चाचा पारस भतीजे चिराग की लड़ाई में किसी को नहीं मिला बंगला चुनाव चिन्ह, चुनाव आयोग ने लगाई रोक
We News 24»नई दिल्ली
रिपोर्टिंग /आरती गुप्ता
नई दिल्ली , चिराग पासवान और केंद्रीय खाद्य एवं प्र संस्करण मंत्री पशुपति कुमार पारस से झगड़े के बीच शनिवार को चुनाव आयोग ने बड़ा निर्णय लिया है। इलेक्शन कमीशन ने लोक जनशक्ति पार्टी का सिंबल बंगला पर लगाया रोक । केंद्रीय मंत्री रहे रामविलास पासवान के निधन बाद लोजपा में टूट हुई थी, जिसके बाद चिराग और पशुपति दोनों अपने को लोजपा का असली मालिक बता रहे थे। इसी बीच चुनाव आयोग ने बड़ा निर्णय लेते हुए पार्टी का सिंबल पर रोक दिया है। हालांकि चुनाव आयोग ने दोनों ही पक्षों को अपनी ओर से हल निकालने के लिए कहा है। आयोग ने कहा कि चिराग और पारस अपने-अपने पक्ष और चिह्न का चयन कर लें।
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ऐसे में बिहार की दो विधानसभा सीट कुशेश्वरस्थान और तारापुर के लिए होने वाले उपचुनाव में प्रत्याशी उतारने की तैयारी कर रहे चिराग को बड़ा झटका लगा है। चुनाव आयोग के फैसले के बाद अब चिराग और पशुपति पारस गुट चुनाव चिह्न बंगले का इस्तेमाल नहीं कर पाएगा। हालांकि शुक्रवार को बिहार बीजेपी अध्यक्ष डा. संजय जायसवाल एक विवादित बयान दिया की लोजपा के असली मालिक पशुपति कुमार पारस हैं। और बिहार की दो सीटों पर होने वाले उप चुनाव में पशुपति पारस एनडीए के उम्मीदवार को समर्थन में प्रचार करेंगे। इस बीच चिराग पासवान ने भी अपने उम्मीदवार उतारने का निर्णय लिया है।
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इसको लेकर रविवार को पार्टी संसदीय बोर्ड की बैठक बुलाई गई है। चिराग गुट की लोजपा की तरफ से बताया गया था कि संसदीय बोर्ड की बैठक में दोनों सीट पर होने वाले चुनाव के लिए प्रत्याशी के नाम पर मुहर लगा दी जाएगी। पशुपति पारस पहले ही कह चुके हैं वह एनडीए के साथ हैं। वहीं चिराग ने हाल ही में मीडिया को बयान देते हुए कहा था कि चुनाव आयोग को पता है कि असली लोजपा किसकी है। ऐसे में चिराग की दो सीटों पर प्रत्याशी उतारने की उम्मीदों पर भी पानी फिर गया है। अब देखने वाली बात है कौन गुट किस सिम्बल पर अपने प्रत्याशी को चुनाव लडवाती है .
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