जाने केंद्र सरकार क्यों रही है निजीकरण ,PM मोदी ने बताई वजह
We News 24 Hindi » नई दिल्ली कविता चौधरी की रिपोर्ट
नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि सरकार का व्यापार में रहने का काम नहीं है. उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि सरकार का ध्यान लोगों के कल्याण और विकास से जुड़ी परियोजनाओं में ही रहना चाहिए. वे एक वेबिनार में निवेश और सार्वजनिक संपत्ति प्रबंधन विभाग के लिए बजट में हुई घोषणाओं पर बोल रहे थे.
ये भी पढ़े-भाजपा अध्यक्ष नड्डा के आने से पहले बंगाल पुलिस ने भाजपा कार्यकर्ताओं पर लाठीचार्ज किया, महिलाओं को भी नहीं छोड़ा
प्रधानमंत्री ने कहा कि सरकार खुद व्यापार चलाए, उसकी मालिक बनी रहे, आज के युग में न ये आवश्यक है, न ये संभव रहा. उन्होंने कहा, 'सरकार जब व्यापार करने लगती है तो बहुत नुकसान होते हैं. निर्णय लेने में सरकार के सामने बंधन होते हैं. सरकार में वाणिज्यिक निर्णय लेने का अभाव रहता है. सभी को आरोप और कोर्ट का डर रहता है. इस कारण सोच रहती है कि जो चल रहा है उसे चलने दो ऐसी सोच के साथ व्यापार नहीं हो सकता.'
निजीकरण पर बोलते हुए पीएम मोदी ने कहा कि कई सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम घाटे में हैं और कइयों को करदाताओं के पैसे से मदद दी जा रही है. उन्होंने कहा, 'बीमार सार्वजनिक उपक्रमों को वित्तीय समर्थन से अर्थव्यवस्था पर बोझ पड़ता है, सरकारी कंपनियों को केवल इसलिए नहीं चलाया जाना चाहिए कि वे विरासत में मिली हैं.'
ये भी पढ़े-बिहार के मंत्री सीतामढ़ी में शराब माफिया से पुलिस मुठभेड़ पर अजीबोगरीब बयान दे रहे हैं
निजीकरण पर आयोजित वेबिनार में पीएम मोदी ने बजट 2021-22 की भी तारीफ की और कहा कि इसमें भारत को ऊंची वृद्धि की राह पर ले जाने के लिए स्पष्ट रूपरेखा बनाई गई है. उन्होंने कहा, 'इस बजट ने फिर से भारत को तेज गति से विकास की दिशा में ले जाने के लिए स्पष्ट रोडमैप सामने रखा. बजट में भारत के विकास में प्राइवेट सेक्टर की मजबूत साझेदारी पर भी ध्यान दिया गया है. पब्लिक-प्राइवेट भागीदारी के अवसर और लक्ष्यों को स्पष्ट तौर पर सामने रखा गया है.'
कोई टिप्पणी नहीं
कोमेंट करनेके लिए धन्यवाद