आइए चलते हैं ,लंगूर खोला के रोमांचक सफर पर,यंहा विराजमान है सक्षात शिव
ढलकेवर नेपाल :हिंदू धर्म में भगवान शिव अपना एक खास स्थान रखते हैं और पूरी दुनिया में सबसे ज्यादा पूजे जाते है । शिव के भक्तों की संख्या अशंख्य है । शिव जी की पूजा में शिवलिंग अपनी अलग महत्व रखते है । सामान्य तौर पर ऐसा भी कहा जाता है कि बिना शिवलिंग के शिव की पूजा अधूरी मानी जाती है ।और शिव का 12 ज्योति शिवलिंग के बारे में आपने सुना ही ही होगा पर इन 12 ज्योति शिवलिंगके आलावा भी शिव के बहुत सारे ऐसे स्थान है जो बड़े ही दुर्गम और बड़े -बड़े पर्वतों के बिच बसा है . ऐसे कई स्थान जिसके बारे में हम जानते तक नहीं है .
ऐसे में आज हम आपको एक ऐसे ही अनसुना और अनदेखा शिवलिंग के बारे में बताने जा रहे हैं . जिसके बारे में बहुत कम लोग जानते है .जो सदियों से लोगो के पहुँच से दूर था इस शिव लिंग की खोज आज से तक़रीबन 55 साल पहले किया गया | तो आइये चलते है रोमांचो से भरी हुयी लंगूर खोला यात्रा पर
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जो दुर्गम पहाड़ी रास्ते और नदी से होकर गुजरती है | यंहा जाने के लिए के दो रास्ते है एक तो पुराना रास्ता है जो बहुत ही दुर्गम और कठनाई भरा है जो नेपाल के ढलकेबर से जाता है | और दूसरा रास्ता चन्दनपुर से है आप चंदनपुर तक अपनी सवारी या मिनी बस से जाने के बाद आपको ये यात्रा पैदल पूरा करना होगा .
जन्हा पर आपको अद्भुत शिवलिंग का दर्शन होगा जो लंगूर खोला नामक एक गुफा में स्थित है । इस मंदिर को असली नाम मधु गंगा महादेव है लेकिन इस नाम से बहुत कम लोग ही जानते है लोगो में ये लंगूर खोला के नाम से प्रसिद्ध है । यह नेपाल के सिन्धुली जिला के दुधौली नगर पालिका वार्ड न 2 में स्थित है | वैसे तो आको बताते चले की नेपाल दुनिया का एक बहुत ही खूबसूरत देश है जिसको ‘दुनिया की छत’ के रूप में भी जाना जाता है। नेपाल एक प्यारा हिमालयी देश है जो यहाँ आने वाले पर्यटकों को बेहद आकर्षित करता है।
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मधु गंगा महादेव की खोज
मधु गंगा महादेव के बारे में कहा जाता है कि आज से लगभग 53 साल पहले बद्री बहादुर थापा नामक व्यक्ति का गाय का बच्चा खो गया उस गाय की बच्चे की खोज के क्रम में ये मधु गंगा महादेव मिला |
जाहिर है कि यह शिवलिंग अपने आपमें बहुत ही खास है । ऐसे में इसकी पूजा - अर्चना के लिए भारी संख्या में आसपास के लोगों का जमावड़ा लगता है । हालांकि इस मंदिर और शिवलिंग के बारे में ।
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बहुत कम लोगों को जानकारी है । इसलिए इसके दर्शन के लिए दूर - दूराज के लोग बहुत कम आते हैं । उल्लेखनीय है कि सावन के महीनो में इस मंदिर में भारी संख्या में लोग जमा होते हैं । ऐसे में यहां का नजारा देखने लायक होता है ।
लंगूर खोला की कहानी |
इस अद्भुत शिव लिंग नाम है मधु गंगा महादेव जो एक गुफा में विराजमान है इस गुफा की कहानी है की आज से लगभग 53 साल पहले बद्री बहादुर थापा नामक व्यक्ति का गाय का बच्चा खो गया उस गाय की बच्चे की खोज करते-करते वो कमला नदी पहुंचे जब उनकी नजर इस गुफा पर परी इस गुफा के अद्भुत नजारे है इस गुफा के अन्दर अनेक शिव लिंग बना हुआ है और उस शिव लिंग पर गुफा के ऊपर से गाय के थन के का कई आकर बना हुआ है और उस थन से दूध के रंग जैसा पानी प्रत्येक शिव लिंग पर गिरता रहता है | ये नजारा देखते ही बनता है |
लंगूर खोला जाने के रास्ते |
लंगूर खोला की यात्रा पर नेपाल से सटे बिहार के कई जिला जैसे सीतामढ़ी,मधुबनी,मुजफ्फरपुर,मोतिहारी से बड़ी तादात में लोग आते है | और लगभग एक दिन का कठिन सफर तय कर इस पवित्र स्थान पर शिव भक्त पहुचते है | इस यात्रा आप एक बार आयेंगे तो बार-बार आने का आपका दिल करेगा |
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