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    जून में शुरू करेगा चीन तिब्बत की पहली बुलेट ट्रेन , भारत के इस राज्य के पास बनाया आखिरी स्टेशन





    We News 24 Hindi »  बीजिंग 
    मिडिया  रिपोर्ट


    बीजिंग : लद्दाख  में भले ही चीन ने अपने सैनिकों को पीछे हटा लिया हो लेकिन अब भी चीन भारत के आस-पास अपनी विस्तारवादी नीति  से पीछे  नहीं हट  रहा है। अभी की  ताजा  खबर है कि ल्हासा और भारत के अरुणाचल प्रदेश की सीमा से सटे निंगची के बीच तिब्बत की पहली हाई स्पीड ट्रेन सर्विस इस साल जून तक चालू हो जाएगी। इसका मतलब हुआ कि इस रेलवे लाइन के शुरू होने से चीन की पहुंच अरुणाचल प्रदेश की सीमा तक हो जाएगी।


    चीन के रेलवे के एक वरिष्ठ अधिकारी ने शनिवार को इस मामले में जानकारी दी है। रेलवे लाइन तिब्बत के जिस निंगची में समाप्त होगी, वो स्थान अरुणाचल प्रदेश के बॉर्डर से काफी नजदीक है. उल्लेखनीय है कि चीन अरुणाचल प्रदेश को भी अपना हिस्सा मानता है। हालांकि, भारत ने चीन के इस दावे का हमेशा ही सख्ती से विरोध कि

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    या है और कहा है कि पूरा अरुणाचल प्रदेश भारत का अभिन्न अंग है।


    435 किलोमीटर लंबी हाई-स्पीड ट्रेन कॉरिडोर का निर्माण साल 2014 में शुरू हुआ था। 


    ध्यान देने वाली बात यह है कि यह ट्रेन कॉरिडोर निंगची तक बनाया गया है, जो कि अरुणाचल प्रदेश की सीमा से 50 किलोमीटर से भी कम दूरी पर है।चीन हमेशा दावा करता रहा है कि पूरा अरुणाचल प्रदेश दक्षिण तिब्बत का हिस्सा है। वह निंगची के दूरगामी इलाकों में भी लगातार निर्माण कार्य कर रहा है। निंगची में तिब्बत की तरह ही विदेशी पत्रकारों और राजनयिकों को जाने की इजाजत नहीं है।


    उदाहरण के लिए चीन सिचुआन-तिब्बत रेलवे लाइन भी बना रहा है। यह रेलवे लाइन 1 हजार 11 किलोमीटर लंबी है और इसमें 26 स्टेशन है। यह रेलवे लाइन जब पूरी हो जाएगी तो चीन आसानी से भारत संग विवादित क्षेत्र तक पहुंच हासिल कर लेगा।

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    बीते साल नवंबर में चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने निंगची तक आने वाले रेलवे प्रोजेक्ट को देश की एकता की सुरक्षा के लिए अहम बताया था। सिचुआन-तिब्बते रेलवे लाइन सिचुआन प्रांत की राजधानी चेंगडु से शुरू होती है और यान से होते हुए तिब्बत पहुंची हूं। इस रेलवे लाइन से चेंगडु से ल्हासा के बीच का 48 घंटे का सफर घटकर 13 घंटे रह जाएगा।पहली हाई स्पीड ट्रेन के बारे में बात करते हुए चीन के रेलवे अधिकारी ने कहा कि पटरी बिछाने का काम 2020 के आखिर तक पूरा हो गया था। यह ट्रेन 160 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चलेगी। 


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