देना चाहता है. बताया जा रहा है कि कनाडा के वैंकूवर में बेस्ड इस संस्था का फाउंडर एम धालीवाल है. जिस तरह से उसकी संस्था ने 'टूलकिट' में भारत विरोधी सेंटिमेंट्स को भड़काने का पूरा प्लान तैयार किया था, उसी तर्ज पर धालीवाल का एक वीडियो भी सामने आया है.
ये भी पढ़े-लालगंज,सिसौला मुखिया ,मुखिया पति वार्ड सदस्यों से करते है गाली गलोज देते है जान से मार देने की धमकी ,देखे वीडियो
भारतीय दूतावास के बाहर 26 जनवरी को शूट किया वीडियो
धालीवाल का वायरल वीडियो भारतीय दूतावास के बाहर 26 जनवरी यानि गणतंत्र दिवस को शूट किया गया था. वायरल वीडियो में धालीवाल कह रहा है, अगर कल को कृषि कानून वापस ले लिए जाते हैं तो वह जीत नहीं. यह लड़ाई कृषि कानूनों को वापस लिए जाने के साथ शुरू होगी, यह वहां खत्म नहीं होगी. किसी को यह बताने मत दीजिए कि ये लड़ाई कृषि कानूनों को वापस लेने के साथ खत्म हो जाएगी. ऐसा इसलिए क्योंकि वह इस आंदोलन की ऊर्जा खत्म करना चाहते हैं. वह आपको बताना चाहते हैं कि आप पंजाब से अलग हो और आप खालिस्तान आंदोलन से अलग हो, आप नहीं हो. आपको बता दें कि इस वायरल वीडियो की पुष्टि वी न्यूज 24 नहीं करता है. ना ही हम दावा करते है कि यह वीडियो सच है.
AskIndiaWhy वेबसाइट भी PJF ने बनाई
पिछले साल फरवरी में कनाडा की यह संस्था जून 2020 में फेसबुक-इंस्टाग्राम पर इसका ट्विटर अकाउंट बना है. AskIndiaWhy वेबसाइट भी PJF ने बनाई. इस वेबसाइट पर लिखा गया है कि भारत एक फासीवादी, हिंसक दमनकारी शासन की ओर बढ़ रहा है. इसमें प्रो-खालिस्तान और प्रो-पाकिस्तान कनाडाई सांसद जगमीत सिंह के कई बयान हैं. PJF ने खालिस्तान - द सिख फ्रीडम स्ट्रगल पर एक वेबिनार भी कराया था.
ये भी पढ़े-सैमसंग ने कम कीमत में 18 घंटे बैटरी बैकअप के साथ वायरलेस हेडफोन लॉन्च किया
बता दें कि पर्यावरण कार्यकर्ता ग्रेटा थुनबर्ग (Greta Thunberg) ने बुधवार को अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल से एक ट्वीट किया था जिसमें उन्होंने गूगल डॉक्यूमेंट्स के कुछ पेज शेयर किया थे. आपको बता दें कि इस ट्वीट किए गए डॉक्यूमेंट्स में भारत सरकार द्वारा लाए गए कृषि कानूनों को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर कैसे विरोध करना है या एक तरह से यह भी कह सकते हैं कि किस तरह से वैश्विक स्तर भारत में चल रहे किसान आंदोलन का समर्थन किया जाए. इसकी पूरी रणनीति बनाई गई है. उनके इस ट्वीट के बाद ही लोगों की प्रतिक्रियाएं आनी शुरू हों गईं और देखते ही देखते वो सोशल मीडिया पर ट्रोल होने लगीं. विवाद बढ़ता देख ग्रेटा थुनबर्ग ने ये ट्वीट्स डिलीट कर दिए थे. बता दें कि ग्रेटा थनबर्ग ने दो एक्शन प्लान को लेकर ट्वीट किए थे. एक एक्शन प्लान में 26 जनवरी तक के एक्शन प्लान का भी जिक्र किया गया था.
कोई टिप्पणी नहीं
कोमेंट करनेके लिए धन्यवाद