दल बदलू नेता बनायेंगे अखिलेश यादव को CM और PM
We News 24» रिपोर्टिंग / दिनेश जयसवाल
लखनऊ: योगी आदित्यनाथ कैबिनेट में पूर्व मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य और धर्म सिंह सैनी ने शुक्रवार को लखनऊ में समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव की मौजूदगी में सपा पार्टी ज्वाइन की। इस कार्यक्रम में मौजूद सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को छोड़कर जाने वाले भगवती प्रसाद सागर, विनय शाक्य, रोशनी लाल वर्मा, मुकेश वर्मा, बृजेश प्रजापति और चौधरी अमर सिंह समाजवादी पार्टी में शामिल हुए।
भगवती प्रसाद सागर कानपुर में बिल्हौर निर्वाचन क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करते हैं, शाक्य बिधूना से विधायक हैं, तिलहर से रोशन लाल वर्मा और शिकोहाबाद से भाजपा विधायक मुकेश वर्मा समाजवादी पार्टी में शामिल हुए। शरतगंज से भाजपा सहयोगी अपना दल (एस) के विधायक चौधरी अमर सिंह का भी अखिलेश यादव ने स्वागत किया।हाल ही में सत्ता छोड़ने वाले भाजपा के तीन मंत्रियों में से दो जहां मंच पर मौजूद थे, वहीं तीसरे दारा सिंह चौहान मंच पर नहीं थे।स्वामी प्रसाद मौर्य ने मंच पर अखिलेश यादव को पगड़ी पहनाकर सम्मानित किया और अखिलेश यादव ने पगड़ी पहनाकर बीजेपी को छोड़ उनकी पार्टी में आने वाले सभी नेताओं का स्वागत किया।
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इस कार्यक्रम के दौरान धर्म सिंह सैनी ने कहा कि 10 मार्च को एक बार फिर से समाजवादी झंडा लहरने वाला है। उन्होंने कहा, ''जो सम्मान आपने हमको दिया है, अपने परिवार का हिस्सा बना कर जो भाईचारा जो सामाजिकता आप में है, आपको विश्वास दिलाना चाहता हूं कि 2022 में सीएम की शपथ दिलाएंगे और 2024 में प्रधानमंत्री की।'' इस मौके पर स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा, ''आज 14 जनवरी मकर संक्रांति भाजपा के अंत का इतिहास लिखने जा रहा है। भारतीय जनता पार्टी के बड़े-बड़े नेता जो कुंभकरण की नींद सो रहे, थे जिनके पास मंत्रियों और विधायकों से बात करने का वक्त नहीं था, हम लोगों के इस्तीफा देने के बाद उनकी नींद हराम हो गई है।''
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उन्होंने कहा, '' बीजेपी के कुछ लोग कहते हैं कि 5 साल तक इस्तीफा क्यों नहीं दिया, कुछ बद दिमाग लोग ये कहते है कि बेटे के लिए पार्टी छोड़ी। बीजेपी ने कहा कि स्वामी प्रसाद मौर्य और केशव प्रसाद मौर्य की मुख्यमंत्री होंगे, लेकिन उसके बाद क्या किया, गोरखपुर से लाकर बैठा दिया और पिछड़े व ओबीसी के साथ छल किया। अब वह 80 और 20 का नारा देते हैं।''स्वामी ने कहा, ''अब नारा है 85 और 15 का, उसमें भी बंटवारा है। अभी 69000 शिक्षकों की भर्ती हुई, क्या अनुसूचित जाति के लोग हिंदू नहीं है? क्या पिछड़ा वर्ग के हिंदू नहीं है? क्या 23 फिसदी वाला ही हिंदू है? अब तो अनुसूचित जनजाति पिछड़ा मजलूम यह सब हमारे साथ खड़े होंगे। लोहिया के साथ-साथ अंबेडकर की जाति का जमावड़ा हो गया।''
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