• Breaking News

    भारत में अराजकता फैलाना चाहता है PFI ,दिल्ली जहांगीरपुरी में भी PFI का नाम आया सामने

    We%2BNews%2B24%2BBanner%2B%2B728x90


     We News 24» रिपोर्टिंग / दिल्ली ब्यूरो 

    नई दिल्ली : जहांगीरपुरी इलाके में हनुमान जन्मोत्सव पर हुई हिंसा को लेकर दिल्ली पुलिस क्राइम ब्रांच की जांच में नया मोड़ आ गया है। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, दिल्ली के जहांगीरपुरी इलाके में हुई हिंसा मामले में अब पापुलर फ्रंट आफ इंडिया संगठन का नाम सामने आ रहा है।


    ये भी पढ़े-रूस ने यूक्रेन के साथ परमाणु युद्ध की चेतावनी दी,रूस ने पोलैंड को गैस सप्लाई बंद कर दी


     बता दें कि पीएफआइ के कनेक्शन का खुलासा दुनिया के सबसे खतरनाक आतंकी संगठनों में शुमार अल कायदा से जुड़े करोड़पति आतंकी डा. सबील अहदम मामले की स्पेशल सेल की सप्लीमेंट्री चार्जशीट में भी हुआ है। वहीं, दिल्ली पुलिस आरोपितों की घटना वाले दिन की लोकेशन से लेकर इनके फोन की काल डिटेल रिकार्ड (सीडीआर) को खंगालने में जुटी है। इस दौरान पुलिस को 30 संदिग्ध नंबरों का पता चला, जिसकी जांच आरंभ कर दी गई।

    ये भी पढ़े-योग पाठशाला : वृक्षासन करने से रीढ़ सीधी और पैर मजबूत बनते हैं, आइए जानते हैं इसके फायदे

     पीएफआइ की भूमिका शक के घेरे ने 

    सूत्रों की मानें तो जहांगीरपुरी हिंसा के मामले में पापुलर फ्रंट आफ इंडिया (PFI ) की भूमिका संदिग्‍ध है। ऐसे में इस संगठन पर भी बारीकी से नजर रखी जा रहा है। हिंसा और उसके एक दिन पहले यानी 15 अप्रैल को पीएफआइ के छात्र विंग से जुड़े कई लोग जहांगीरपुरी इलाके में मौजूद थे। इनमें 20 संदिग्ध लोग क्राइम ब्रांच के रडार पर हैं। बता दें कि मध्य प्रदेश के खरगौन में हुई हिंसा में भी पीएफआइ का नाम सामने आ चुका है।


    ये भी पढ़े-दिल्ली के वसंत कुंज दलित एकता कैंप में पानी विवाद में महिला की गला रेतकर हत्या


    विदेश भागने की कोशिश में थे हिंसा के आरोपित


    दिल्ली के जहांगीरपुरी इलाके में 16 अप्रैल को हुई हिंसा को लेकर यह जानकारी भी सामने आ रही है कि कुछ आरोपित विदेश भागने की फिराक में जुटे थे। वहीं, अच्छी बात यह रही कि दिल्ली पुलिस ने कुछ आरोपियों को धर दबोचा है। वहीं, जो  फरार हैं, उनकी तलाश में ताबड़तोड़ छापेमारी की जा रही है।


    इन लोगों के खिलाफ गैरजमानती वारंट जारी

    सनबर

    कालिया

    सद्दाम खान

    अनवर

    चांद

    सलमान 

    तीन संगठनों से मिलकर बना PFI

    पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया 22 नवंबर 2006 को तीन मुस्लिम संगठनों को मिलकर बनाया गया था। इनमें केरल का नेशनल डेमोक्रेटिक फ्रंट, कर्नाटक फोरम फॉर डिग्निटी और तमिलनाडु का मनिता नीति पसरई साथ आए। PFI शुरू से ही खुद को गैर-लाभकारी संगठन बताता है। PFI ने आजतक अपने सदस्यों की जानकारी नहीं दी है। लेकिन संगठन दावा करता है कि 20 राज्यों में उसकी यूनिट है। शुरुआत में PFI का हेडक्वार्टर केरल के कोझिकोड में था, लेकिन बाद में इसे दिल्ली शिफ्ट कर लिया गया। ओएमए सलाम इसके अध्यक्ष हैं और ईएम अब्दुल रहीमान उपाध्यक्ष।

    विवादों से घिरा रहता है PFI

    देश में कही भी विवाद हो और उसमे PFI का नाम ना आए ऐसा हो ही नहीं सकता। PFI के कार्यकर्ताओं पर आतंकी संगठनों से कनेक्शन से लेकर हत्या तक के आरोप लगते रहे हैं। 2012 में केरल सरकार ने हाईकोर्ट में बताया था कि हत्या के 27 मामलों से PFI का सीधा-सीधा कनेक्शन है। इनमें से ज्यादातर मामले RSS और CPM के कार्यकर्ताओं की हत्या से जुड़े थे।

    PFI का अलकायदा और तालिबान से कनेक्शन

    केरल सरकार ने साल 2012 में हाईकोर्ट में बताया था कि “PFI और कुछ नहीं, बल्कि प्रतिबंधित संगठन स्टूडेंट्स इस्लामिक मूवमेंट ऑफ इंडिया (SIMI) का ही नया रूप है। PFI के कार्यकर्ताओं पर अलकायदा और तालिबान जैसे आतंकी संगठनों से कनेक्शन होने के आरोप भी लगते रहे हैं। वहीं, PFI खुद को दलितों और मुसलमानों के हक में लड़ने वाला संगठन बताता रहा है।


    इस आर्टिकल को शेयर करे .


    Header%2BAidWhatsApp पर न्यूज़ Updates पाने के लिए हमारे नंबर 9599389900 को अपने मोबाईल में सेव  करके इस नंबर पर मिस्ड कॉल करें। फेसबुक-टिवटर पर हमसे जुड़ने के लिए https://www.facebook.com/wenews24hindi और https://twitter.com/Waors2 पर  क्लिक करें और पेज को लाइक करें .

    कोई टिप्पणी नहीं

    कोमेंट करनेके लिए धन्यवाद

    Post Top Ad

    Post Bottom Ad