आज पीएम मोदी रखेंगे देश के सबसे प्रमुख जेवर इंटरनेशनल एयरपोर्ट की आधारशिला
We News 24» रिपोर्टिंग / मनीषा
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी आज उत्तर प्रदेश के ग्रेटर नोएडा में जेवर इंटरनेशनल एयरपोर्ट की आधारशिला रखेंगे।अगले तीन वर्षो के भीतर देश के सबसे प्रमुख विमानन केंद्र के तौर पर स्थापित हो जाएगा। उस समय तक जेवर इंटरनेशनल एयरपोर्ट भारत का आधुनिकतम ग्रीनफील्ड एयरपोर्ट होगा। इसके अलावा उत्तर प्रदेश में उस समय तक 16 अन्य एयरपोर्ट परिचालन में होंगे। एक तरह से यह देश में हवाई मार्गो से सबसे ज्यादा कनेक्टेड रहने वाला राज्य होगा। इस एयरपोर्ट का पहला चरण अगले 36 महीनों में (नवंबर, 2024) तक पूरा हो जाएगा जिस पर 4,588 करोड़ रुपये की लागत आएगी।
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देश में अभी तीन ग्रीनफील्ड एयरपोर्ट बनाए जा रहे
नागरिक उडड्यन सचिव राजीव बंसल ने बताया कि इस सेक्टर में जेवर एयरपोर्ट पर सबसे ज्यादा निवेश किया जा रहा है। देश में अभी तीन ग्रीनफील्ड एयरपोर्ट बनाए जा रहे हैं जो गोवा, नवी मुंबई और जेवर में होंगे। गोवा का नया एयरपोर्ट अगले वर्ष से आपरेशनल हो जाएगा जबकि नवी मुंबई पर काम शुरू ही हुआ है। विमानन सेक्टर के विकास की गति इतनी है कि दिल्ली स्थित इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट राष्ट्रीय राजधानी और आसपास के यात्रियों का पूरा दबाव नहीं झेल पाएगा। ऐसे में जेवर एक अहम कनेक्टिविटी सेंटर के तौर पर उभरेगा। जेवर के आसपास काफी घनी आबादी वाले शहर हैं जिन्हें बड़े पैमाने पर घरेलू व अंतरराष्ट्रीय कनेक्टिविटी की जरूरत है।
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अगले वर्ष अलीगढ़, चित्रकुट, आजमगढ़, मुरादाबाद और श्रावस्ती में हवाई अड्डे तैयार हो जाएंगे
बंसल ने बताया कि उत्तर प्रदेश में अभी लखनऊ, आगरा, कानपुर, गोरखपुर, प्रयागराज, हिंडन, बरेली, कुशीनगर व वाराणसी में एयरपोर्ट हैं। अगले वर्ष 2022 में अलीगढ़, चित्रकुट, आजमगढ़, मुरादाबाद और श्रावस्ती में हवाई अड्डे तैयार हो जाएंगे। इसके बाद वर्ष 2023 में मुरपुर (सोनभद्र) और अयोध्या में एयरपोर्ट तैयार होंगे। जबकि वर्ष 2024 में जेवर एयरपोर्ट आपरेशनल हो जाएगा। सरकार को इस एयरपोर्ट से उड़ान भरने वाले हर यात्री पर 400.97 रुपये का शुल्क मिलेगा। अभी देश के हवाई अड्डों पर कुल 90 हजार करोड़ रुपये का निवेश हो रहा है। यह निवेश पांच वर्षो में होगा और इससे देश में मौजूदा एयरपोर्ट की संख्या 136 से बढ़ कर 220 के करीब हो जाएगी।
जेवर एयरपोर्ट : एक नजर में
- पहले चरण का काम नवंबर, 2024 तक पूरा करने का लक्ष्य
- पहले चरण पर कुल 4,588 करोड़ रुपये की आएगी लागत
- चार चरणों में होगा विकास, अंतिम चरण का काम वर्ष 2050 में होगा पूरा
- चारों चरणों के निर्माण पर आएगी 29,560 करोड़ रुपये की लागत
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