दिल्ली में अब चलेगी LG अनिल बैजल की हुकूमत ,मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल बनकर रह गये रबड़ स्टेम्प
We News 24 Hindi » नई दिल्ली आरती गुप्ता की रिपोर्ट
नई दिल्ली : राजनीतिक रार के बीच दिल्ली में लेफ्टिनेंट गवर्नर अनिल बैजल और मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के अधिकारों को स्पष्ट करने वाले विधेयक को राष्ट्रपति ने मंजूरी दे दी. राष्ट्रपति की मंजूरी मिलते है यह बिल अब कानून बन गया. गवर्नमेंट ऑफ नेशनल कैपिटल टेरिटरी (अमेंडमेंट) बिल, 2021 (GNCTD ) को हाल ही में संसद ने मंजूरी दी थी. दिल्ली सरकार इस कानून को संविधान के खिलाफ बता रही है और इसे अदालत में चुनौती देने का संकेत दिया है. गौरतलब है कि राज्यसभा ने बुधवार को गवर्नमेंट ऑफ नेशनल कैपिटल टेरिटरी ऑफ दिल्ली (अमेंडमेंट) बिल 2021 को विपक्ष के हंगामे के बीच मंजूरी दे दी थी. वहीं लोकसभा में सोमवार को यह बिल पास हुआ था. बिल में प्रावधान है कि राज्य कैबिनेट या सरकार किसी भी फैसले को लागू करने से पहले लेफ्टिनेंट गवर्नर की 'राय' लेगी.
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एलजी अब अधिकार संपन्न
बिल के मुताबिक दिल्ली विधानसभा के बनाए किसी भी कानून में सरकार से मतलब एलजी से होगा. एलजी को सभी निर्णयों, प्रस्तावों और एजेंडा की जानकारी देनी होगी. यदि एलजी और मंत्री परिषद के बीच किसी मामले पर मतभेद है तो एलजी उस मामले को राष्ट्रपति के पास भेज सकते हैं. इतना ही नहीं, एलजी विधानसभा से पारित किसी ऐसे बिल को मंजूरी नहीं देंगे जो विधायिका के शक्ति-क्षेत्र से बाहर हैं। वह इसे राष्ट्रपति के विचार करने के लिए रिजर्व रख सकते हैं.
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सुप्रीम कोर्ट ने भी साफ की थी स्थिति
सुप्रीम कोर्ट ने 2018 के अपने फैसले में भी साफ किया था कि दिल्ली सरकार जो भी फैसला लेगी, उसके बारे में वह एलजी को जानकारी देगी, लेकिन एलजी की सहमति जरूरी नहीं है. हालांकि अब इस बिल के तहत एलजी को यह अधिकार मिल गया है कि अगर वह मंत्रिपरिषद के किसी फैसले से सहमत नहीं हैं तो मामले को राष्ट्रपति के पास भेज सकते हैं. गौरतलब है कि दिल्ली में सत्ताधारी आम आदमी पार्टी, कांग्रेस, नेशनल कांफ्रेंस समेत कई विपक्षी पार्टयों ने इस बिल का विरोध किया है. अरविंद केजरीवाल ने इस बिल को लेकर केंद्र सरकार और बीजेपी पर निशाना साधते हुए कहा था कि यह चुनी हुई सरकार की वे चुनी हुई सरकार की शक्तियों के कम करना चाहते हैं.
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