भारत में पहली बार सेक्स वर्कर को राशन और नगद सहायता के लिए बिहार विधानसभा में उठाया गया सवाल
We News 24 Hindi »पटना राजकुमार की रिपोर्ट
पटना : भारत में पहली बार यौनकर्मियों( सेक्सवर्कर) के मुद्दे को लेकर के किसी विधानसभा में प्रश्न उठाए गए हैं यह कम्युनिस्ट पार्टी माओवादी लेनिनवादी जोकि अति अल्पसंख्यकों की आवाज है ने आवाज उठाई।
यौन कर्मी अति अल्पसंख्यक संख्या में बिहार में मौजूद हैं जो कोविड-19 दौरान माननीय उच्चतम न्यायालय के आदेश के बाद नगद और राशन सहायता देनी थी।
ये भी पढ़े-पटना में RJD कार्यकर्ताओं का जमकर हंगामा , हिरासत में लिए गए तेजस्वी-तेजप्रताप
यौनकर्मियों को अभी तक कोई भी मानवीय आधार पर सहायता नहीं मिलती है समाज में इनके जीवन का उपयोग लोग अपने मनोरंजन साधन के रूप में करते हैं परंतु उनके जीवन को सुरक्षित रखा जाए इसके लिए कोई कार्य सरकारों के द्वारा नहीं की जाती है दुर्बार महिला समिति कोलकाता के द्वारा माननीय उच्चतम न्यायालय में याचिका दायर की गई थी कि कोविड-19 दौरान लोग मुश्किलों से गुजर रहे हैं उन्हें सहायता करने की आवश्यकता है माननीय उच्चतम न्यायालय ने आदेश दिया कि नगद सहायता और राशन की सहायता दी जाए परंतु बिहार राज्य सरकार ने कोई भी सहायता नहीं दी सिर्फ राशन कार्ड बनवाने के नाम पर यह समय खत्म कर दिया गया।
जबकि राशन सहायता अभी भी मुंह बाए खड़ी हुई है और इनके जिंदगियां मुश्किलों से गुजर रही है
महाराष्ट्र राज्य सरकार ने यौन कर्मियों को पांच ₹5000 नगद तथा राशन सहायता दी और जिनके बच्चे हैं उन्हें ढाई हजार रुपये अलग से सहायता दी गई।
भारत में मानवाधिकारों के लिए सभी के जीवन का अधिकार सुरक्षित कैसे हो कानूनी संरक्षण प्राप्त है परंतु कानून के द्वारा आदेश देने के बाद भी बिहार राज्य सरकार उनके जीवन के लिए भी तत्पर नहीं है।
मैं रेशमा प्रसाद मांग करती हूं कि यौन कर्मियों को राशन तथा नगद सहायता दी जाए जिस तरीके से या आवाज विधानसभा में उठी है सरकारों के व्यक्तियों को भी कानों मे बजनी चाहिए और सरकारों को संरक्षण के लिए आगे आना होगा। बिहार सरकार से मांग करती हूं कि महाराष्ट्र सरकार के तर्ज पर नगद तथा राशन सहायता देने की प्रक्रिया करें।
कोई टिप्पणी नहीं
कोमेंट करनेके लिए धन्यवाद