• Breaking News

    भारत में तीसरी कोरोना वैक्सीन को मिली मंजूरी , ये पूरी तरह सुरक्षित और संक्रमण रोकने में कारगर है




    We News 24 Hindi »नई दिल्ली 
    काजल कुमारी   की  रिपोर्ट 


    नई दिल्ली : भारत में तीसरी कोरोना वैक्सीन का हुआ आगमन ये वैक्सीन रूस से आया है इसका नाम है स्पुतनिक-वी इसे भारत में आपात इस्तेमाल की मंजूरी मिली है 


    इसकी मंजूरी भारत के  दवा नियामक ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया ने दिया है उनका कहना है की स्पुतनिक-वी पूरी तरह सुरक्षित और संक्रमण रोकने में कारगर है । रूसी वैक्सीन परीक्षण में 91.6 फीसद कारगर पाई गई है। हालांकि इसकी कीमत को लेकर कोई अभी तक कोई आधिकारिक जानकारी सामने नहीं आई है। बता दें कि अब तक की सबसे प्रभावी इस वैक्सीन को 59 देशों में इजाजत मिल चुकी है। 

    ये भी पढ़े-बंगाल में बिहार पुलिस की हत्या कांड में बड़ा खुलासा , पुलिस पर हमले के लिए मस्जिद किया गया एलान

    ऐसी है स्पुतनिक-वी वैक्सीन

    स्पुतनिक-वी वेक्टर आधारित वैक्सीन है। इसमें एडेनोवायरस--5 व एडेनोवायरस--26 का इस्तेमाल किया गया है, जो कोरोना वायरस के स्पाइक प्रोटीन को खत्म करते हैं। एस्ट्राजेनेका व जॉनसन एंड जॉनसन आदि कंपनियों ने भी अपनी वैक्सीन में इन्हीं में से किसी एक वेक्टर का इस्तेमाल किया है।

     भी पढ़े-सीतामढ़ी जिले के माने चौक में लगी भीषण आग ,आगलागी में 4 दर्जन घर जल कर राख

    रख रखाव  में नहीं होगी परेशानी

    रूस की इस वैक्सीन को 2--8 डिग्री सेल्सियस तापमान पर रखा जा सकता है। इसका मतलब हुआ कि इसके भंडारण में दिक्कत नहीं आएगी। वैक्सीन की यह खासियत उसे भारत के लिए ज्यादा उपयोगी बनाती है।


    रूस में तीसरे दौर के परीक्षण

    रूस में तीसरे दौर के परीक्षण परिणाम में स्पुतनिक-वी वैक्सीन 91.6 फीसद तक प्रभावी पाई गई। लांसेट पत्रिका में प्रकाशित रिपोर्ट के अनुसार, वैक्सीन का कुल 19,866 लोगों पर परीक्षण किया गया। इनमें 14,964 लोगों को वैक्सीन लगाई गई थी, जबकि 4,902 पर प्लेसबो (डमी) का इस्तेमाल किया गया था। सभी को 21 दिनों के अंतराल पर दो खुराक दी गई। इनमें कुल 78 लोग कोरोना संक्रमित हुए। 62 प्लेसबो वाले समूह से थे और 16 वैक्सीन वाले समूह से। इसी आधार पर वैक्सीन का प्रभाव तय किया गया।

    ये भी पढ़े-सीतामढ़ी : NH 77 पर बेकाबू ट्रक ने साइकिल सवार को रौंदा

    स्पुतनिक नाम ही क्यों

    रूसी शब्द स्पुतनिक की उत्पत्ति पुत से हुई है, जिसका अर्थ है रास्ता। पुत से पहले लगने वाले एस का मतलब है साथी या सहयोगी। बाद में लगने वाले निक का अर्थ है व्यक्ति। इस प्रकार स्पुतनिक का अर्थ हुआ रास्ते का साथी। यह बहुत लोकप्रिय शब्द है। मसलन, रूस में एक शब्द है स्पुतनिक झिजनी। इसका अर्थ है जीवन साथी यानी पत्नी या पति।  


    Header%2BAidWhats App पर न्यूज़ Updates पाने के लिए हमारे नंबर 9599389900 को अपने मोबाईल में सेव  करके इस नंबर पर मिस्ड कॉल करें। फेसबुक-टिवटर पर हमसे जुड़ने के लिए https://www.facebook.com/wenews24hindi और https://twitter.com/Waors2 पर  क्लिक करें और पेज को लाइक करें

    %25E0%25A4%25B8%25E0%25A5%259E%25E0%25A5%2587%25E0%25A4%25A6

    कोई टिप्पणी नहीं

    कोमेंट करनेके लिए धन्यवाद

    Post Top Ad

    Post Bottom Ad