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    पुलिस बर्बरता और विशेष सशस्त्र पुलिस अधिनियम के खिलाफ,महागठबंधन और मार्ले का भारत, बिहार बंद रहा सफल



    • विधान सभा में विधायकों के साथ पुलिस बर्बरता और विशेष सशस्त्र पुलिस अधिनियम के खिलाफ महागठबंधन के आह्वान पर बिहार बंद का दिखा असरदार रंग।
    • लोकतंत्र को शर्मसार करने वाली घटना पर बिहार की जनता से माफी मांगें मुख्यमंत्री नीतीश कुमार- माले
    • देश विरोधी तीनों कृषि कानून वापस ले मोदी सरकार
    • बंद के समर्थन में शहर से गांव तक सड़कों पर उतरे माले व महागठबंधन कार्यकर्ताओं सहित सैकड़ों लोग


    We News 24 Hindi »मुजफ्फरपुर
    राजकुमार की   रिपोर्ट


    मुजफ्फरपुर : विधानसभा में विपक्षी विधायकों पर पुलिसिया बर्बरता, विशेष पुलिस सशस्त्र अधिनियम 2021 तथा लोकतंत्र पर हमले के खिलाफ महागठबंधन के आह्वान पर आयोजित बिहार बंद तथा देश विरोधी कृषि कानूनों के खिलाफ भारत बंद मुजफ्फरपुर में शहर से गांव तक असरदार रहा। सुबह से ही भाकपा-माले, किसान महासभा, खेत मजदूर सभा व ऐक्टू के सैकड़ों कार्यकर्ताओं सहित राजद व वामदलों सहित किसान-मजदूर संगठनों के सैकड़ों लोग सड़कों पर उतर पड़े। मुजफ्फरपुर से गुजरने वाले एनएच 28, 57, 77 सहित सभी मुख्य मार्गों को घंटों जाम रखा गया। बंद की शानदार सफलता पर माले जिला सचिव कृष्ण मोहन, किसान- मजदूर नेता शत्रुघ्न सहनी, इंसाफ मंच के नेता आफताब आलम, ऐक्टू के जिला संयोजक मनोज यादव ने मुजफ्फरपुर की जनता का अभिनंदन किया है।

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    मुजफ्फरपुर शहर में निकले जुलूस में माले नेता शत्रुघ्न सहनी,प्रो अरविंद कुमार डे, विमलेश मिश्र, इंसाफ मंच के राज्य उपाध्यक्ष आफताब आलम, मनोज यादव,विजय गुप्ता,उमेश भारती, संतलाल पासवान, दिनेश सहनी, नरेश राय, डॉ शिवप्रिय, आइसा के दीपक कुमार, अजय कुमार, शहनवाज, बिक्की कुमार,अमित कुमार, इंसाफ मंच के जिला अध्यक्ष फहद जमां, रेयाज खान, नौजवान सभा के मो. गुलजार, शफीकुर रहमान, जफर इलाही सहित बड़ी संख्या में पार्टी कार्यकर्ता, नौजवान तथा मजदूर शामिल थे। जूलूस हरिसभा स्थित माले कार्यालय से निकल कर शहर के सभी प्रमुख मार्गों से गुजरा। इस दौरान माले नेताओं ने कहा कि विधान सभा में पुलिस की गुंडागर्दी लोकतंत्र के इतिहास में काला अध्याय है। 

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    सदन के भीतर विपक्षी विधायकों की पुलिस द्वारा पिटाई और बर्बरता के लिए भाजपा-जदयू सरकार और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जिम्मेवार हैं। मुख्यमंत्री को इसकी जिम्मेवारी स्वीकार करते हुए बिहार की जनता से माफी मांगनी होगी। उन सभी पुलिस व प्रशासनिक अधिकारियों को भी बर्खास्त किया जाए जो विधायकों पर हमला के लिए जिम्मेवार हैं। मुख्यमंत्री नीतीश सरकार से यह भी मांग की गई कि विधानसभा में जबरन पास कराये गए बिहार विशेष सशस्त्र पुलिस अधिनियम 2021को वापस लिया जाए। बंद के दौरान मोदी सरकार से देश विरोधी तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने, न्यूनतम समर्थन मूल्य का कानून बनाने की मांग पर भी जोर दिया गया।

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     बोचहां में मझौली व ऐतवारपुर एनएच 57 को माले नेता रामनंदन पासवान ,रामबालक सहनी व राजद के नेताओं के नेतृत्व में सैकड़ों लोगों ने घंटों जाम रखा। एनएच-77 को भी माले नेता होरिल राय व राजद के नेताओं के नेतृत्व में तथा एनएच-28 को भी सकरा, कांटी व अन्य जगहों पर तथा मुशहरी, साहेबगंज, मीनापुर सहित अन्य प्रमुख मार्गों को भी घंटों जाम रखा गया। 


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