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    बिहार पुलिस की 'प्रदर्शन वाली' चिट्ठी एक बार फिर सुर्खियों में, तेजस्वी और चिराग ने साधा निशाना

     


    हाइलाइट्स:

    • अमेरीकी अखबार में बिहार पुलिस की चिट्ठी का  जिक्र
    • The New York Times की रिपोर्ट के बहाने बयानबाजी
    • तेजस्वी यादव के सुर में सुर चिराग पासवान ने भी  मिलाया


      We News 24 Hindi » पटना /गोपालगंज 

      अमिताभ मिश्रा  की  रिपोर्ट

      पटना : The New York Times में चर्चा की गई जिसमें प्रदर्शन के नियमों को तोड़ने वालों का उनके आचरण प्रमाणपत्र में जिक्र करने की बात कही गई है। ये आदेश 1 फरवरी को जारी किया गया था। इसके बाद से ही इस पर सियासी बयानबाजी हो रही है।



      रिपोर्ट के बहाने तेजस्वी के निशाने पर नीतीश

      बिहार सरकार के नए आदेश पर The New York Times में एक रिपोर्ट लिखा गया है। उसमें कहा गया है कि पीएम मोदी के सहयोगी (JDU) शासित राज्य बिहार में पुलिस ने एक ऐसा नियम बनाया है जिसमें प्रदर्शन के दौरान नियम तोड़नेवालों को सरकारी नौकरी और सरकारी ठेका देने में खास ख्याल रखाा जाएगा। मतलब वैसे लोगों को सरकार की तरफ से कोई मदद नहीं मिलेगी। अखबार को कोट करते हुए बिहार के नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने ट्वीट किया है कि ''गांधीवाद की दिखावटी बात करने वाले जेपी आंदोलन से निकले कथित नेता की तानाशाही के चर्चे और पर्चे अब विदेशों में छप रहे हैं। सोशल मीडिया पर लिखने से जेल, धरना-प्रदर्शन करने पर नौकरी से वंचित करने के तुगलकी फरमान सुनाए जा रहे हैं। लोकतंत्र की जननी बिहार को NDA सरकार अपमानित कर रही है।''



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      LJP ने भी बिहार सरकार को घेरा

      लोक जनशक्ति पार्टी के आधिकारिक ट्वीटर हैंडल से लिखा गया है कि ''अमेरिका के अखबार The New York Times में महात्मा गांधी के विचारों का गला घोंट कर हिटलर और बेनिटो मुसोलिनी के विचारों से प्रेरित बिहार प्रदेश प्रशासन के बेहद कायरना फरमान की चर्चा की है। नीतीश सरकार के खिलाफ उठ रही आवाज को दबाने के लिए जारी बेतुके फरमान की चर्चा विश्व भर में हो रही है।'' दोनों ट्वीट की भाषा और मतलब एक जैसा है। तेजस्वी यादव और चिराग पासवान दोनों ने एक ही अंदाज में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को घेरा है।




      बिहार पुलिस की चिट्ठी में क्या है?

      1 फरवरी 2021 को जारी बिहार पुलिस की चिट्ठी में लिखा है कि ''यदि कोई व्यक्ति किसी विधि-व्यवस्था की स्थिति, विरोध प्रदर्शन, सड़क जाम इत्यादि मामलों में संलिप्त होकर किसी आपराधिक कृत्य में शामिल होता है और उसे इस कार्य के लिए पुलिस द्वारा आरोप पात्रित किया जाता है तो उनके संबंध में चरित्र सत्यापन प्रतिवेदन में विशिष्ट एवं स्पष्ट रूप से प्रविष्टि की जाए। ऐसे व्यक्तियों को गंभीर परिणामों के लिए तैयार रहना होगा क्यों कि उनमें सरकारी नौकरी/सरकारी ठेके आदि नहीं मिल पाएंगे।''


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      इसका सौ फीसदी पालन किया जाए, इसके लिए पुलिस महकमे के ऊपर से नीचे तक के अफसरों को निर्देश दिया गया है। साफ-साफ लिखा है कि ''प्रतिवेदन तैयार करने के लिए संबंधित थाना द्वारा सभी अभिलेखों यथा- अपराध अनुक्रमणी भाग-2 अल्फाबेटिकल पंजी, प्राथमिकी, आरोप-पत्र एवं अन्य सभी आवश्यक अभिलेखों का अध्ययन किया जाएगा। किसी भी परिस्थिति में चूक नहीं होनी चाहिए। पुलिस सत्यापन प्रतिवेदन पूर्ण और सही-सही हो, यह संबंधित थानाध्यक्ष की व्यक्तिगत जिम्मेदारी होगी।''


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